पाक सेना का टीटीपी के सामने समर्पण
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

पाक सेना का टीटीपी के सामने समर्पण

पाकिस्तानी सेना तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के सामने समर्पण कर चुकी

by महेश दत्त
Jul 3, 2022, 07:33 am IST
in विश्व
काबुल में चल रही पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के बीच वार्ता में शामिल होने पहुंचे कबाइली जिरगा के सदस्य

काबुल में चल रही पाकिस्तानी सेना और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के बीच वार्ता में शामिल होने पहुंचे कबाइली जिरगा के सदस्य

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पाकिस्तानी सेना तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के सामने समर्पण कर चुकी है। वह कबाइली क्षेत्र और मालाकंद को टीटीपी के नियंत्रण में सौंप देगी जहां पाकिस्तान के नहीं, टीटीपी के कानून चलेंगे। यह खबर लीक होने पर राजनीतिक हड़कंप मच गया और फिर इसे राजनीतिक जामा पहनाया गया। तुर्रा यह कि मालाकंद के नागरिकों को इसकी कोई खबर नहीं

गत मई के मध्य में खबर आई कि पाकिस्तानी सेना के पेशावर स्थित कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को काबुल में देखा गया है। इसके साथ ही अटकलों का बाजार गर्म हो गया कि उनके काबुल में होने के क्या कारण हो सकते हैं? लेकिन इस पर पाकिस्तानी सेना की तरफ से कोई औपचारिक टिप्पणी नहीं की गई। मई के अंतिम सप्ताह में चेक रिपब्लिक की राजधानी प्राग में पत्रकार दाऊद खटक ने एक के बाद एक पांच ट्वीट किए कि शायद जनरल हमीद अफगानिस्तान में तालिबान से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को वार्ता के लिए सहमत करने का निवेदन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यह वार्ता आगे बढ़ चुकी है और टीटीपी की ओर से रखी गई अधिकतर शर्तों को पाकिस्तानी सेना ने मान लिया है। ये शर्तें थीं :

  •  गिरफ्तार किए गए टीटीपी के सभी आतंकवादियों को छोड़ा जाएगा।
  •  कबाइली इलाकों में मौजूद पाकिस्तानी सेना का साठ प्रतिशत हिस्सा हटा लिया जाएगा।
  • पाकिस्तानी संविधान के किसी भी गैर-इस्लामी नियम-कानून का पालन कबाइली इलाकों में नहीं किया जाएगा।
    यहां पर बड़ा सवाल यह है कि आखिर पाकिस्तान के संविधान में ऐसे कौन से नियम-कानून हैं जो गैर-इस्लामी हैं। याद रहे, पाकिस्तान के संविधान की प्रस्तावना में कहा गया है कि पाकिस्तान में कोई भी गैर-इस्लामी कानून बन ही नहीं सकता। यहां पर यह बताना भी उचित होगा कि शर्तों को पाकिस्तानी सेना द्वारा पहले ही स्वीकार कर लिया गया है। इसका साफ मतलब यह है कि पाकिस्तानी सेना यह मानती है कि पाकिस्तान के संविधान में कुछ गैर-इस्लामी बातें हैं, जिन्हें टीटीपी द्वारा नियंत्रित कबाइली क्षेत्र में लागू नहीं किया जाएगा।
  •  मालाकंद में निजाम-ए-अदल को लागू किया जाएगा।
  • निजाम-ए-अदल का मतलब सिर्फ एक है, और वह यह कि जो कुछ भी तालिबान कहे, वही कानून है। यहां आपको एक बार फिर याद दिला दें कि यह दूसरी बार है जब पाकिस्तानी सेना मालाकंद को प्रशासनिक बलात्कार के लिए छोड़ रही है। ऐसा पहली बार एक दशक से ज्यादा समय पहले उस समय किया गया था जब इस क्षेत्र को पाकिस्तानी सेना ने मौलाना फजलुल्लाह और उसके ससुर को सौंप दिया था। वहां के नागरिकों को मनचाहे अंदाज में पेड़ों से लटका दिया जाता था, पाकिस्तानी संविधान वहां बेमानी हो चुका था। आप आज जिस प्रकार के मानव अधिकार हनन के दृश्य अफगानिस्तान में देखते हैं, ऐसा उससे कहीं अधिक इस क्षेत्र में उन दिनों हो रहा था। इस सब की खबरें बहुत छन-छन कर बाहर आ पा रही थीं और इन खबरों ने जोर तब पकड़ा, जब वहां से चांद बीबी का वीडियो वायरल हुआ। जब तालिबान अपने अधिकार क्षेत्र को बढ़ाकर सांगला तक आ गए थे, उसके बाद पाकिस्तान में यह फैसला किया गया कि उन्हें उस क्षेत्र से निकाला जाएगा।

शांति वार्ता नहीं, समर्पण
मौजूदा बातचीत को किसी शांति प्रस्ताव की तरह नहीं देखा जा सकता। दरअसल यह कोई शांति वार्ता है ही नहीं। यह तहरीक-ए-तालिबान के सामने किया जाने वाला पाकिस्तानी सेना का आत्मसमर्पण है। उनतीस मई को वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार गुल बुखारी ने इस लेखक से एक बातचीत में यह सवाल उठाया कि आखिर पाकिस्तान की सेना क्या आत्मसमर्पण करने के लिए तनख्वाह लेती है? अगला सवाल जो उन्होंने उठाया, वह यह था कि आखिर इस वार्ता को कौन कर रहा है, क्या वातार्कार जनता के चुने प्रतिनिधि हैं या सेना के प्रतिनिधि। अगर वे सेना के प्रतिनिधि हैं तो आखिर उन्हें यह हक किसने दिया कि वे इस प्रकार की शांति वार्ता करें।

इन सवालों के सार्वजनिक होने के बाद पाकिस्तान के राजनीतिक रंगमंच में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में सरकार की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने इस वार्ता को सरकार का समर्थन दिया। लेकिन बात यहीं पर खत्म नहीं हुई और सवाल जारी रहे। इसका नतीजा यह हुआ कि राजनीतिक दलों को मजबूरन संसद में इस बहस को ले जाना पड़ा। आगामी सप्ताह पाकिस्तानी संसद में इस पर बहस होगी और आशा है कि इस बहस में नए मुद्दे उठेंगे।

’ तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के विरुद्ध जो भी मुकदमे हैं, उन्हें तुरंत वापस लिया जाए।
ये थी वे शर्तें जिनको पाकिस्तानी सेना अब तक स्वीकार कर चुकी है।
इन शर्तों पर चल रही वार्ता
अब जरा बात उन शर्तों की, जिन पर अभी बात चल रही है:
’ तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के तमाम जवान अपने हथियारों और दल-बल समेत कबाइली इलाकों में लौटेंगे।
’ फाटा यानी कबाइली इलाकों को पाकिस्तान में शामिल किए जाने वाले कानून को वापस लिया जाएगा।
’ तमाम ड्रोन हमले बंद किए जाएंगे।
’ पाकिस्तानी सेना, जिसका यह काम है कि वह पाकिस्तानी क्षेत्रफल की रक्षा करे, इस क्षेत्र को छोड़ देगी।
दूसरे शब्दों में यह क्षेत्र पाकिस्तान के राजनीतिक मानचित्र से बाहर हो जाएगा। यानी पाकिस्तानी सेना पाकिस्तान के यहां बसे हुए नागरिकों को तालिबान के हवाले छोड़ कर भाग जाएगी और इस पर तुर्रा यह कि नागरिकों को यह पता ही नहीं है कि यह सब उनके साथ होने जा रहा है। उधर कबाइली इलाके और मालाकंद के क्षेत्र से वरिष्ठ नागरिकों, धार्मिक नेताओं को मिलाकर बनाया गया एक डेढ़ सौ लोगों का जिरगा बुधवार को काबुल पहुंचा। इसका नेतृत्व मुफ्ती तकी उस्मानी कर रहे हैं। माना जा रहा है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के मुखिया मुफ्ती नूर वली महसूद से सिर्फ मुफ्ती तकी उस्मानी को ही मिलाया जाएगा। याद रहे कि अभी भी इस विषय पर पाकिस्तान की संसद में कोई वार्ता नहीं हुई है। संभव है, वार्ता के नाम पर संसद में सिर्फ इस शांति प्रस्ताव पर औपचारिकता की एक मुहर भर लगाई जाए।

Topics: तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तानकाबुलकबाइलीमुफ्ती नूर वली महसूदपाक सेना का टीटीपी
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

पाकिस्तान में घुसा तालिबान : खैबर पख्तूनख्वा में सैन्य अड्डे पर किया कब्जा

क्रूर था मुगल आक्रांता बाबर

पठानों से नफरत करता था बाबर, हजारा मुस्लिमों पर भी किया हमला, ऊंट को मारकर पकाया और कबाब बनाया

ईरान ने अवैध रूप से रह रहे अफगान नागरिकों को देश से निकाल दिया है।

पाकिस्तान के बाद अब ईरान ने 13 हजार अफगान नागरिकों को देश से निकाला, 4 लाख अफगानियों पर है नजर

आतंकी अपने नेटवर्क का विस्तार करने में जुटे हैं।  (फोटो -प्रतीकात्मक)

सभी आतंकी संगठनों को साथ लाने की साजिश, अलकायदा में मिलना चाह रहा टीटीपी, यूएन की रिपोर्ट में कई खुलासे

आतंकी अपने नेटवर्क का विस्तार करने में जुटे हैं।  (फोटो -प्रतीकात्मक)

तालिबान ने पाकिस्तान पर ‘कब्जा’ करने के लिए अफगानिस्तान की तरह बनाई रणनीति

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान बोल रहा केवल झूठ, खालिस्तानी समर्थन, युद्ध भड़काने वाला गाना रिलीज

देशभर के सभी एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट : सभी यात्रियों की होगी अतिरिक्त जांच, विज़िटर बैन और ट्रैवल एडवाइजरी जारी

‘आतंकी समूहों पर ठोस कार्रवाई करे इस्लामाबाद’ : अमेरिका

भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर की गति बनाए रखना आवश्यक

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies