खबर है कि यूपी में योगी सरकार की सख्ती के चलते अवैध कारोबार में लिप्त माफिया अब उत्तराखंड सीमा पर सक्रिय हो गए हैं। मेरठ के सोतीगंज कबाड़ी बाजार में कटने वाले चोरी के वाहन अब हरिद्वार जिले के पास पहुंचाकर काटे जा रहे हैं।
खबर ये भी है बरेली, फतेहगंज का स्मैक का अवैध कारोबार भी यूपी और उत्तराखंड बॉर्डर पर शिफ्ट हो गया है। मेरठ में पिछले एक साल में एशिया के सबसे बड़े वाहन चोर कबाड़ी बाजार में पुलिस की सख्ती से कबाड़ी या तो जेल में पहुंच गए हैं या फिर भूमिगत हो गए। दरअसल पुलिस ने हाजी गल्ला, इकबाल, जिशान जैसे बड़े 14 कबाडियो को गैंगस्टर में जेल तो भेजा पर उनके गुर्गे अभी भी बाहर घूम रहे। बेशक 18 चिन्हित कबाड़ियों की संपत्ति कुर्क की गई, लेकिन एनसीआर में वाहन चोरी की वारदात खत्म नहीं हुईं। इसके पीछे बड़ी वजह ये है कि जेल भेजे गए कबाड़ी थे या कहें कि वो चोरी के वाहन खरीदने वाले खरीददार थे। जबकि वाहन चुराने वाले बाहर घूमते रहे। अब जैसे ही वक्त बीता, वाहन चोर फिर से सक्रिय होकर महंगी कारें चुराने लगे हैं और उन्हें बेचने के लिए यूपी और उत्तराखंड के बीच कस्बों में आने लगे हैं। खबर है कि हरिद्वार जिले और यूपी बॉर्डर में कई ऐसे गांव-कस्बे हैं, जहां दो सौ मीटर पर राज्य की सीमा बदल जाती है और इसका फायदा वाहन चोर अपराधी उठाते हैं। जानकारी के मुताबिक इन्हीं स्थानों पर अब चोरी के वाहन कबाड़ में बिक रहे हैं और मेरठ के कबाड़ियों के पुराने कर्मचारी इस तरफ शिफ्ट हो गए हैं।
मेरठ में कबाड़ियो के लिए मुसीबत बने एसपी विनीत भटनागर कहते हैं कि अवैध कार चोर कबाड़ बाजार यहां से शिफ्ट हुआ है, ऐसी यदि खबरे सही हैं तो हम अन्य जिलों की पुलिस के अलावा उत्तराखंड पुलिस से भी ये सूचना साझा करेंगे। हरिद्वार में पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोभाल ने कहा कि अपराधी तत्वों को दोनों राज्यों की सीमा का दुरुपयोग नहीं करने दिया जाएगा। हम यूपी पुलिस के साथ बराबर संपर्क में रहते हैं और सूचनाओं को साझा करते रहे हैं।
स्मैक तस्कर भी बॉर्डर पर सक्रिय
बरेली जिले के फतेहगंज, मीरगंज थाना क्षेत्र में पुलिस की सख्ती के बाद से स्मैक तस्करी में थोड़ा अंकुश लगा है। बड़े स्मैक तस्कर जेल गए, इन पर स्फेमा, गैंगस्टर, संपत्ति गिराने, संपत्ति जब्त करने जैसी सख्त कारवाई की गई है। करीब तीन सौ स्मैक तस्कर और सौ से ज्यादा अफीम तस्कर जेल गए। इनकी करीब सौ करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई। शाहिद खान, फैजान, अकील, नन्हे लंगड़ा, हनीफ अंसारी, सादिक, रिफाकत, जाहिद, इमरान जैसे गिरोह जेल भेजे गए।
इसके बावजूद स्मैक का अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा। खबर है कि स्मैक का कारोबार फतेहगंज से शिफ्ट होकर यूपी उत्तराखंड बॉर्डर पर बहेड़ी के आसपास शिफ्ट हो गया है। उत्तराखंड के किच्छा और यूपी के बहेड़ी के बीच सीमा पर खेत, मेड़, रास्ते, पगडंडी जुड़े हुए हैं। कुछ स्थान तो ऐसे हैं कि घर का एक दरवाजा यूपी में तो पिछला दरवाजा उत्तराखंड में खुलता है। इन्हीं स्थानों से स्मैक का धंधा चल रहा है, पुलिस यहां छापा मारती है तो स्मैक तस्कर यूपी से उत्तराखंड की तरफ निकल जाता है। बेशक चार सौ से ज्यादा स्मैक तस्कर जेल भेजे गए, लेकिन अब इनमें से कई जमानत पर बाहर आ गए हैं। ये अब अपने ठिकानों पर नहीं मिलते। बताया जाता है कि ये अब उत्तराखंड बॉर्डर पर सक्रिय हो चुके हैं। उत्तराखंड पुलिस द्वारा हाल के दिनों में कुछ ऐसे स्मैक कैरियर्स को पकड़ा हैं, जिन्होंने बताया कि वे बहेड़ी से खेप लेकर आए हैं, जबकि पहले ये कैरियर्स कहते थे कि फतेहगंज से माल लाए थे।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक स्मैक तस्करी का एक बड़ा बाजार उत्तराखंड में भी है। सुदूर पहाड़ों तक ड्रग्स का अवैध कारोबार फैल चुका है। पुलिस रोज किसी न किसी स्मैक लाने वाले को पकड़ती है और इनके सरगना तक नहीं पहुंच पाती क्योंकि वह यूपी बॉर्डर पर रहता है। एक-दो बार उत्तराखंड पुलिस ने यूपी में जाकर स्मैक तस्करों के खिलाफ दबिश भी दी थी लेकिन हर बार वो विरोध और यूपी पुलिस के द्वारा सहयोग नहीं किए जाने पर वापस आई। कुछ माह पहले उत्तराखंड कुमाऊं के डी आई जी निलेश भरने ने बरेली में आयोजित मादक पदार्थों की तस्करी पर आयोजित एक बड़ी बैठक में इस विषय को रखा भी था और ये तय भी हुआ था कि ड्रग्स तस्करी के खिलाफ एक साथ दोनों राज्य और केंद्र की टीम काम करेंगी, लेकिन उसके बाद भी स्मैक तस्करी थमी नहीं है।
स्मैक तस्कर पुलिस की खामियों पर नजर रख कर अपना धंधा बराबर कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि पांच सौ से अधिक स्मैक कैरियर्स अभी भी इस धंधे को कर रहे हैं।
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