कैसे करूंगी पति के सपनों को पूरा
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत राजस्थान

कैसे करूंगी पति के सपनों को पूरा

उदयपुर शहर के मालदास जी की सहरी क्षेत्र में हुई कन्हैयालाल साहू की मजहबी हत्या के बाद बुधवार को इस हुतात्मा का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

by डॉ. विवेक भटनागर
Jul 5, 2022, 11:55 am IST
in राजस्थान
विलाप करतीं मृतक कन्हैयालाल की पत्नी जशोदा व अन्य परिजन

विलाप करतीं मृतक कन्हैयालाल की पत्नी जशोदा व अन्य परिजन

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

आज कन्हैयालाल अपनों के बीच नहीं हैं और क्रूर उन्मादियों की नृशंस घृणा के कारण उन्हें मौत को गले लगाना पड़ा। उदयपुर में गुरुवार को भी विशाल प्रदर्शन किया गया। कर्फ्यू के बावजूद करीब 10 हजार लोगों ने प्रदर्शन में भाग लिया। लोगों का आक्रोश कम नहीं हो रहा।

विलाप करतीं मृतक कन्हैयालाल की पत्नी जशोदा व अन्य परिजन
कन्हैयालाल की अन्त्येष्टि के बाद उनके दोनों बेटे यश और तरुण

उदयपुर शहर के मालदास जी की सहरी क्षेत्र में हुई कन्हैयालाल साहू की मजहबी हत्या के बाद बुधवार को इस हुतात्मा का अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहर में कर्फ्यू लगा होने के बावजूद अंतिम संस्कार में पांच हजार व्यक्ति शामिल हुए। इस्लाम के सबसे बड़े नारे तकवा, इमान, जिहाद फी सबिअल्लाह की भेंट चढ़ गया कन्हैया। कन्हैयालाल का पूरा परिवार दोनों हत्यारों को फांसी देने की मांग कर रहा है।

उदयपुर के गोर्वधन विलास क्षेत्र में रहने वाले कन्हैयालाल के घर में श्मशानी शांति है। किसी को भी अपने घर में प्रवेश करता देख महिलाएं रुदन करने लगती हैं। परिवार के साथ सारा मोहल्ला ही नहीं, पूरा शहर कन्हैया के जाने के गम में डूबा है। परिवार के सदस्यों की सूनी निगाहें जब कन्हैयालाल के सूने कमरे की ओर जाती हैं तो परिजन विकल होकर बिलखने लगते हैं। कमरे में लगी कन्हैया की तस्वीर और स्मृतियां उसकी पत्नी और बच्चों के लिए अंतिम दृष्टि बन गई हैं। एक छविचित्र में तो कन्हैया अपने बेटों को गले लगाए हुए हैं लेकिन वह अब कहां है।

मुस्लिमों से मिलकर रहते थे कन्हैया
घर पर शोक जताने आई महिलाओं के मध्य कन्हैयालाल की पत्नी जशोदा शोकसंतप्त हो निढाल-सी बैठी हैं। रो-रो कर जशोदा के आंसू सूख गए हैं लेकिन हृदय जब कराहता है तो सूखी आंखों से रक्त बहता है। हम पास पहुंचे तो सांत्वना क्या देते, लेकिन चर्चा तो मन को शांत करती है, इसलिए बात आरम्भ की। इस पर वे कराहट के साथ बोलीं कि वह तो अपने बेटों को बहुत बड़ा आदमी बनाना चाहते थे। अब यह स्वप्न कैसे पूरा होगा। अब मैं कहां जाऊं, किस सड़क पर खड़े होकर अपने परिवार का पोषण करूं और पति के सपनों को पूरा करूं।

इसके बाद जशोदा कुछ देर चुप हो जाती हैं। थोड़ी स्मृतियां जोड़ कर बोलती हैं, वे कुछ नहीं बताते थे किन्तु चिंता में थे। कुछ समय पहले अस्वस्थ हुए थे, किन्तु कुछ नहीं बताया। तीन साल पहले घर लिया था, गृह ऋण की किस्तें चल रही है। सिलाई का काम भी मंदा ही था, अब ये सब कौन देखेगा।

धमकी की घटनाओं का स्मरण करते हुए वे बताती हैं, सामने वाला कोई भी हो, वह सब को भैया-भैया कहते थे। मुस्लिमों से भी दोस्ती बढ़िया रखते थे, उन्हें भाई ही समझते थे। हमारे त्यौहार पर उनको मिठाई खिलाते थे और उनके त्यौहारों की मिठाई हमारे यहां आती थी। हमारी दुकान पर मुस्लिम कारीगर काम करते थे।

जशोदा ने रोते हुए बताया कि कन्हैयालाल कहते थे कि अगर इनसे दोस्ती बनाकर रखेंगे तो ये कुछ नहीं करेंगे। सिलाई में सबका काम करना पड़ता है। यहां भेदभाव नहीं रख सकते हैं।

सदमे में बेटे
वहीं कन्हैयालाल के बेटे यश और वरुण भी सदमे में दिखाई दिए। यशोदा देवी से बातचीत के बाद जब हम बैठक में यश और वरुण के निकट बैठे तो उनका दु:ख समझने में अक्षम रहे। दोनों का कहना था कि पापा ही हमारा संसार थे। उनके चले जाने से हमारा सब कुछ चला गया है। वह सरल हृदय व्यक्ति थे किन्तु इसी भोलेपन में नृशंस हत्यारों की घृणा के शिकार हो गए।

वायरल पोस्ट के बारे में पूछने पर यश ने कहा कि पापा इसके बारे में कुछ नहीं जानते थे और ना ही परिवार को इसकी जानकारी थी। 17 साल किराये के मकान में रहने के बाद 3 साल पहले ही पापा ने मकान लिया था। बेटा यश कॉमर्स कॉलेज में तीसरे वर्ष का छात्र है, वहीं तरुण बी.एन. विश्वविद्यालय में फार्मेसी द्वितीय वर्ष का छात्र है।

कन्हैयालाल की अन्त्येष्टि के बाद उनके दोनों बेटे यश और तरुण

बच्चों की सुरक्षा की चिंता
कन्हैया की बड़ी बहन नीमा देवी को रुदन करते देखने की क्षमता हम में नहीं है। वह रोते हुए थक जाती हैं तो बोलती हैं कि हमें इंसाफ चाहिए। कहती हैं जैसे मेरे भाई को काटा है, वैसे इनको भी काटो। कन्हैया किसी से लड़ाई-झगड़ा नहीं करता था। बच्चों को डांटता तक नहीं था। उसके बच्चे भी पिता से ज्यादा प्यार करते थे। सभी से अच्छा व्यवहार था। चाहे कोई मुसलमान हो या हिंदू, सबके कपड़े सिलता था।

नीमा देवी का कहना है कि वे लोग भयाक्रान्त हैं, आगे क्या होगा, पता नहीं उनकी सुरक्षा कैसे की जा सकेगी, सब कुछ भविष्य के गर्भ में है। अभी तो सभी आक्रोशित हैं और साथ खड़े हैं लेकिन समय के साथ आक्रोश शांत होगा और दु:ख भी घटेगा। इसके बाद कन्हैया के बच्चों की सुरक्षा कैसे हो पाएगी। हमारे बच्चों को सुरक्षा चाहिए, ना जाने कब कोई क्या कर दे।

अपने भाई के सामाजिक सरोकार और व्यवहार को याद कर नीमा बताती हैं कि वह सभी के सुख-दु:ख में काम आने वाला व्यक्ति था। उसने 3 वर्ष पूर्व ही शहर से बाहर गोर्वधन विलास क्षेत्र में नया घर बनवाया था। वह बच्चों की आर्थिक सुरक्षा के लिए कुछ और भी निवेश करने का विचार रखता था। अपने बेटे को चिकित्सक बनाना चाहता था। उसके कई स्वप्न थे, आज नियति के क्रूर हाथों अधूरे रह गए है। वह अपनी तीनों बहनों से अत्यंत प्रेम करता था और अपने भानजों को हर कार्य और परिस्थिति में सहयोग करता था।

कुल मिलाकर सच यह है कि आज कन्हैयालाल अपनों के बीच नहीं हैं और क्रूर उन्मादियों की नृशंस घृणा के कारण उन्हें मौत को गले लगाना पड़ा। उदयपुर में गुरुवार को भी विशाल प्रदर्शन किया गया। कर्फ्यू के बावजूद करीब 10 हजार लोगों ने प्रदर्शन में भाग लिया। लोगों का आक्रोश कम नहीं हो रहा। शांत नदी सा जनसैलाब बाढ़ की पूर्व घोषणा करता दिख रहा है। प्रशासन क्या कदम उठाएगा, यह तो पता नहीं परंतु जनमानस ऊपर से तो शांत दिख रहा है, लेकिन अन्दर से उबल रहा है।

कन्हैया के बारे में विगत कुछ दिनों की परिस्थितियों को साझा करते हुए उसकी बहन बताती हैं कि जैसे ही कन्हैया को धमकियां मिलनी शुरू हुईं, उसने दुकान पर जाना बंद कर दिया। आखिर पुलिस के माध्यम से धमकियां देने वालों से बात करने के बाद उसने दुकान खोली। दुकान खोलने के कुछ दिन बाद एक महिला और फिर एक पुरुष दुकान पर आए। दोनों ने ही उसे मारने की धमकी दी और कहा कि तुझे गाड़ देंगे।

इसी बीच कन्हैयालाल की भतीजी रेखा भी वहां पहुंची और उससे भी वार्ता हुई। उसके अनुसार कन्हैया पिछले कुछ दिनों से भयाक्रांत थे। रेखा ने बताया कि दो दिन पहले हमारे यहां रात्रि जागरण था। वहां कन्हैया ने उसे बताया कि मन नहीं हो रहा, अच्छा नहीं लग रहा कुछ भी।

रेखा कहती हैं कि वैसे वे सबसे हंसी-मजाक करते थे, सबसे बात करते थे किन्तु इस बार वे कुछ नहीं बोले। बस खाना खाया और निकल गए। हर बार आते थे तो काफी बात करते थे, इस बार कुछ नहीं बोले। बेहद परेशान लग रहे।

कुल मिलाकर सच यह है कि आज कन्हैयालाल अपनों के बीच नहीं हैं और क्रूर उन्मादियों की नृशंस घृणा के कारण उन्हें मौत को गले लगाना पड़ा। उदयपुर में गुरुवार को भी विशाल प्रदर्शन किया गया। कर्फ्यू के बावजूद करीब 10 हजार लोगों ने प्रदर्शन में भाग लिया। लोगों का आक्रोश कम नहीं हो रहा। शांत नदी सा जनसैलाब बाढ़ की पूर्व घोषणा करता दिख रहा है। प्रशासन क्या कदम उठाएगा, यह तो पता नहीं परंतु जनमानस ऊपर से तो शांत दिख रहा है, लेकिन अन्दर से उबल रहा है।

Topics: कन्हैयालालक्रूर उन्मादीनृशंस घृणा
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

समान नागरिक संहिता

Common Civil Code : राजस्थान में भी समान नागरिक संहिता को लेकर बढ़े कदम, कैबिनेट मंत्री ने विधानसभा में की घोषणा

कन्हैयालाल हत्याकांड में NIA की चार्ज बहस पूरी

जिहादियों ने की थी कन्हैयालाल की हत्या

28 जून, उदयपुर का मालदास स्ट्रीट बाजार और तंग गलियों में कन्हैयालाल की हत्या

कन्हैयालाल की  हत्या करने वाले आरोपी

उदयपुर हत्याकांड का पाकिस्तान कनेक्शन, 45 दिनों तक कराची में ट्रेनिंग, कई पाकिस्तानी नंबरों पर बात करते थे आरोपी

कपिल मिश्रा, बीजेपी नेता

कन्हैयालाल के परिवार की मदद के लिए कपिल मिश्रा ने जुटाए एक करोड़, मदद के लिए हिंदू समाज आया आगे

प्रतीकात्मक चित्र

10 से 10 तक : फिर डराने लगा कोरोना, 24 घंटे में 18 हजार से अधिक केस, 39 की मौत

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies