ग्लोबल वार्मिंग बढ़ा रही क्रिप्टोकरेंसी
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

ग्लोबल वार्मिंग बढ़ा रही क्रिप्टोकरेंसी

2016 से 2018 के बीच बिटकॉइन निर्माण की प्रक्रिया में तीस लाख से 1.3 करोड़ टन

by बालेन्दु शर्मा दाधीच
Jul 1, 2022, 05:04 pm IST
in भारत, विज्ञान और तकनीक
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

सन् 2016 से 2018 के बीच बिटकॉइन निर्माण की प्रक्रिया में तीस लाख से 1.3 करोड़ टन तक कार्बन डाई आक्साइड का उत्सर्जन हुआ

यह ऐसी करेंसी है जो कभी छलांगें मारने के लिए चर्चा में आती है तो कभी गोते लगाने के कारण। लेकिन पिछले कई वर्षों से वह इसलिए भी चर्चा में है कि यह दुनिया की जलवायु को नुकसान पहुंचा रही है। धरती के तापमान को बढ़ाने में इसका गहन योगदान है। जी हां, बात बिटकॉइन और उसके जैसी ही दूसरी क्रिप्टोकरेंसी की हो रही है। कैंब्रिज विश्वविद्यालय की 2021 की रिपोर्ट कहती है कि अकेले बिटकॉइन के इस्तेमाल पर दुनिया में 121.36 टेरावाट घंटे बिजली खर्च हो रही है जो पूरे अर्जेंटीना में होने वाली बिजली की खपत के बराबर है।

इसे यूं भी कह सकते हैं कि आईटी की दिग्गज कंपनियां- माइक्रोसॉफ़्ट, एपल, गूगल और फेसबुक मिलकर एक साल में जितनी बिजली खर्च करती हैं, यह उससे भी ज्यादा है। और बिटकॉइन कोई अकेली क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। ईथरियम, बिनांस, रिप्पल, डॉगकॉइन, लाइटकॉइन, कोडार्नो जैसी कितनी ही क्रिप्टोकरेंसीज इन दिनों बाजार में खरीदी-बेची और इस्तेमाल की जा रही हैँ।

बिटकॉइन ऐसी करेंसी है जिसे आप भी बना सकते हैं लेकिन छू नहीं सकते। यह कंप्यूटरों और ऐसे ही दूसरे डिजिटल माध्यमों के जरिए ली और दी जाने वाली डिजिटल करेंसी है जिसे वर्चुअल करेंसी या क्रिप्टोकरेन्सी भी कहा जाता है। समझ लीजिए कि यह किसी खास किस्म की कंप्यूटर फाइल की तरह है। सबसे मशहूर क्रिप्टोकरेन्सी का नाम है बिटकॉइन जिसे 2009 में पहली बार सातोशी नाकामोतो नाम के एक (वर्चुअल) निर्माता ने बनाया था। दुनिया में कुल 2.1 करोड़ बिटकॉइन ही हो सकते हैं और उनमें से करीब 17 लाख अब तक बनाए जा चुके हैं। जितने बचे हैं उनकी संख्या बहुत थोड़ी रह गई है लेकिन फिर भी अगर आप चाहें तो बिटकॉइन बनाने की कोशिश कर सकते हैं क्योंकि एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपये में है।

सौदा बड़े फायदे का है लेकिन वह बनेगी कैसे- आप पूछेंगे। बिटकॉइन के निर्माण की प्रक्रिया को माइनिंग कहा जाता है। यह माइनिंग सोने और चांदी की माइनिंग से अलग है क्योंकि यहां पर आपको एक बिटकॉइन बनाने के लिए एक बेहद जटिल डिजिटल पहेली को हल करना पड़ता है।

समझ लीजिए कि सातोशी नाकामोतो ने एक बहुत ही मुश्किल डिजिटल चुनौती दे दी है जिसे हल करने के लिए आपको अपने खुद के एल्गोरिद्म (प्रोग्रामिंग कोड) और साथ ही साथ बहुत ज्यादा कंप्यूटिंग पावर की जरूरत पड़ेगी। उलझन वाली बात यह है कि जितने कम बिटकॉइन बनाने बच जाएंगे, आपके सामने आने वाली डिजिटल पहेली उतनी ही जटिल होती चली जाएगी।

शुरू के दिनों में यह इतना मुश्किल काम नहीं था, जितना कि अब हो गया है। हाल यह है कि कई प्रोग्रामर मिलकर बिटकॉइन बनाने की कोशिश करते हैं और उसके लिए बहुत सारे माइक्रोप्रॉसेसरों, ग्राफिक्स कार्ड सिस्टमों और दूसरी चीजों का इस्तेमाल करते हैं। सिर्फ अपने कंप्यूटरों में ही नहीं बल्कि इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए वे आपके और हमारे जैसे दूसरे लोगों के कंप्यूटरों की ताकत का भी इस्तेमाल इसी काम के लिए कर लेते हैं। ज्यादातर मौकों पर हमें पता ही नहीं चलता कि कोई हमारे कंप्यूटर की ताकत का इस्तेमाल क्रिप्टोकरेन्सी की माइनिंग के लिए कर रहा है।

2016 से 2018 के बीच जितनी बिटकॉइन बनाई गई, उनके निर्माण की प्रक्रिया में तीस लाख से 1.3 करोड़ टन तक कार्बन डाईआक्साइड का उत्सर्जन हुआ। समझ लीजिए कि इसी अवधि में दस लाख कारों के धुएं से जितना प्रदूषण हुआ होगा, यह उसके बराबर है।

कंप्यूटरीय गणना जितनी ज्यादा जटिल और लंबी होती है माइक्रोप्रॉसेसरों को उतनी ही शक्ति लगानी पड़ती है और उसी लिहाज से कंप्यूटिंग पावर तथा बिजली की जरूरत पड़ती है। फिर भी इस काम में कई हफ्ते या कई महीने भी लग सकते हैं। कहा जाता है कि सोने की माइनिंग में जितनी बिजली खर्च होती है, उससे कई गुना ज्यादा बिजली क्रिप्टोकरेन्सी की माइनिंग में लग जाती है। कुछ स्वतंत्र शोधकर्ताओं का अनुमान है कि एक डॉलर की कीमत के बराबर बिटकॉइन बनाने में 17 मेगा जूल पावर की जरूरत पड़ेगी जबकि इतनी ही रकम के बराबर सोने की माइनिंग करने में 5 मेगा जूल और प्लेटिनम में 7 मेगा जूल बिजली खर्च होगी। इससे होने वाला प्रदूषण तो और भी चिंताजनक है। ॉ

कहा जाता है कि सन् 2016 से 2018 के बीच जितनी बिटकॉइन बनाई गई, उनके निर्माण की प्रक्रिया में तीस लाख से 1.3 करोड़ टन तक कार्बन डाईआक्साइड का उत्सर्जन हुआ। समझ लीजिए कि इसी अवधि में दस लाख कारों के धुएं से जितना प्रदूषण हुआ होगा, यह उसके बराबर है।

रुझान और भी खतरनाक है। 2015 और 2021 के बीच दुनिया में बिटकॉइन के लिए होने वाली ऊर्जा की खपत करीब 62 गुना बढ़ी है। आने वाले दिनों में क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। सवाल उठता है कि क्या इसका कोई समाधान निकल सकेगा जब बहुत सारी सरकारें और केंद्रीय बैंक खुद भी अपनी क्रिप्टोकरेंसी तैयार करने में जुटे हैं।
(लेखक माइक्रोसॉफ्ट में ‘निदेशक- भारतीय भाषाएं और सुगम्यता’ के पद पर कार्यरत हैं)

Topics: कोडार्नोक्रिप्टोकरेंसीग्लोबल वार्मिंगबिटकॉइनईथरियमबिनांसरिप्पलडॉगकॉइनलाइटकॉइन
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Enviormentlist killd in colambiya

पिछले एक साल में पर्यावरण की रक्षा करने कोशिश में करीब 200 लोगों की हत्या: रिपोर्ट

Global Warming Heat wave in Antarctica

अंटार्कटिका में तापमान औसत से 10 डिग्री सेल्सियस अधिक, रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची गर्मी

प्रतीकात्मक चित्र

विश्व पर्यावरण दिवस : ऐसे ही बढ़ता रहा तापमान तो 30 साल में क्या होगा

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस

‘बर्फ की पतली चादर पर बैठी मानवता को बचा सको तो बचा लो’, UN प्रमुख ने जलवायु परिवर्तन पर जताई चिंता

रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत

एकात्मवादी संस्कृति में ही जल संकट का समाधान : मोहन भागवत

पुलिस की गिरफ्त में सैम बैंकमैन फ्राइड

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के सीईओ ने अपने पर उड़ाए ग्राहकों के करोड़ों डालर, बहामास में पुलिस ने किया गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies