एक समय था कि उत्तराखंड की चीन से लगी सीमा तक पहुंचने के लिए बरेली और सरसावा एयर बेस से वायुसेना के विमानों को उड़ान भरनी पड़ती थी, लेकिन अब मोदी सरकार ने रक्षा जरूरतों को देखते हुए उत्तराखंड में चार हवाई पट्टियों को तैयार कर दिया है।
उत्तरकाशी जिले में टिहरी झील के किनारे चिन्यालीसौड़ में बनाई गई हवाई पट्टी पर इन दिनों वायुसेना के एएन 32 मालवाहक विमान ट्रायल लैंडिंग कर रहे हैं। ऐसा अभ्यास पिछले साल भी किया गया था, लेकिन इस बार बड़े विमान यहां उतर रहे हैं और उड़ान भर रहे हैं। वायुसेना के अधिकारी पिछले कुछ दिनों से यहां हैं।
उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में ही चमोली जिले की गौचर हवाई पट्टी भी तैयार हो चुकी है। इसी तरह पिथौरागढ़ की नैनी सैनी हवाई पट्टी भी सेना की जरूरतों के मुताबिक तैयार है। जानकारी के मुताबिक चारधाम तक जाने वाली ऑल वेदर रोड में भी कुछ हिस्से ऐसे बनाए जा रहे हैं, जहां युद्धक विमान उतर कर उड़ान भर सकें।
उत्तराखंड के तराई में पंत नगर हवाई अड्डे सेना की जरूरतों के हिसाब से पर्याप्त है, यहां निजी क्षेत्र में एक और हवाई अड्डे के लिए जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट भी युद्ध की स्तिथि में सेना के उपयोग में लाया जा सकता है। मोदी सरकार ने बॉर्डर तक अपनी रक्षा पंक्ति को मजबूत करते हुए सड़कों को भी सीमा तक पहुंचा दिया है।
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