मथुरा के गोवर्धन में 21 कोस की परिक्रमा करने वाला मुड़िया मेला शुरू हो गया है। मेला गुरु पूर्णिमा के दिन मुख्य रूप से मनाया जाता है, लेकिन यहां रौनक अगले कई दिनों तक रहती है। मुड़िया पूर्णिमा मेले के बारे में कहा जाता है कि इसकी परंपरा चैतन्य महा प्रभु और सनातन गोस्वामी से जुड़ी हुई है। जानकार बताते हैं कि इसकी शुरुआत 464 साल पहले हुई थी और इसमें श्रद्धालु 21 कोस की गोवर्धन की परिक्रमा लगाते हैं।
मेले का शुभारंभ हो चुका है और हजारों श्रद्धालु परिक्रमा के लिए अपनी यात्रा भी शुरू कर चुके हैं। कोई नंगे पैर, कोई बिना रुके, कोई प्यासा रह कर, कोई लेट कर अपनी-अपनी श्रद्धा के अनुरूप परिक्रमा कर गिरिराज महाराज, कृष्ण भक्ति में लीन दिखाई दे रहा है। जिलाधिकारी नवनीत चहल और एसएसपी अभिषेक यादव ने बाइक पर सवार होकर मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। डीएम चहल के मुताबिक करीब एक करोड़ श्रद्धालुओं के इस बार परिक्रमा के लिए पहुंचने की उम्मीद है।
इतिहासकार पद्मश्री मोहन स्वरूप ने कहा कि मेले को किसने शुरू किया, इसका क्या महत्व है, इसके लिए धार्मिक और पर्यटन विभाग को प्रचार कर जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने बताया की चैतन्य महाप्रभु ने इस भक्ति परंपरा को शुरू किया था। सनातन गोस्वामी जी महाराज ने भी 21 कोस परंपरा को कायम रखा था।
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