शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट का विवाद चुनाव आयोग के रास्ते अब उच्चतम न्यायालय में पहुंच गया है। शिंदे गुट ने अपने लिए शिवसेना दल की मान्यता और धनुष बाण चुनाव चिन्ह देने का अनुरोध चुनाव आयोग से किया। उस पर चुनाव आयोग की कारवाई को रोक लगाने के लिए ठाकरे गुट ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है।
शिवसेना के ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट द्वारा चल रहा मान्यता का संघर्ष विधानसभा, संसद के बाद चुनाव अयोग तक पहुंचा। शिंदे गुट ने चुनाव आयोग को शिवसेना नाम और चुनाव चिन्ह अपने गुट को देने की मांग की है। चुनाव आयोग ने इस विषय में दोनो गुट को सबूत पेश करने को कहा है। चुनाव आयोग 8 अगस्त को फैसला करेगा। उद्धव ठाकरे गुट को मान्यता और चुनाव चिन्ह खोने का डर है इसलिये उन्होने उच्चतम न्यायालय के तरफ रुख किया है।
लोकसभा में 12 सांसदों के निवेदन के पश्चात लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल शेवाले को शिवसेना गुट नेता के रूप में मान्यता दी है। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने शिवसेना के नेता और चीफ वीप के लिए भी शिंदे गुट को मान्यता दी है। इसलिये शिंदे गुट का पलडा भारी दिख रहा है।
जबसे शिंदे गुट के विधायक बागी होना शुरू हुआ तब से ना किसी ने इस्तीफा दिया और न ही किसी ने शिवसेना छोडने की बात की है। उद्धव ठाकरे को डर सता रहा है की कही शिवसेना की मान्यता चुनाव आयोग शिंदे गुट को न दे दे।
मुख्यमंत्रीपद पद से हटने के बाद उद्धव ठाकरे लगातार संघठन की बैठकें कर रहे हैं। हर बैठक मे अलग अलग कार्यकर्ता पदासीन नेता आते है तो उनसे बॉण्ड पेपर पर प्रतिज्ञापत्र लिया जा रहा है, जिसे चुनाव आयोग मे पेश किया जा सके। मुंबई में कालाचौकी शिवसेना शाखा का उद्घाटन करते हुए उद्धव ठाकरे ने शिवसैनिकों से कम समय में ज्यादा से ज्यादा सदस्यता पत्र लिखकर लाने का आवाहन किया।
शिंदे गुट ने शिवसेना पर अधिकार जताने के लिए चुनाव आयोग को अनुरोध किया है। इसका मतलब चुनाव आयोग मे जाने की तैयारी एकनाथ शिंदे पहले से ही कर रहे थे।
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