पटना के फुलवारीशरीफ़ स्थित पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यालय में देश को मुस्लिम—बहुल बनाने की साजिश रची जा रही थी। इस काम के लिए 2047 का लक्ष्य रखा गया था। यहां केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्य के युवाओं को प्रशिक्षित करने का काम चल रहा था। इस कार्यालय के तार पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत कई मुस्लिम देशों से जुड़े थे। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना आगमन से ठीक एक दिन पहले यानी 12 जुलाई को रात में छापेमारी कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद 13 जुलाई को इन दोनों को पटना स्थित बेऊर जेल भेज दिया गया। इनमें एक अतहर परवेज सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआई) की आड़ में युवाओं को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का प्रशिक्षण देता था, वहीं दूसरा जलालुद्दीन खान पुलिस का सेवानिवृत सब इंस्पेक्टर है।
इस बारे में फुलवारीशरीफ के एएसपी मनीष कुमार सिन्हा ने बताया कि आईबी की सूचना के आधार पर 11 जुलाई को फुलवारीशरीफ के नया टोला स्थित मोहम्मद जलालुद्दीन के मकान ‘अहमद पैलेस’ पर छापेमारी कर उसको और अतहर परवेज को गिरफ्तार किया गया। ये दोनों पूर्व में प्रतिबंधित संगठन ‘सिमी’ के सदस्य थे और वर्तमान में PFI और SDPI के सक्रिय सदस्य हैं। ये दोनों संगठन की आड़ में यहां देश—विरोधी बैठकें करते थे, जिसमें राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर और जिला स्तर के पीएफआई और एसडीपीआई के सदस्य हिस्सा लेते थे। इन बैठकों में शामिल होने वालों के दिल और दिमाग में सांप्रदायिकता और देश—विरोधी जहर भरने का काम किया जाता था।
अतहर ने पुलिस को बताया कि इस मुहिम में 26 लोग शामिल थे, जिन्हें पटना में प्रशिक्षित किया जा रहा था। सभी पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े थे। अतहर और जलालुद्दीन की सूचना पर 14 जुलाई को फुलवारीशरीफ के रहने वाले अरमान मलिक को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में यह तीसरी बड़ी गिरफ्तारी है। अरमान भी पीएफआई की बैठकों में शामिल होता था। तीनों संदिग्धों से अभी पूछताछ चल रही है। कुल 26 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है।
आतंकियों के पास से इंडिया 2047 के नाम से दस्तावेज मिले हैं। पुलिस के हाथ लगे 7 पेज के दस्तावेज में इनकी पूरी योजना का विवरण है। बताया गया है कि पटना के फुलवारीशरीफ के अहमद पैलेस की दूसरी मंजिल को ट्रेनिंग सेंटर बना दिया था। इसमें बिहार के बाहर के लोग भी आते थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना दौरे से एक दिन पहले यानी 11 जुलाई की शाम काे IB (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के इनपुट पर पुलिस ने नया टोला में छापेमारी कर जलालुद्दीन और गुलिस्तां मोहल्ले से अतहर काे पकड़ा। इनके बैंक खाते में से 80,00,000 रु से ज्यादा का लेनदेन हुआ है।
मनीष कुमार ने बताया कि ये लोग मिशन 2047 पर काम कर रहे थे। ये लोग भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते थे। इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए मुस्लिम युवाओं को हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा था।
एएसपी ने यह भी बताया कि 2001, 2003 और 2013 में आतंकी गतिविधियों में हुई सभी गिरफ्तारी में अतहर जमानती रहा है। पुलिस ने इसका सत्यापन कर लिया है।
*भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने का था लक्ष्य*
एएसपी मनीष ने बताया कि छापेमारी के दौरान पीएफआई के कार्यालय से विजन—2047 का बुकलेट, पीएफआई का झंडा, पंपलेट कई गुप्त दस्तावेज समेत अन्य सामग्री बरामद की गई। गिरफ्तार दोनों लोगों का मुख्य उद्देश्य था दो समुदायों में विद्वेष फैलाना एवं राष्ट्र—विरोधी गतिविधियां संचालित कर दूसरे देशों की सामग्रियां उपलब्ध कराना था। ये लोग पाकिस्तान, बांग्लादेश, तुर्की आदि देशों से संपर्क साध कर भारत को कमजोर करने एवं शांति व्यवस्था को भंग कर देश को बदनाम करना चाहते थे। पता चला है कि विदेश से आए अवैध धन के माध्यम से अतहर और जलाउद्दीन खान ने करोड़ों रु की संपति बनाई है। उसकी भी जांच की जा रही है।
*संदिग्ध चरित्र रहा है अतहर का*
अतहर का चरित्र शुरू से संदेहास्पद रहा है। पटना के कदमकुआँ स्थित चूड़ी मंडी में गायत्री मार्केट में उसकी दुकान है। स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि यहाँ पहले सिर्फ मो मुर्तज़ा मुस्तफा की दुकान हुआ करती थी। मुर्तज़ा अतहर का फूफेरा भाई है। वह उसकी दुकान पर गाहे—बगाहे आता रहता था। गत 5 वर्ष पूर्व उसने यहाँ एक दुकान ले ली। उसके दुकान लेने के बाद चूड़ी मंडी में संदिग्ध लोगों का आना—जाना बढ़ गया। अतहर के प्रयासों से अभी इस मंडी में लगभग 25 दुकानें मुस्लिमों की हो गई हैं। अतहर का भाई गांधी मैदान बम विस्फोट का आरोपी है।
*फुलवारी ही क्यों*
फुलवारीशरीफ़ मुसलमानों का एक प्रमुख केंद्र है। यहाँ मुस्लिमों की सबसे प्रमुख संस्था है। यहाँ के कुछ इलाके तो ऐसे हैं जहाँ पुलिस को भी जाने से पहले कई बार सोचना पड़ता है। प्रतिदिन दर्जनों गोकशी होती है। कसाई बाजार में तो 100 मीटर तक बड़े जानवर काट कर लटकाए जाते हैं। इस कारण यहां पक्षी मंडराते रहते हैं। बगल में ही हवाई अड्डा है। इन पक्षियों के कारण कई बार हवाई जहाज की उड़ान बाधित हुई है और कई बार दुर्घटना भी हुई है। अब फुलवारीशरीफ पीएफआई का अड्डा भी बन गया है।
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