श्रद्धांजलि : बाबा योगेंद्र - सरस्वती के सच्चे साधक
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम श्रद्धांजलि

श्रद्धांजलि : बाबा योगेंद्र – सरस्वती के सच्चे साधक

संस्कार भारती के संरक्षक बाबा योगेंद्र जी ज्ञान की देवी सरस्वती के सच्चे साधक

by जितेंद्र मेहता
Jun 28, 2022, 12:10 pm IST
in श्रद्धांजलि
बाबा योगेंद्र, 7 जनवरी, 1924 - 10 जून, 2022

बाबा योगेंद्र, 7 जनवरी, 1924 - 10 जून, 2022

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

श्रद्धांजलि : बाबा योगेंद्र – सरस्वती के सच्चे साधक

संस्कार भारती के संरक्षक बाबा योगेंद्र जी ज्ञान की देवी सरस्वती के सच्चे साधक थे। उनका पूरा जीवन कला और कलाकारों को समर्पित रहा। उन्होंने कला जगत में भारत, भारतीयता और भारतीय संस्कृति को बढ़ाने में अतुलनीय योगदान दिया

कला ऋषि
बाबा योगेंद्र भले ही शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपनी कला के माध्यम से वे सदैव विद्यमान रहेंगे। (यह चित्र संस्कार भारती के अध्यक्ष श्री वासुदेव कामत ने बनाया है।)

 

गत 10 जून को बाबा योगेंद्र इस धरा से चल बसे। बाबा, यह शब्द मुंह पर आते ही एक विराट व्यक्तित्व आंखों के सामने आ जाता है जिसके सम्मुख शीश श्रद्धा से स्वत: ही झुक जाता है। 98 वर्ष का प्रभु-प्रदत्त सुदीर्घ जीवन, 77 वर्ष संघ के प्रचारक, 41 वर्ष संस्कार भारती के संस्थापक सदस्य से लेकर संरक्षक के रूप में, देह की पूर्ण विश्रांति तक पद्मश्री योगेंद्र जी की अनथक, अविरत साधना हर किसी के लिए प्रेरणादायी है। उत्तर प्रदेश में बस्ती जनपद के गांधीनगर में 7 जनवरी, 1924 को बाबू विजय बहादुर (वकील साहब) के पुत्र के रूप में जन्मे, गोरखपुर में पढ़ाई के दौरान स्वयंसेवक बने, 1945 में संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री नानाजी देशमुख की प्रेरणा से पूर्णकालिक प्रचारक बने योगेंद्र जी गोरखपुर, प्रयाग, बरेली, बदायूं तथा सीतापुर में प्रचारक रहे। वे एक उच्च कोटि के चित्रकार भी थे। संघ कार्य में अति व्यस्त रहने के बावजूद उनके मन में एक सुप्त कलाकार सदैव मचलता रहता था।

तत्कालीन परिस्थितियों के अनुरूप उन्होंने अनेक ज्वलंत विषयों पर चित्र प्रदर्शनियों की शृंखला प्रारंभ की। देश-विभाजन की त्रासदी पर उनके द्वारा निर्मित एक अत्यंत मार्मिक चित्र प्रदर्शनी, जिस किसी ने भी देखी, अपने आंसू नहीं रोक पाया। 1857 के स्वाधीनता संग्राम की अमर गाथा, देश विभाजन, जलता कश्मीर, मां की पुकार, संकट में गो माता तथा भारत की विश्व को देन जैसी प्रदर्शनियों को देश तथा विदेशों में भी अत्यंत लोकप्रियता मिली।


सहज और सरल जीवन

संस्कार भारती के संस्थापक एवं संरक्षक बाबा योगेंद्र जी के निधन का समाचार पाकर अत्यंत दुख हुआ। इस कठिन समय में मेरी संवेदनाएं सभी शुभचिंतकों के साथ हैं। पद्मश्री बाबा योगेंद्र जी ने संस्कार भारती के रूप में कला साधकों को एक सशक्त मंच प्रदान किया। युवा पीढ़ी में भारतीय संस्कारों को पल्लवित करने और उनमें राष्टÑवाद की चेतना जागृत करने के लिए उन्होंने कला को माध्यम बनाया। शुरुआती जीवन के अभाव और संघर्षों के बीच छोटी आयु में ही उनमें जीवन मूल्यों की बेहतर समझ विकसित हो गई थी। प्रारंभिक जीवन में संघ की विचारधारा का उन पर गहरा प्रभाव पड़ा और उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन इस विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए समर्पित कर दिया। बाबा योगेंद्र जी के विचारों में जितनी गहराई थी, व्यक्तिगत जीवन में उनका रहन-सहन उतना ही सहज और सरल था। उनका निधन कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। बाबा योगेंद्र जी आज सशरीर इस दुनिया में नहीं हैं, पर उनके कर्तृत्व, विचार और संस्कार समाज को सदैव दिशा देते रहेंगे। कला साधना की उनकी समृद्ध विरासत कला प्रेमियों का मागदर्शन करती रहेगी। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह दिवंगत आत्मा को शांति दें और शोक-संतप्त प्रशंसकों को यह दुख सहन करने का धैर्य और संबल प्रदान करें। -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

संघ ने दी श्रद्धांजलि

बाबा योगेंद्र के निधन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत और सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने एक संयुक्त बयान जारी कर उन्हें श्रद्धांजलि दी, जिसे यहां प्रकाशित किया जा रहा है-
संस्कार भारती के संरक्षक श्री योगेंद्र जी के निधन से एक ज्येष्ठ प्रचारक के साधक जीवन का अंत हुआ। असंख्य कार्यकर्ताओं को एक अभिभावक के वियोग का अनुभव होना सहज ही है। वे एक तपस्वी थे। संगीत व कला क्षेत्र के राष्टÑनिष्ठ साधकों को एक मंच पर लाना उनके जीवन की साधना थी। विनम्रता के साकार रूप रहे पद्मश्री से सम्मानित बाबा योगेंद्र जी का जीवन सदैव प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। दिवंगत आत्मा को परमपिता अपने श्रीचरणों में स्थान दें।

1981 में कला क्षेत्र में राष्ट्रभाव जागरण, कलाओं और कलासाधकों के संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से संस्कार भारती का गठन हुआ तो बाबा योगेंद्र की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें संगठन मंत्री का दायित्व सौंपा गया। फिर क्या था, बाबा ने साधनों की चिंता किए बिना कलाकारों और कार्यकर्ताओं को अपने अथक प्रवास और विशुद्ध प्रेम के बल पर जोड़ना प्रारंभ कर दिया, और देखते ही देखते देशभर में संस्कार भारती की सैकड़ों इकाइयां गठित होती चली गर्इं। ‘कला मिट्टी में प्राण फूंकती है’, यह उनका प्रसिद्ध ध्येय वाक्य था। योगेंद्र जी ने प्रारंभ से ही हर स्तर पर कलाकारों को जोड़ने का प्रयास किया, चाहे स्थापित कलाकार हों अथवा नवोदित, बाबा का स्नेह-प्रसाद सभी को समान रूप से प्राप्त था। अपने सादगीपूर्ण, सरल, सौम्य स्वभाव से उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित किया। कार्य की आवश्यकता को समझते हुए उन्होंने एक चित्रकार की अपनी पहचान को संगठन के स्वरूप में सहज विलीन कर दिया। बाबा सबके, सब बाबा के, ऐसा अटूट संबंध; आत्मीयता इतनी कि प्रत्येक छोटे-बड़े कार्यकर्ता और कलाकार के सुख-दु:ख में सदा सहभागी होते और हर व्यक्ति को लगता कि मैं ही बाबा के सर्वाधिक निकट हूं।

संगठन के किसी भी निर्णय अथवा व्यक्तिगत व्यवहार से कार्यकर्ता और कलाकार के मन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है, इसका आभास बाबा को बिना किसी के बताए कैसे हो जाता होगा, यह उनकी अति संवेदनशीलता का परिचय कराता है। संपूर्ण देश में अपने प्रवास दर प्रवास, कार्यकर्ताओं से मिलते तो उनके गत प्रवास का वर्णन आकाशवाणी के किसी आंखों देखे हाल से कम नहीं होता। कार्य की स्थिति और संपर्कित बंधु, भगिनी की योग्यताओं और उपलब्धियों का नाम सहित ऐसा सजीव चित्रण सुनने को मिलता कि श्रोता मंत्रमुग्ध हो जाते। हस्तलेखन ऐसा कि जैसे कागज पर मोती बिखेर दिए हों, उनके पत्र सभी सहेज कर रखना चाहते हैं। अपने जीवन काल में उन्हें पद्मश्री सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया परंतु उसका लेश मात्र भी अभिमान बाबा के जीवन में कभी प्रकट नहीं हुआ। बाबा योगेंद्र ने अपने व्यवहार तथा आचरण से सबको यह सिखाया कि निरंतर प्रवास तथा सतत संवाद द्वारा ही संगठन का विकास और विस्तार संभव है। सुनते हैं कि जीवन भले ही छोटा हो परंतु सार्थक होना चाहिए परंतु जीवन सुदीर्घ भी हो और उतना ही सार्थक भी, यह बाबा योगेंद्र जी ने अपने जीवन यज्ञ द्वारा हमें बताया।
(लेखक संस्कार भारती, दिल्ली प्रांत के संगठन मंत्री रहे हैं)

 

Topics: संस्कार भारतीबाबा योगेंद्रसच्चे साधक
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

हिन्दू कला दृष्टि पर विमर्श

हास्य विधाओं में भारतीय मूल्य-बोध की पुनः स्थापना आवश्यक : संस्कार भारती

पद्म सम्मान-2025 : सम्मान का बढ़ा मान

बैठक में उपस्थित प्रतिनिधि

‘हास्य विधाओं में फिर हो भारतीय मूल्यों की स्थापना’

हिंदी दिवस पर पाञ्चजन्य का ‘काव्य घोष’ : युवा कवियों के ओजस्वी स्वर, राजस्थान की माताओं और बहनों के बलिदान को किया नमन

एक कलाकार को सम्मानित करते संस्कार भारती के अधिकारी

संस्कार भारती ( दिल्ली) की नई कार्यकारिणी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने ने बसाया उन्ही के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिलवुमन का झलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

यूनेस्को में हिन्दुत्त्व की धमक : छत्रपति शिवाजी महाराज के किले अब विश्व धरोहर स्थल घोषित

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies