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हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को बेरहमी से कुचलने वाले जिनपिंग ने बोला सफेद झूठ

हांगकांग में चीन के वही वफादार जॉन ली मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं जिन्होंने लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को चीनी बर्बरता से कुचला था। शी जिनपिंग उनकी पीठ भी थपथपाते हुए कहा कि हांगकांग में लोकतंत्र खूब फल-फूल रहा है

by Alok Goswami
Jul 2, 2022, 02:00 pm IST
in विश्व
एक लोकतंत्र समर्थक को दबोचते हुए हांगकांग के पुलिस वाले (फाइल चित्र)

एक लोकतंत्र समर्थक को दबोचते हुए हांगकांग के पुलिस वाले (फाइल चित्र)

हांगकांग में पिछले दो दिन वहां ब्रिटिश उपनिवेश से मुक्त होकर चीन की झोली में आने की 25वीं वर्षगांठ बीजिंग के फरमान पर विक्टोरिया पार्क में खूब चमकदमक के साथ मनाई गई। स्वाभाविक था कि चीन में लोकतंत्र की आवाज को घोंटने वाली सत्ता के नेता वहां आकर लोकतंत्र पर ‘ज्ञान’ बांटते। और ऐसा हुआ भी, समारोह की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि ‘हांगकांग में लोकतंत्र मजबूत हुआ’ है। सब जानते हैं, यह कोरा झूठ ही है।

हांगकांग में राष्ट्रपति शी जिनपिंग

राष्ट्रपति जिनपिंग साफ तौर पर गद्गद् थे, उनके डंडे तले हांगकांग में बीजिंग के वफादार शिकंजा कसे जो हुए हैं। लोकतंत्र के समर्थन में चूं की भी आवाज को मसलने में वे देर नहीं लगाते। तिब्बत और सिंक्यांग के उदाहरण उनके सामने हैं जहां बीजिंग की बर्बर नीतियों ने स्थानीयजन की मुश्कें कसी हुई हैं।

ऐसे सुभीते माहौल में ‘वन चाइना पॉलिसी’ का सूत्र गु्ंजाने वाले जिनपिंग ने खुलकर अपनी मंशा जाहिर की और हांगकांग के संदर्भ में कहा कि कोई वजह नहीं है कि ‘एक देश, दो प्रणाली’ मॉडल को बदला जाए। हांगकांग में इसी मॉडल पर तो राज चल रहा है कम्युनिस्ट चीन का।

हांगकांग की 25वीं वर्षगांठ समारोह की अध्यक्षता राष्ट्रपति जिनपिंग के अलावा और कोई कर भी कैसे सकता था। उसी ओहदे से शी ने शेखी बघारी कि ‘हांगकांग का हित’ ही बीजिंग की एकमात्र चिंता है।

उल्लेखनीय है कि 25 साल पहले 1997 में ब्रिटेन ने हांगकांग को अपनी गुलामी से आजाद करते हुए उसे चीन के हवाले छोड़ दिया था। लंबे वक्त तक ब्रिटेन का उपनिवेश रहे हांगकांग के वापस बीजिंग के हा​थ में आने की ये 25वीं सालगिरह का मौका था, तो ऐसे में हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक एक्टिविस्ट और प्रदर्शनकारियों को आसपास पर तक न मारने दिया गया था। हालांकि पिछले दो साल वहां इन लोगों ने लोकतंत्र की मांग करते हुए सड़कें और जेलें भर डाली थीं। पुलिस के डंडे खाए थे और कई तो जान की अमान मांगते हुए देश से बाहर जाकर रहने को मजबूर हुए थे।

पिछले साल हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों पर इस तरह डंडे बरसाए थे पुलिस ने

आज हांगकांग में 1989 में थ्येनआनमन चौक पर निहत्थे लोकतंत्र समर्थकों पर टैंक चढ़ाने की धमकी देने वाले चीन के वही वफादार जॉन ली मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं जिन्होंने अपने यहां भी लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को चीनी बर्बरता से कुचला था। शी जिनपिंग उनकी पीठ भी थपथपाना नहीं भूले। शी ने बीजिंग के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के दमन को अनदेखा करते हुए कहा कि, हांगकांग में लोकतंत्र खूब फल-फूल रहा है।

शी ने लोकतंत्र समर्थक आंदोलन पर सीधी चोट करते हुए कहा कि ‘मातृभूमि के साथ फिर से मिलकर हांगकांग वाले अपने शहर के स्वामी बन गए हैं। यहीं से तो शुरू होता है हांगकांग का असली लोकतंत्र’। उन्होंने आगे कहा कि इस मॉडल को बदलने की कोई वजह नहीं है, इसे बनाए रखा जाना चाहिए। यह देश की संप्रभुता, सुरक्षा तथा विकास की बात करता है।

इस समारोह में शी के आने से पहले जॉन ली की पुलिस ने सावधानी बरतते हुए कई लोगों को कैद कर लिया था। लीग ऑफ सोशल डेमोक्रेट्स के कई सदस्यों और समर्थकों को पुलिस ने चेतावनी दे रखी थी। ऐसे लोगों के घरों की तलाशी ली गई।

राष्ट्रपति शी के आने पर नए नियुक्त किए गए मुख्य कार्यकारी जॉन ली की अगुआई में बीजिंग के वफादारों की सरकार ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। जॉन ली और उनसे पहले मुख्य कार्यकारी रहीं कैरी लाम, दोनों ने शी के आने पर उनका धन्यवाद करते हुए बयान जारी किए।

Alok Goswami
Journalist at Bahrat Prakashan | Web |  + postsBio ⮌

Delhi-based journalist with 25+ years of experience, covering India and abroad. Interests include foreign relations, defense, socio-economic issues, diaspora, and Indian society. Enjoys reading and watching documentaries on travel, history, geopolitics, and wildlife.

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