पंजाब के मोगा स्थित शहीदी पार्क में मोगा शहीद स्मारक समिति द्वारा 33वां बलिदानी दिहाड़ा मनाया गया। 25 जून 1989 को आतंकवादियों द्वारा इसी शाखा पर अंधाधुंध गोलियां चलाकर 25 संघ के स्वयंसेवकों को जान से मार दिया गया था और सैकड़ों स्वयंसेवकों को घायल कर दिया था। उनकी याद में हर वर्ष बलिदानियों परिवारों के स्वयंसेवक तथा मोगा शहर के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा उनको याद किया जाता है। इसके लिए पहले सामूहिक हवन का आयोजन किया गया और बाद में सामूहिक सभा कर बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी गई।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पंजाब प्रांत के माननीय सह प्रांत संघचालक डॉक्टर रजनीश अरोड़ा ने स्वयंसेवकों के बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा कि उनका बलिदान देश की एकता एवं अखंडता के लिए हुआ है। उनका बलिदान हमारी सुरक्षा के लिए हुआ है। इसलिए हमें उन्हें इसी तरह याद करते रहना चाहिए। डॉक्टर अरोड़ा ने कहा कि मारने वाले और मरने वाले दोनों आपस में भाई-भाई हैं उनमें से एक भाई जिसकी सोच कि हम सब एक हैं और दूसरे की सोच है कि नहीं मैं अलग हूं। इसी सोच के कारण यह नरसंहार हुआ है। यह सोच आज भी समाज में जीवित है, यह देश मेरा है यह समाज मेरा है इसके लिए बलिदान हो यह शरीर मेरा है ऐसी इच्छा रखने वाला देशव्यापी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक है। इसीलिए जो लोग इस देश को तोड़ना चाहते हैं, जो लोग इसकी एकता में अनेकता को देखना चाहते हैं, वह लोग संघ के स्वयंसेवकों को समाप्त कर अपना मंतव्य पूरा करना चाहते हैं, परंतु ऐसा हो नहीं रहा है। उस समय भी इतने बड़े हत्याकांड के बाद अगले दिन संघ की शाखा लगी और आज 33 साल बाद भी हम उनका बलिदान दिवस मना रहे हैं, उनकी याद में यह शहीदी स्मारक सकारात्मक विचारधारा की विजय का प्रतीक बन गया है। तो आइए हम अपने परिवार में इस विचारधारा को बताएं और इस विचारधारा पर जीने के लिए उनका मन बनाएं।
इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष अमित शर्मा ने अपने अनुभव को साझा किया और कहा कि मैं इस घटनाक्रम के समय 14 वर्ष का था तब से मैं इस शहीदी पार्क से जुड़ा हुआ हूं, मैं आशा करता हूं कि यह स्मारक धीरे-धीरे आगे बढ़े और पूरे समाज के लिए इसी तरह प्रेरणा देता रहे। कार्यक्रम में उपस्थित हरियावल पंजाब के संयोजक रामगोपाल ने कहा कि 1989 में हुआ यह हत्याकांड पूरे देश में दोबारा 1984 जैसे दंगे कराने की साजिश का एक हिस्सा था, जिसे की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय नेताओं ने अपनी समझदारी से नहीं होने दिया। पूरे देश भर में कहीं पर भी हिंदू-सिख आपस में नहीं लड़े। उसी का परिणाम है कि आज पंजाब में सुख शांति है। पंजाब की एकता एवं अखंडता के लिए हुए इस बलिदान ने सारे देश को प्रेरणा दी है।
इस अवसर पर मोगा शहर की अनेकों सामाजिक धार्मिक राजनीतिक हस्तियों ने भाग लिया और अपना श्रद्धा सुमन बलिदानी स्वयंसेवकों को भेंट किया। उनके परिवारों के सदस्यों ने संकल्प लिया कि हम अपने बलिदानियों की याद में पौधे लगाकर उनकी याद को जीवित रखेंगे। इस प्रकार इस श्रद्धांजलि सभा में आए हुए सभी लोगों ने पौधरोपण करने का संकल्प भी लिया।
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