झारखंड की हेमंत सरकार वंचितों, शोषितों और जनजातीय समाज के हितों की बात करते नहीं थकती, लेकिन जब किसी को न्याय दिलाने की बात आती है तो सरकार की तरफ से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल पाता है। इसके साथ ही अगर मामला मुसलमानों द्वारा हिन्दुओं को प्रताड़ित करने का हो तो वहां पर सरकार से लेकर विधायक और प्रशासन मौन धारण कर लेता है।
ताजा मामला जामताड़ा जिले के चिरूडीह गांव का है। इस गांव में रमजान मियां नाम के एक दबंग ने वंचित परिवारों की जमीन और घरों पर कई वर्षों से कब्जा कर रखा है। इन परिवारों के लोग 2021 से ही प्रशासन से अपनी जमीन और घर वापस दिलाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। इतने के बाद भी जब सुनवाई नहीं हुई तो पिछले 17 दिन से लगातार पीड़ित परिवार के लोग छोटे—छोटे बच्चों को लेकर जामताड़ा न्यायालय परिसर में बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे हैं। इनकी मांग है कि इन्हें अपनी जमीन और घर वापस दिलाया जाए और सभी अभियुक्तों की अविलम्ब गिरफ़्तारी हो। वहीं कई लोगों का कहना है कि रमजान मियां कांग्रेस का कार्यकर्ता है। लोगों का कहना है कि स्थानीय विधायक इरफान अंसारी के साथ उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज भी रमजान का ही साथ दे रहे हैं। अब सवाल उठता है कि आखिर न्याय भी मजहब देखकर ही मिलेगा?
क्या है पूरा मामला?
जामताड़ा जिले के चिरूडीह गांव के हिन्दू परिवारों की जमीन और घरों पर कई वर्षों से कुछ मुसलमानों के जबरन कब्जा किए जाने के बाद इन्हें गांव से पलायन करना पड़ा था। 2021 में पीड़ित परिवारों ने चिरूडीह गांव के रमजान मियां और उसके साथी के खिलाफ मामला दर्ज कराते हुए बताया गया था कि इन लोगों ने अपने सहयोगियों के साथ इन परिवारों को पैतृक संपत्ति से बेदखल कर दिया है। इतना ही नहीं, इन लोगों पर जबरन कन्वर्जन, धमकी देने और जातिसूचक गाली—गलौज का भी आरोप लगाया था। इसे लेकर अप्रैल, 2021 में भी इन हिन्दू परिवारों ने महीनों तक धरना दिया था। मामला बढ़ा और दिल्ली अनुसूचित जाति आयोग तक पहुंचा। अंततः आयोग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण हलधर को जामताड़ा आना पड़ा। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को सख्त निर्देश दिया कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो और पीड़ितों को उनकी जमीन और घर वापस दिलाया जाए। इसके बाद जिला प्रशासन ने इन परिवारों को उनके घर तो दिला दिए, लेकिन खेती वाली जमीन अभी भी मुसलमानों के कब्जे में है। इसी मामले को लेकर एक बार फिर से ये परिवार पिछले 17 दिन से धरना दे रहे हैं।
एक पीड़िता सुशीला देवी का कहना है कि जिला प्रशासन ने उन्हें घर तो दिला दिया, लेकिन अभी भी 7 एकड़ 36 डिसमिल जमीन दबंगों के पास है। ये लोग जब भी उस जमीन पर खेती करने जाते हैं तो मुसलमान उनके साथ मारपीट करते हैं और उन्हें भगा देते हैं।
विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष अनूप राय ने कहा कि जामताड़ा में विधायक मुसलमान, उपायुक्त मुसलमान, फिर हिन्दुओं की कोई क्यों सुने? जबसे इरफान अंसारी जामताड़ा के विधायक बने हैं तब से नारायणपुर क्षेत्र में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर मुसलमानों का चौतरफा हमला हो रहा है। कभी सरस्वती पूजा के विसर्जन के दौरान हमले किए जाते हैं, कभी यहां की क्षेत्रीय मनसा पूजा पर रोक लगा दी जाती है, तो कभी हिंदुओं की जमीन और मकान पर कब्जा कर लिया जाता है। यहां से हिंदुओं को उसी तरह भगाने का प्रयास हो रहा है, जिस तरह कश्मीरी हिंदुओं को भगाया गया था। इसी तर्ज पर चिरुडीह से दबंग मुसलमानों ने अल्पसंख्यक दलित हिंदुओं को जबरन घर से बाहर कर दिया। अब ये लोग पिछले 2 सप्ताह से जिला मुख्यालय जामताड़ा में सड़क के किनारे बच्चे और महिलाओं के साथ धूप और बरसात को झेलते हुए खुले आसमान के नीचे अपना जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं। स्थानिय विधायक मस्त है प्रशासन सुस्त है और जनता त्रस्त है ऐसे में हिंदुओं की सुध कौन ले?
जामताड़ा के पुलिस अधीक्षक मनोज स्वर्गीयारी ने कहा कि कानूनी तौर पर जो भी गलत होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी। अभी तक इन लोगों के पास अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर कोई निर्देश नहीं आया हुआ है। हालांकि इस विषय पर अनुसंधान हो रहा है और अगर अनुसंधान में कोई गलत पाया जाता है तो जरूर कार्रवाई होगी।
आपको बता दें कि कब्जा करने वाले मुसलमानों ने दो एकड़ जमीन पर घर भी बना लिया है। पीड़ित परिवार जब अपनी जमीन की मांग करने लगे तो मुसलमान इस मामले को उच्च न्यायालय ले गए। अब सरकारी अधिकारियों का कहना है कि मामला जब उच्च न्यायालय में चला गया है तो जब तक न्यायालय का कोई फैसला नहीं आ जाता तब तक उनकी जमीन खाली नहीं कराई जा सकती है।
अब सोचने वाली बात यह है कि जामताड़ा के क्षेत्र में संथाल परगना एक्ट यानी एसपीटी एक्ट अंग्रेजों के जमाने से ही लागू है। इस एक्ट के तहत कोई भी व्यक्ति दलित या जनजातीय समाज की जमीन खरीद बिक्री नहीं कर सकता है, लेकिन कब्जा करने वाले कह रहे हैं कि उन्होंने जमीन खरीदी है।
जामताड़ा भाजपा के जिला अध्यक्ष सोमनाथ सिंह ने कहा कि एसपीटी एक्ट के तहत कोई भी व्यक्ति जमीन की खरीद—बिक्री नहीं कर सकता है। उसके बाद भी बताया जा रहा है कि यह जमीन खरीदी हुई है और मामले को उलझाने के लिए उच्च न्यायालय का सहारा लिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन वहां का उपायुक्त और स्थानीय विधायक रमजान मियां को बचाने में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि रमजान कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता है इसीलिए जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी भी उसी का साथ दे रहे हैं।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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