राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का गुरूवार को दोपहर मुंबई में आगमन हुआ। जहां उनका उत्साह के साथ स्वागत किया गया। हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने उनका स्वागत किया। उनके साथ भाजपा के महासचिव विनोद तावडे उपस्थित थे।
होटल लीला में मुर्मू पहुंची तब उनका पारंपारिक ढंग में वनवासी क्षेत्र के खेल और नृत्य के साथ स्वागत किया गया। इसके बाद द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने वाले सभी सांसद और विधायकों की बैठक हुई जिसमें भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना शिंदे गुट, निर्दलीय और समर्थन देनेवाले अन्य छोटे दल शामिल थे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, नारायण राणे, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील उपस्थित रहे।
शिवसेना द्वारा द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थी कि वे उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर सकती है। बता दें कि पहले एनडीए में रहते हुए बाला साहब ठाकरे ने कांग्रेस समर्थित प्रतिभा पाटिल और प्रणव मुखर्जी को अपना समर्थन दिया था जिसके बाद प्रतिभा पाटिल और प्रणव मुखर्जी ने उनसे ये ही उनसे मातोश्री पर मुलाकात की थी।
लेकिन अब द्रौपदी मुर्मू द्वारा ठाकरे से मुलाकात न करने से सांसद संजय राऊत ने कहा कि शिवसेना का समर्थन राजनीतिक नही हैं। पहली बार कोई वनवासी महिला राष्ट्रपति बनने जा रही है इसलिए हमने समर्थन दिया है। इसका मातोश्री पर आने से कोई संबंध नही है।
वहीं विधायक और सांसदों के बैठक में शिवसेना ठाकरे गुट के कोई सदस्य उपस्थित नही रहा। हालांकि शिवसेना के एकमात्र वनवासी क्षेत्र से आनेवाले सांसद राजेंद्र गावीत ने द्रौपदी मुर्मू से भेंट कर उन्हे ठाकरे गुट के समर्थन की बात कही। कहा जा रहा है कि उद्धव ठाकरे ने गावीत को समर्थन का संदेशा देने के लिए भेजा था।
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