श्वेता सिंह और सुयश सिंह की पुस्तक राष्ट्रवाद की गंगा इन दिनों चर्चा में है। पुस्तक में दोनों लेखकों ने मनीषियों और राष्ट्रवाद पर प्रकाश डाला है।
इसमें बताया गया कि कैसे डॉ हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की और कैसे संघ से निकले स्वयंसेवक वर्तमान में राष्ट्र के लिए कार्य कर रहे हैं। ये भी बताया गया कि सरदार पटेल ने कैसे हिंदुस्तान को टूटने से बचाया। राष्ट्र की एकता और अखंडता को जानने के लिए व राष्ट्र के प्रति मौलिक कर्तव्यों को कैसे निभाना चाहिए, इस पर भी प्रकाश डाला गया है।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने राजनीति से प्रथम राष्ट्रनीति को रखा और आजीवन कश्मीर के लिए संघर्ष करते रहे। उनके इस संघर्ष को समझने के लिए युवा पीढ़ी को यह पुस्तक पढ़नी चाहिए। सुभाष चंद्र बोस ने कैसे हिंदुस्तान को आज़ाद कराने के लिए आजादी से पहले आजाद हिंद सरकार की स्थापना की और उस समय लोगो मे राष्ट्र की भावना उत्पन्न करने में सफल रहे। इसमें लाल बहादुर शास्त्री की भी चर्चा है। लाल बहादुर शास्त्री लाल बहादुर शास्त्री ने विपरीत विचारधारा में भी राष्ट्रवाद के कार्यो को कैसे किया, प्रधानमंत्री होने के बावजूद कठिन परिश्रम कर देश हित में कैसे कार्य करें, इसकी भी चर्चा पुस्तक में है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी चर्चा है। ये पुस्तक संघ, राष्ट्रीयता और भारतीयता पर आधारित है।
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