बांग्लादेश में हिंदुओं खासतौर पर हिंदू शिक्षकों की लगातार हो रही हत्याओं और हिंदू महिलाओं से दुष्कर्म की वारदात के विरोध में बीती शाम चटगांव और कुछ शहरों में हिंदू समुदाय ने प्रदर्शन कर नारेबाजी की। प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल हुए। इन लोगों ने दोषियों को दंडित करने की मांग की।
स्थानीय अखबार हिंदू संगबद के अनुसार शाहबाग और पूरे देश के हिंदू संगठनों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर नरैल साहापाड़ा में हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर विरोध जताया। इससे पहले बांग्लादेश के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने साहापाड़ा हिंसा की निंदा करते हुए कहा था कि पंथनिरपेक्ष देश में इस तरह घटनाएं स्वीकार नहीं की जा सकतीं। आयोग ने गृह मंत्रालय को आदेश दिया है कि वह हिंसा की घटनाओं की जांच कराए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करे।
उल्लेखनीय है कि 15 जुलाई को साहापाड़ा में चुन-चुनकर हिंदू समुदाय के लोगों के घर जलाए गए थे। अभी तक किसी भी हमलावर को गिरफ्तार नहीं किया गया है। यह पूरा विवाद एक फेसबुक पोस्ट के बाद हुआ। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह पोस्ट गांव के 18 वर्षीय कॉलेज के छात्र आकाश साहा ने किया था। इसके बाद एक समुदाय के प्रदर्शनकारी जुमे की नमाज के बाद एकत्र हुए और छात्र की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उसके घर के सामने प्रदर्शन किया। हिंसा की शिकार दीपाली रानी साहा का कहना है कि उनके घर का सारा कीमती सामान लूट लिया गया। इसके बाद घर में आग लगा दी।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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