गृह मंत्री अमित शाह ने वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग के माध्यम से श्रीनगर में स्वामी रामानुजाचार्य की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ पीस’ का अनावरण किया। इस अवसर पर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और श्री यदुगिरी यतिराज मठ के श्री श्री यतिराज जीयरस्वामी जी सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे। अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि आज कश्मीर में संगमरमर से बनी स्वामी रामानुजाचार्य जी की शांति प्रतिमा का अनावरण करके मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। भारत में हर युग में, जब भी समाज को सुधारों की ज़रूरत पड़ी, किसी न किसी महापुरुष ने आकर सच्चा रास्ता दिखाने का काम किया है और रामानुजाचार्य जी का जन्म भी ऐसे समय पर हुआ जब देश को एक महापुरुष की ज़रूरत थी। आज मैं इस अवसर पर रामानुजाचार्य जी के जीवन,कार्यों और उनके व्यक्तित्व को नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि जब सामाजिक एकता खंडित हो रही थी, अनेक प्रकार की कुरीतियां समाज को ग्रसित कर रहीं थी, तब विधाता ने रामानुजाचार्य जी को एक महापुरुष के रूप में भारत में भेजकर वैष्णव मानवधर्म को उसके मूल के साथ जोड़ने का एक महान कार्य उनके हाथों से कराया। निश्चित ही स्वामी रामानुजाचार्य जी की शांति प्रतिमा का कश्मीर में प्रतिष्ठित होना पूरे देश, विशेषकर जम्मू-कश्मीर के लिए, एक बहुत शुभ संकेत है।
Unveiling the ‘Statue of Peace’ of Swami Ramanujacharya Ji in Srinagar, J&K via video conferencing. https://t.co/M8DJ5TMLi9
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) July 7, 2022
शांति और प्रगति के रास्ते पर कश्मीर
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर शांति और प्रगति के रास्ते पर अग्रसर हो चुका है। कश्मीर के जन-जन तक बिना किसी भेदभाव के विकास कार्य पहुंच रहे हैं। एक लंबे समय के बाद देश को अपेक्षा थी कि अनुच्छेद 370 और 35ए हट जाए और कश्मीर भारत के साथ अभिन्न रूप से जुड़ जाए। इस अपेक्षा को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने पूरा किया और 5 अगस्त 2019 से कश्मीर में एक ऩए युग की शुरूआत हुई है। ऐसे समय में इस शांति प्रतिमा की स्थापना सभी मत—पंथों को मानने वाले कश्मीरियों के लिए रामानुजाचार्य का आशीर्वाद और संदेश लेकर आएगी और कश्मीर को शांति और प्रगति के रास्ते पर और आगे ले जाएगी।
फैल रही ख्याति
अमित शाह ने कहा कि एक प्रकार से रामानुजाचार्य जी का जीवन और कर्मस्थल ज़्यादातर दक्षिण भारत में था। लेकिन उनकी शिक्षा और प्रेम का प्रसार आज पूरे देश में दिखाई दे रहा है। देशभर में अनेक मत, संप्रदाय रामानुजाचार्य और उनके शिष्य रामानंद के मूल संदेश में से आगे बढ़े हैं। आज इसी का परिणाम है कि पूरे उत्तर में भारत माता की मुकुटमणि कश्मीर में उनकी इतनी बड़ी शांति प्रतिमा का प्रतिस्थापन किया गया है। ये प्रतिमा ना केवल कश्मीर बल्कि पूरे भारत में शांति का संदेश देगी।
बता दें कि यह प्रतिमा चार फ़ुट ऊंची और शुद्ध सफ़ेद मकराना संगमरमर से बनी है। यह लगभग 600 किलो वज़न की है।
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