ग्रीन हाइड्रोजन है देश का भविष्य : नितिन गडकरी
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

ग्रीन हाइड्रोजन है देश का भविष्य : नितिन गडकरी

केंद्रीय परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि हम जल, जमीन, जंगल, जानवर पर आधारित अर्थव्यस्था का निर्माण करने का प्रयास करते हैं

by पाञ्चजन्य ब्यूरो
Jun 29, 2022, 12:32 pm IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

केंद्रीय परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि हम जल, जमीन, जंगल, जानवर पर आधारित अर्थव्यस्था का निर्माण करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने ग्रीन हाइड्रोजन को देश का भविष्य बताया और पर्यावरण की रक्षा के लिए ईंधन को बदलने की आवश्यकता बताई। उन्होंने आयात खत्म करने और प्रदूषण खत्म करने को आर्थिक राष्ट्रवाद कहा। उन्होंने कहा कि ईंधन विकल्प तैयार होने से आॅटोमोबाइल क्षेत्र में बदलाव आएगा और भारत अगले 5 वर्ष में दुनिया का शीर्ष आटोमोबाइल हब बनेगा। उन्होंने साफ कहा कि कोई भी चीज कचरा नहीं है। जरूरत प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर उसे संपत्ति में बदलने की है

पाञ्चजन्य के पर्यावरण संवाद में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है। यदि पर्यावरण की रक्षा करनी है तो ईंधन को बदलना होगा। उन्होंने कहा कि ईंधन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना राष्ट्रवाद है। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही ऊर्जा निर्यातक देश होंगे। उन्होंने कहा कि आयात और प्रदूषण को खत्म करना ही आर्थिक राष्ट्रवाद है। उन्होंने कहा कि कचरा कुछ भी नहीं है, जरूरत कचरे में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके उसे संपत्ति में परिवर्तित करने की है। ध्वनि प्रदूषण पर उन्होंने कहा कि वाहनों के हॉर्न की आवाज बहुत कर्कश होती है। जल्द ही वाहनों में हॉर्न के बजाय तबला, बांसुरी, वॉयलिन की आवाजें आएंगी।

सत्र के संचालक पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर ने पूछा कि विकास को पर्यावरण का विरोधी कहा जाता है। आप परिवहन मंत्री हैं, विकास के साथ पर्यावरण के संरक्षण के लिए क्या व्यवस्था बनाई है, उसका फल कैसा होने वाला है?

श्री गडकरी ने कहा कि हम जल, जमीन, जंगल, जानवर पर आधारित अर्थव्यस्था का निर्माण करने का प्रयास करते हैं। इस दिशा में बहुत काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने मैसूर के निकट एक हिल स्टेशन का जिक्र करते हुए कहा कि वायु प्रदूषण का 35-40 प्रतिशत हिस्सा जीवाश्म र्इंधन जलने के कारण होता है।

श्री गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सर संघचालक आदरणीय कुप्प. सी. सुदर्शन जी कहते थे कि हमारे देश का किसान देश के लिए अन्न के साथ-साथ, देश के लिए बिजली और देश के लिए र्इंधन दे सकता है। आज विश्व का संकट उर्वरक, खाद्य और ईंधन का है। तब सुदर्शन जी की बात पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने सही कहा था, मैं 20 वर्ष से उस पर काम कर रहा हूं।

एथेनॉल बनेगा विकल्प
इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात है कृषि का ऊर्जा क्षेत्र में विविधिकरण। हम पेट्रोल-डीजल का आयात करते हैं। अपने देश में हमने पेट्रोल और डीजल की जगह अब एथेनॉल से शुरूआत की। अटल जी के समय हमने पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल डालने की सोची। देश में एक हजार करोड़ लीटर एथेनॉल तो केवल पेट्रोल में डालने के लिए चाहिए। एथेनॉल चावल, गन्ना, मक्का, बांस आदि से बनता है। ये हमारे देश में सरप्लस में हैं। यदि देश में एथेनॉल पर्याप्त मात्रा में बनने लगे तो किसान भी संपन्न होंगे, आयात भी कम होगा और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।

सुदर्शन जी की बात का फल आज मिल रहा है। पिछले वर्ष हमने 4.5 सौ करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया। यदि हमें पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल डालना है तो हमें 1000 करोड़ लीटर एथेनॉल चाहिए। एथेनॉल किसान तैयार करता है। इससे हमारे बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश इत्यादि राज्यों को लाभ होगा। अब उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में 430 करोड़ लीटर एथेनॉल का निर्माण होगा। बिहार, छत्तीसगढ़, बंगाल, उड़ीसा इत्यादि में एथेनॉल उत्पादन की फैक्ट्रियां खुल रही हैं।

फ्लेक्स इंजन की शुरुआत
श्री गडकरी ने बताया कि उन्होंने एक परामर्श जारी किया था कि दोपहिया और तीन पहिया वाहन में फ्लेक्स इंजन का उपयोग किया जाए। फ्लेक्स इंजन 100 प्रतिशत बायो एथेनॉल से और 100 प्रतिशत पेट्रोल से चलता है। इससे चलने के दौरान 40 प्रतिशत बिजली उत्पन्न होती है। यानी ईंधन की जरूरत केवल 60 प्रतिशत होती है। ऐसे वाहन भारत में आ रहे हैं। इसमें 100 प्रतिशत बायो एथेनॉल का उपयोग होगा। बायो एथेनॉल की कीमत 60 रुपये प्रति लीटर है। इससे लागत घटेगी और प्रदूषण भी नहीं होगा। मैं देश के सभी लोगों से अपील करूंगा कि यदि 4-6 माह के बाद गाड़ी खरीदनी है तो पेट्रोल-डीजल की न खरीदें। बिजली, एथेनॉल या ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ी खरीदें।
इसी तरह पंजाब में पराली जलाने से प्रदूषण होता है। इस पर भी अच्छा प्रयोग हुआ है। पराली को बायो डायजेस्टर में डाल कर मीथेन तैयार करके उससे बायो सीएनजी बनाने की बात हो रही है।

श्री गडकरी ने बताया कि मथुरा में कचरा से संबंधी परियोजना शुरू की है। कहा कि कचरा खराब चीज नहीं है। जरूरत है उसमें मूल्य सृजित करने की। मैं चाहूंगा कि आप इसका प्रचार करें। उन्होंने कहा कि नाले के गंदे पानी को शुद्ध करके उससे 70 प्रतिशत हाइड्रोजन बन सकता है। हमारे किसान इसको तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि हम दो चीजें कहते हैं। एक तो हम अन्नदाता किसान को ऊर्जादाता बनाएंगे। दूसरे, हम ऊर्जा का आयात करने वाले नहीं, ऊर्जा का निर्यात करने वाले बनेंगे। जब तक मूल्य सृजित नहीं होगा, बदलाव नहीं आएगा।

ऑटोमोबाइल हब बनेगा भारत
श्री गडकरी ने कहा कि सुदर्शन जी कहा करते थे, स्वदेशी का विचार, स्वालंबन का विचार, आत्मनिर्भर भारत का विचार। जब से मैंने सुदर्शन जी का हाथ पकड़ा तब से इनकी बातों को साकार करने में लगा हूं। उन्होंने बताया कि अभी ऑटोमोबाइल उद्योग 6.5 लाख करोड़ रुपये का है। मैंने तय किया है कि 5 वर्ष में इसे 15 लाख करोड़ रुपये का कर दूंगा। हमारे देश की ऑटोमोबाइल कंपनियों हीरो, टीवीएस का जितना भी दो पहिया वाहन उत्पादन है, उसका 50 प्रतिशत निर्यात होता है। अब जब बिजली, एथेनॉल, ग्रीन हाइड्रोजन आएगा तो ये सभी गाड़ियां हमारे देश से निर्यात होंगी। पुराने वाहनों के स्क्रैप से उद्योग की लागत 30 प्रतिशत कम हो जाएगी। आगामी 5 वर्ष बाद भारत आॅटोमोबाइल उद्योग का शीर्ष हब होगा।

सड़क निर्माण में कचरा उपयोग
उन्होंने सड़क निर्माण में प्लास्टिक का उपयोग और उदाहरणों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरण भी साफ होता है और सड़कों की उम्र भी लंबी होती है। उन्होंने प्लास्टिक उपयोग का एक और उदाहरण देते हुए एक वाकया सुनाया कि असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वांनंद सोनोवाल के चुनाव में वे माजुली गए। वहां श्री सोनोवाल ने उनसे ब्रह्मपुत्र नदी पर पुल बनाने की घोषणा करने का आग्रह किया। उन्होंने घोषणा तो कर दी परंतु सोच में पड़ गए कि यह होगा कैसे। खर्च पता किया तो छह हजार करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगा। तब उन्हें सिंगापुर का एक पुल याद आया जिसमें पिलर 30 फुट के अंतर के बजाय 120 फुट पर था। इसमें बीम में प्लास्टिक का उपयोग किया गया था। उन्होंने इस मसले पर काम शुरू किया। तब यूपी ब्रिज कॉरपोरेशन सामने आया और उसने ब्रह्मपुत्र नदी पर इस पुल का निर्माण महज साढ़े छह सौ करोड़ में कर दिया।

यमुना प्रदूषण पर काम
यमुना के प्रदूषण पर बात करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि इस पर काम हो रहा है। जल्द ही पानीपत से दिल्ली, मथुरा, इटावा, प्रयागराज, वाराणसी होते हुए इंडोनेशिया, मलेशिया तक पानी के जहाज चलेंगे। इसके लिए विश्व बैंक को 12 हजार करोड़ रुपये की परियोजना दी है। अगर आप सड़क मार्ग से जाते हैं तो 10 रुपये का खर्च है, ट्रेन से जाते हैं तो 6 रुपये का खर्च है, जल मार्ग से जाते हैं तो 1 रुपये का खर्च है। उस पानी के जहाज में डीजल के बजाय मिथेनॉल का उपयोग होगा। अगर हमने ये लॉजिस्टिक तरीका स्थापित कर लिया तो हमारी निर्यात क्षमता डेढ़ गुना हो जाएगी और हम आत्मनिर्भर हो जाएंगे।

उत्तराखंड में रोपवे पर श्री गडकरी ने कहा कि ये मेरी कल्पना है। पहाड़ के चारों धाम के लिए 65 रोप वे का निर्माण हुआ है। बद्रीनाथ-केदारनाथ के लिए अभी जो बस घूम कर जाती है, उसमें ईंधन बहुत लगता है। अब सीधा रोपवे का निर्माण किया जाएगा जिससे समय भी बचेगा और ईंधन भी बचेगा। वह दिन दूर नहीं जब हम एक जगह से दूसरी जगह अपनी गाड़ी से उड़कर जाना शुरू करेंगे।


क्या है ग्रीन हाइड्रोजन

  •  जब पानी से बिजली गुजारी जाती है तो हाइड्रोजन पैदा होती है। इस हाइड्रोजन का इस्तेमाल बहुत सारी चीजों को पावर देने में होता है। अगर हाइड्रोजन बनाने में इस्तेमाल होने वाली बिजली किसी नवीकरणीय स्रोत से आती है, यानी ऐसे स्रोत से आती है जिसमें बिजली बनाने में प्रदूषण नहीं होता है तो इस तरह बनी हाइड्रोजन को ग्रीन हाइड्रोजन कहा जाता है।
  • अभी पवनचक्की और सौर ऊर्जा के जरिए बिजली पैदा की जा रही है। परंतु यह वाहन, विमान, जहाज, स्टील, सीमेंट जैसे कई उद्योगों में काम नहीं आती। ऐसे में हाइड्रोजन की जरूरत पड़ती है। जिसका भंडारण किया जा सकता है और फिर आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सकता है।
  • केंद्र सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन नीति भी जारी की है। नई नीति के तहत वर्ष 2030 तक 50 लाख टन हाइड्रोजन बनाने की योजना है, जिसके तहत कई प्रोत्साहन भी दिए जाएंगे।

क्या है एथेनॉल

  • एथेनॉल एक तरह का ईंधन है। यह पेट्रोल के साथ मिलकर वाहनों की दुनिया में एक नई क्रांति ला सकता है। भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक पेट्रोल में लगभग 20 प्रतिशत एथेनॉल के मिश्रण का लक्ष्य रखा है।
  • एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है जिसे वाहनों के पेट्रोल में मिलाकर वाहनों में ईंधन की तरह उपयोग किया जा सकता है। इसका उत्पादन गन्ने की फसल से होता है। शर्करा वाली कई अन्य फसलों जैसे चावल, मक्का से भी इसका उत्पादन होता है।
    ल्ल एथेनॉल का उत्पादन बढ़ने और पेट्रोल में इसे मिलाने से पेट्रोल का आयात घटाने में मदद मिलेगी। एथेनॉल फसलों से बनने से पर्यावरण-उन्मुख भी है। इससे प्रदूषण पर रोक लगती है।


Topics: पर्यावरणपर्यावरण संवादपेट्रोल और डीजलयमुना के प्रदूषणग्रीन हाइड्रोजनएथेनॉलसड़क निर्माण
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

कक्षा 7 की इतिहास की पाठ्यपुस्तक से ‘मुगलों ‘और ‘दिल्ली सल्तनत’के अध्याय हटा गए

मुगलों का अध्याय खत्म

पद्म सम्मान-2025 : सम्मान का बढ़ा मान

अभियान के दौरान पौधारोपण करते कार्यकर्ता

किशनगंज में पर्यावरण रक्षा अभियान

Panchjanya manthan Gopal arya and Praveen reddy

पाञ्चजन्य महाकुंभ-2025 मंथन : पर्यावरण और नेत्र स्वास्थ्य के लिए अनोखे प्रयास- गोपाल आर्य और प्रवीण रेड्डी के विचार

Panchjanya Sabarmati Samvad Mulu bhai

पाञ्चजन्य साबरमती संवाद-3 में ‘पर्यावरण अनुकूल विकास’ पर बोले गुजरात के मंत्री-हम नवीकरणीय ऊर्जा में अग्रणी राज्य

साधना, समर्पण और शक्ति का संगम

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies