पटना के फुलवारीशरीफ में कई संदिग्ध आतंकियों के पकड़े जाने के बाद पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है। बिहार एटीएस के नेतृत्व में हो रही इस जांच में और भी कई एजेंसियां मदद कर रही हैं।
भारत को 2023 तक ‘इस्लामी’ राष्ट्र बनाने का लक्ष्य लेकर मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर काम कर रहा था। इसके लिए उसने गजवा-ए-हिन्द नाम से 3 व्हाट्सएप ग्रुप भी बना रखे थे। इन समूहों में पाकिस्तान और बांग्लादेश के कुछ खूँखार आतंकी भी शामिल थे। ताहिर को पुलिस ने फुलवारीशरीफ की केशोपुर नहर के समीप 15 जुलाई को गिरफ्तार किया था। अब इस प्रकरण की जांच बिहार एटीएस करेगी। 18 जुलाई को पटना में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में रॉ, आई बी के अधिकारी भी एटीएस के अधिकारियों के साथ उपस्थित थे। आतंकियों के लिए सुरक्षित स्थान के रूप में बिहार की पहचान बन गई है। लिहाजा राज्य सरकार को बिहार में एनआईए का थाना खोलने का सुझाव भी दिया गया है।
बता दें कि मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर और उसके साथ जुड़े आतंकियों का लक्ष्य 2023 तक गजवा-ए-हिन्द के सपने को साकार करना था। ताहिर पाकिस्तान के *तहरीक ए लब्बैक* आतंकवादी संगठन का सक्रिय सदस्य था। वस्तानिया और फोकनिया जैसी इस्लाम से उच्च शिक्षा प्राप्त ताहिर कश्मीर के आतंकवादी संगठन गजवा-ए-हिन्द का भी सक्रिय सदस्य था। भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के मंसूबे लेकर वह इन संगठनों से जुड़ा था। मरगूब ने 12 जून को अपने फेसबुक अकाउंट से ‘बॉयकॉट इंडिया’ नाम से एक भड़काऊ पोस्ट भी किया था। इसमें उसने भारतीय उत्पादों के वहिष्कार कर नबी से मुहब्बत की बात लिखी थी।
भारत विरोधी ग्रुप चलाता था ताहिर
पटना के फुलवारीशरीफ से एसडीपीआई संगठन की आड़ में देश विरोधी मुहिम चलाने वालों की गिरफ्तारी के दौरान ही पटना पुलिस की विशेष टीम को फुलवारीशरीफ से संचालित हो रहे इस व्हाट्सएप ग्रुप के बारे में पता चला। यह ग्रुप पाकिस्तान और बांग्लादेश समेत कई इस्लामिक देशों से जुड़ा हुआ था। व्हाट्सएप ग्रुप गजवा-ए-हिन्द का एडमिन बना मरगूब दानिश उर्फ ताहिर युवाओं को इस ग्रुप से जोड़ कर देश विरोधी अभियान को प्रचारित प्रसारित कर रहा था। फुलवारी में पाकिस्तान के आतंकी संगठन के तार मिलने की जानकारी मिलते ही बिहार के पुलिस मुख्यालय से लेकर दिल्ली के विदेश मंत्रालय तक हड़कंप मच गया। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर एसएसपी पटना के नेतृत्व में फुलवारी के अतिरिक्त एसपी मनीष कुमार सिन्हा और फुलवारी थाना अध्यक्ष इकरार अहमद समेत कई दूसरे थानाध्यक्ष और भारी पुलिस टीम ने इशोपुर पेट्रोल पंप इलाके में छापेमारी की। जहां से आतंकी दानिश मरगूब को गिरफ्तार कर लिया गया। दानिश मरगूब के व्हाट्सएप में जो नक्शा मिला है वह भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान को मिलाकर बनाया हुआ है। इसने अपने मोबाईल में तीन ग्रुप बना रखे थे। एक ग्रुप में 181 लोग जुड़े हुए थे। दूसरे में 11 और तीसरे में 10 लोग। तीनों ग्रुप का एडमिन दानिश था। एक ग्रुप बनाने वाला पाकिस्तान का फैजान था। इन तीनों ग्रुप के आईकन के तौर पर भारत का नक्शा हरे रंग से रंगा हुआ था। भारत के नक्शे में पाकिस्तान का झण्डा भी लगा हुआ था। इसका सीधा संबंध कश्मीर के आतंकी संगठन गजवा-ए-हिन्द से था। इस संगठन का कमांडर मुशा 2019 में मुठभेड़ में मारा गया था।
इस्लाम की उच्च शिक्षा प्राप्त था दानिश
देश के खिलाफ जिहाद का नारा बुलंद करने वाले मरगुब दानिश ने 14 वर्ष तक खाड़ी देशों में नौकरी की थी। लॉकडाउन में वापस आने के बाद फिर नहीं गया। वह वर्ष 2016 में ही गजवा-ए-हिन्द और तहरिक-ए-लब्बैक संगठन से जुड़ गया था। वह प्रतिदिन तरह—तरह की पोस्ट इन दोनों ग्रुप में डालता और जिहाद की बात करता था। इसके लिए वह लगातार विदेशों से भी संपर्क में रहता। उसने भारत का पुराना नक्शा ग्रुप की वाल पर लगा कर उस पर पाकिस्तानी झंडा लगा दिया था। भारत के पुराने नक्शे में श्रीलंका और अफगानिस्तान को भी जोड़ दिया था।
मरगूब दानिश के पिता सैफुउद्दीन मूल रूप से बिथो शरीफ के रहने वाले हैं। दानिश का जन्म वर्ष 1996 में फुलवारीशरीफ में हुआ। इसके परिवार के कई सदस्य पाकिस्तान के कराची में रहते हैं।
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