अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए आतंकी हमले में क्षतिग्रस्त हुए गुरुद्वारे को फिर से बनाने की तैयारी की है। इसी फैसले के तहत कल तालिबान अधिकारियों की एक तकनीकी टीम ने गुरुद्वारे को दौरा किया और नुकसान का जायजा लिया।
काबुल में स्थित इस प्रसिद्ध करते परवान गुरुद्वारे पर गत 18 जून को आतंकी हमला बोला गया था। वहां बम धमाके करके उसे पूरा जला दिया गया था। तालिबान सरकार ने इसी क्षतिग्रस्त गुरुद्वारे को नए सिरे से बनाने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि उस आतंकी हमले में एक सिख श्रद्धालु सहित दो लोगों की मौत हुई थी।
गुरुद्वारे पर आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी गुट इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस ने ली थी। पता चला है कि तालिबान सरकार के गृह मंत्रालय के आला अधिकारियों का एक दल गुरुद्वारे जाकर पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जता चुका है।
अफगानिस्तान की राजधानी में अंतिम शेष बचे काबुल में ये करते परवान गुरुद्वारा सिखों का अंतिम पवित्र गुरुद्वारा बचा था जहां बड़ी संख्या में संगत दर्शन—कीर्तन के लिए आया करती थी। भारत सरकार ने इस पर आतंकी हमले को लेकर अफसोस व्यक्त किया था। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्ववीट करके इस घटना को दुखद बताया था। उन्होंने ट्वीट में लिखा था, ‘काबुल में करते परवान गुरुद्वारे पर हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले से स्तब्ध हूं। इस बर्बर हमले की निंदा करता हूं, और श्रद्धालुओं की सुरक्षा और कल्याण की कामना करता हूं।’
इस गुरुद्वारे को आतंकी हमले से कितना नुकसान हुआ है और इसे ठीक करने के लिए क्या—क्या किया जाना है, इसी के आकलन के लिए तालिबान सरकार की ओर से एक तकनीकी टीम ने कल गुरुद्धारे को दौरा किया था। बताया गया है कि बुरी तरह ध्वस्त इस गुरुद्वारे के पुनर्निर्माण पर लगभग 66 लाख रुपये खर्च आएगा।
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