देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी करने के आरोपी और ऑल्ट न्यूज के सहसंस्थापक मोहम्मद जुबैर को आज उत्तर प्रदेश के हाथरस कोर्ट में पेश किया गया। यहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया।
उस पर नूपुर शर्मा टिप्पणी के बाद हिंसा भड़काने का भी आरोप है। हाथरस में जुबैर पर दो थानों में मामला दर्ज है। पुरदिलनगर में एक माह पूर्व हुई हिंसा में उसकी संलिप्तता सामने आई है। इस संबंध में सिकंदराराऊ में मामला दर्ज किया गया था। कोतवाली सदर में चार जुलाई को धार्मिक भावना भड़काने का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में पुलिस ने सीतापुर जेल में बी-वारंट दाखिल किया है। उत्तर प्रदेश के मामलों की जांच एसआईटी कर रही है।
जुबैर की जमानत याचिका पर 15 को फैसला
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने गुरुवार को जुबैर पर दिल्ली में दर्ज एफआईआर के मामले में दायर जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। एडिशनल सेशंस जज देवेंद्र कुमार जांगला ने 15 जुलाई को फैसला सुनाने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान जुबैर की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि जुबैर के जिस ट्वीट को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है वो 1983 में बनी फिल्म ‘किसी से ना कहना’ से लिया गया है। 2 जुलाई को दिल्ली में दर्ज एफआईआर के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया ने जुबैर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जुबैर को 27 जून को गिरफ्तार किया गया था। जुबैर पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है। धार्मिक भावनाएं भड़काने के अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 201 और एफसीआरए की धारा 35 की धाराओं को भी जोड़ा है।
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