पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर स्थित रिसासी की माहौर तहसील के टुक्सन गांव के बहादुर ग्रामीणों ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी तालिब हुसैन शाह सहित एक अन्य आतंकी को धर दबोचा था। इस दौरान आतंकियों के पास से हथियारों की खेप भी बरामद की गई थी। अब पुलिस रिमांड में तालिब कई राज उगल रहा है। पूछताछ में उसने उगला है कि पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए उसके पास हथियार और पैसे बराबर पहुंचाए जा रहे थे। राजौरी स्थित कोटरंका इलाके में मार्च और अप्रैल महीने में हुए चार धमाकों में इस्तेमाल सामग्री भी सीमा पार से आई थी।
सीमा पार से आती हथियारों की खेप
खबरों के अनुसार आतंकी तालिब ने पुलिस को बताया है कि मार्च महीने में सीमापार से ड्रोन के जरिए ही नौशहरा के लंबेड़ी और कालाकोट के सौलंकी इलाके में जो हथियारों की खेप आई थी। उसके बाद इस खेप को उसने ही ठिकाने लगाया था। इसके अलावा इन हथियारों के साथ ही रुपए भी आते थे। इन रुपयों को आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के साथ ही युवाओं को बरगलाकर आतंकी संगठन में शामिल करने के लिए खर्च किया जाता था।
लश्कर के सरगना के साथ संपर्क में
अभी तक की गहन पूछताछ में जो बात सामने आई हैं, उसके अनुसार आतंकी तालिब पाकिस्तान में बेठे लश्कर—ए—तैयबा के सरगना सलमान के लगातार में संपर्क में था। यही आतंकी तालिब को हथियार भेजने के अलावा वारदात को अंजाम कहां देना है, उसके बारे में निर्देश देता था। इस दौरान लश्कर सरगना और तालिब की बातचीत इंटरनेट मीडिया और डिब एप से लगातार हो रही थी।
राजौरी इलाके में आतंक को जिंदा करने में जुटा था
लश्कर आतंकी तालिब जम्मू संभाग के राजौरी और पुंछ इलाकों में फिर से आतंक को जिंदा करने में जुटा था। सीमापार बैठे सरगनाओं के इशारों पर वह इन इलाकों के युवाओं को बरगलाता था और लोभ—लालच देकर आतंक की आग में झोंकता था। बाद में इन्हीं युवाओं के कंधों का इस्तेमाल करके आतंकी वारदात को अंजाम दिलवाता था। खबर है कि पिछले दिनों कोटरंका में हुए चार धमाके ऐसे ही जिहादियों द्वारा कराए गए थे।
बड़ी वारदात को देना चाहता था अंजाम
तालिब किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देना चाहता था। वह जम्मू, उधमपुर, रामबन, किश्तवाड़, डोडा, रियासी, राजौरी और पुंछ में टारगेट किलिंग के लिए हाइब्रिड आतंकियों का नेटवर्क खड़ा करने के पूरे प्रयास में था। साथ ही उसके निशाने पर मुख्य रूप से डोडा, किश्तवाड़, रामबन, उधमपुर, राजौरी जिले में हाईवे पर सैन्य काफिले थे। भीड़भाड़ वाले इलाकों में आईईडी से हमला करने के अलावा इन इलाकों में टारगेट किलिंग करना चाहता था। पुलिस सूत्रों के अनुसार तालिब के पकड़ में आने से जम्मू में स्टिकी बम से हमले करने की साजिश और उसके पीछे के आतंकी नेटवर्क का पता चल सकेगा।
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