हिन्दू बहुल सिल्चर शहर से सिर्फ 3 किलोमीटर दूर, बेथुकंडी तटबंध शहर को शक्तिशाली बराक नदी की तेज धारा से बचाता आ रहा है। लेकिन 22 मई को काबुल खान नाम के एक मजहबी उन्मादी ने अपने साथियों के साथ मिलकर उस तटबंध को तोड़ दिया। मजहबी उन्मादियों के इस कृत्य के पीछे उनकी जिहादी सोच ही है
सिल्चर में ‘जल जिहाद’ की आज हर तरफ चर्चा है। काबुल खान की अगुआई में चार मजहबी उन्मादियों के एक गिरोह ने सिल्चर, दक्षिणी असम में एक महत्वपूर्ण नदी तटबंध को जान-बूझकर तोड़ दिया, जिससे विनाशकारी बाढ़ आई और पूरे शहर को तबाह कर गई।
इसे जल जिहाद नहीं तो और क्या कहा जाए? एक ऐसा मजहबी उन्मादी जिहाद जिससे हिन्दुओं की बड़े पैमाने पर क्षति हो।
मजहबी उन्मादियों के इस गिरोह की विध्वंसक मानसिकता की वजह से आई बाढ़ ने सिल्चर शहर को तबाह कर दिया, हजारों की तादाद में लोगों को बाढ़ के प्रकोप का सामना करना पड़ा।
जब मई माह के मध्य में मानसून ने असम में प्रवेश किया था, तो लगातार ऐसी बारिश हुई कि राज्य में बाढ़ की पहली लहर देखने में आई। दक्षिणी असम की बराक घाटी भी मई के अंतिम सप्ताह में बाढ़ की चपेट में आ गई थी। बराक नदी असम की बराक घाटी में मुख्य जल स्रोत है जो सिल्चर शहर के किनारे से होते हुए बांग्लादेश में कुशियारा नदी की ओर बढ़ती है।
शहर से सिर्फ 3 किलोमीटर दूर, बेथुकंडी तटबंध शहर को शक्तिशाली बराक नदी की तेज धारा से बचाता आ रहा है। 22 मई को काबुल खान नाम के एक मजहबी उन्मादी ने अपने साथियों के साथ मिलकर बेथुकंडी तटबंध को तोड़ दिया। उन्होंने बेथुकंडी बांध के एक बड़े हिस्से को काट दिया जिससे वे उनकी अपनी जमीन कोे लगातार हो रही बारिश में भराव से बचा लें। उनके इस विध्वंसक कृत्य के कारण बारिश के पानी से भरी बराक नदी ने क्षतिग्रस्त तटबंध को देखते ही देखते तोड़ दिया। इसके बाद, बाढ़ की दूसरी लहर के साथ ही बराक का पानी सिल्चर में प्रवेश कर गया, जिससे 20 जून के बाद पूरा शहर विनाशकारी बाढ़ में डूब गया। ऐसी तबाही मची कि शहर में जलस्तर 2 मीटर तक पहुंच गया। शहर में ‘मानव निर्मित बाढ़’ के कहर में हजारों लोग विस्थापित हुए। अनगिनत घर बह गए, संपत्ति क्षतिग्रस्त हुई और कई लोगों की जान चली गई।
कछार पुलिस ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य आरोपी काबुल खान और उसके साथियों मिठू हुसैन लस्कर, नजीर हुसैन लस्कर और रिपन खान को गिरफ्तार कर लिया है। महत्वपूर्ण नदी तटबंध को नुकसान पहुंचाने की साजिश के पीछे गिरफ्तार उन्मादियों के मकसद का पता लगाने के लिए असम पुलिस के आपराधिक जांच विभाग द्वारा एक मामला दर्ज किया जा चुका है
इस बारे में हिंदू युवा समाज के निपोन चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि काबुल खान और उसके उन्मादी साथियों ने तटबंध को नुकसान पहुंचाकर एक गंभीर अपराध किया है। उनकी इस हरकत का खामियाजा पूरे सिल्चर शहर को भुगतना पड़ा है। ध्यान रहे, इस शहर की 87 प्रतिशत आबादी हिंदू है। यह एक तरह का जिहाद नहीं तो क्या है? सिंचाई विभाग ने 23 मई को सिल्चर थाने में इस संबंध में शिकायत दर्ज तो कराई थी लेकिन उसे यह कहां अंदाजा था कि काबुल खान की यह हरकत ठीक एक महीने बाद भीषण तबाही मचा देगी। परन्तु 23 जून को वहां जो हुआ उसका बहुत बुरा असर पड़ा।
बाढ़ प्रभावित सिल्चर शहर का दौरा करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मीडिया को बताया कि इस विनाशकारी बाढ़ के पीछे मानवीय शरारत का पता लगा है। इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा। पिछले सप्ताह तीसरी बार सिल्चर का दौरा करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि सिल्चर शहर में तटबंध तोड़कर भीषण तबाही के दोषी छह लोगों की पहचान की गई है। मुख्यमंत्री द्वारा एक वीडियो भी दिखाया गया जिसमें लोगों का एक समूह बेथुकंडी तटबंध को नुकसान पहुंचाता दिखाई दे रहा था। यह वीडियो मुख्य आरोपी काबुल खान ने तटबंध को नुकसान पहुंचाते हुए खुद बनाया था।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए कछार पुलिस ने मुख्य आरोपी काबुल खान को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने तोड़फोड़ में शामिल तीन अन्य लोगों मिठू हुसैन लस्कर, नजीर हुसैन लस्कर और रिपन खान को भी गिरफ्तार कर लिया है। महत्वपूर्ण नदी तटबंध को नुकसान पहुंचाने की साजिश के पीछे गिरफ्तार उन्मादियों के मकसद का पता लगाने के लिए असम पुलिस के आपराधिक जांच विभाग द्वारा एक मामला दर्ज किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने आगे बताया, ‘बेथुकंडी की घटना हमारे लिए एक बड़ा सबक है। अगली बार बाढ़ आने का अंदेशा होने से पहले तटबंध पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा ताकि कोई इसे तोड़ न सके’।
सिल्चर निवासी पत्रकार समीरोन चौधरी का कहना है कि सीआईडी जांच में भले ही तटबंध को क्षतिग्रस्त किए जाने की जिहादी सोच सामने आ जाए, लेकिन गिरफ्तार मजहबी उन्मादी काबुल खान और उसके साथियों के इस दुस्साहस का खामियाजा शहर के लाखों लोगों को भुगतना पड़ा है, जो अधिकांशत: हिन्दू ही हैं। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक कछार जिला बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित था। इस ‘बाढ़ जिहाद’ में बराक घाटी के कम से कम 14 लोगों की जान जा चुकी है।
बेथुकंडी की घटना को गंभीरता से लेते हुए सीआईडी को गुवाहाटी में मामला दर्ज करने को कहा गया है। वहां सिल्चर बाढ़ और उसके कारणों को लेकर लोगों से पूछताछ की जाएगी। यह पूरी जांच गुवाहाटी में ही की जाएगी। इसीलिए सभी गिरफ्तार मजहबी उन्मादियों को गुवाहाटी लाया गया है। सीआईडी की एक टीम मामले की जांच कर रही है।
कछार की पुलिस अधीक्षक अमनदीप कौर ने कहा कि शुरुआती जांच में जो सबूत मिले हैं, जिनमें बांध को नुकसान पहुंचाने के वीडियो और तस्वीरें शामिल हैं, उन्हें आगे की जांच के लिए सीआईडी को सौंप दिया गया है। सीआईडी सूत्रों ने बताया कि जांच के साथ ही गिरफ्तार लोगों से पूछताछ की जा रही है। चश्मदीदों और स्थानीय लोगों से पूछताछ के लिए सीआईडी की एक टीम सिल्चर शहर में है।
इस घटना के संदर्भ में सिल्चर निवासी पत्रकार समीरोन चौधरी का कहना है कि सीआईडी जांच में भले ही तटबंध को क्षतिग्रस्त किए जाने की जिहादी सोच सामने आ जाए, लेकिन गिरफ्तार मजहबी उन्मादी काबुल खान और उसके साथियों के इस दुस्साहस का खामियाजा शहर के लाखों लोगों को भुगतना पड़ा है, जो अधिकांशत: हिन्दू ही हैं। इन पंक्तियों के लिखे जाने तक कछार जिला बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित था। इस ‘बाढ़ जिहाद’ में बराक घाटी के कम से कम 14 लोगों की जान जा चुकी है।
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