हिंदू धर्म को बहुत ही सहिष्णु, संवदेनाओं से भरा हुआ और सबके साथ मिलजुल कर चलने वाला माना जाता है। यह सब प्रत्यक्ष रूप से भी आप देख सकते हैं। सहिष्णु स्वभाव के कारण ही हिंदुओं ने हर उस व्यक्ति को शरण दी है, जिसे और किसी ने शरण नहीं दी। हिंदुओं की सहिष्णुता के कारण ही भारत आज सेकुलर है। हिंदू धर्म की इन विशेषताओं की जानकारी युवाओं को भी दी जाएगी। इसी उद्देश्य से मुम्बई विश्वविद्यालय ने हिंदू धर्म की पढ़ाई कराने का निर्णय लिया है। बीएचयू के बाद मुम्बई विश्वविद्यालय दूसरा विश्वविद्यालय है, जिसने इस महत्वपूर्ण विषय को पढ़ाने का निर्णय लिया है। मुम्बई विश्वविद्यालय में हिंदू अभ्यास केंद्र के प्रभारी संचालक डॉ. रविकांत सागुर्डे का कहना है कि विश्व के सबसे पुराने धर्म को केवल कर्मकांड तक सीमित नहीं रखा जा सकता है। इसे शिक्षा में शामिल करने के प्रयास लंबे समय से चल रहे थे। इसकी पढ़ाई होने से हर क्षेत्र में नए विकल्प खुलेंगे।
हिंदू धर्म के विभिन्न पहलुओं की जानकारी देने के लिए दो वर्ष का विशेष पाठ्यक्रम ‘मास्टर आफ आर्ट इन हिंदू स्टडीज’ तैयार किया गया है। किसी भी विषय से स्नातक किया हुआ छात्र इस पाठ्यक्रम के लिए नामांकन करा सकता है। ‘मास्टर आफ आर्ट इन हिंदू स्टडीज’ के लिए नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। इस वर्ष 60 छात्रों का ही नामांकन होगा।
विश्वविद्यालय के अनुसार दो वर्ष में छात्रों को हिंदू धर्म के विभिन्न आयामों के बारे में बताया जाएगा। इसमें सभी का ध्यान रखने वाले तत्वज्ञान, ज्ञानशास्त्र और युक्तिवाद सहित अन्य विषयों की पढ़ाई कराई जाएगी।
विश्वविद्यालय का यह भी कहना है कि इस पढ़ाई से कारपोरेट जगत को भी लाभ होगा। इस पढ़ाई से कर्मचारियों में वचनबद्धता, समर्पण जैसे गुणों की वृद्धि होगी।
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