यूपी में 11 लाख परिवारों को मिला घर का मालिकाना हक, सीएम योगी ने सौंपी डिजिटली घरौनी
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तर प्रदेश

यूपी में 11 लाख परिवारों को मिला घर का मालिकाना हक, सीएम योगी ने सौंपी डिजिटली घरौनी

- अक्टूबर 23 तक हर ग्रामीण परिवार को दे दी जाएगा ग्रामीण आवासीय अभिलेख

by WEB DESK
Jun 26, 2022, 10:10 pm IST
in उत्तर प्रदेश
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 11 लाख परिवारों को डिजिटली और 10 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) सौंपी है। इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि अगस्त 22 तक प्रदेश के सभी एक लाख दस हजार से अधिक राजस्व गांवों का सर्वे पूरा कर लिया जाएगा और अक्टूबर 2023 तक हर ग्रामीण परिवार को घरौनी उपलब्ध करा दी जाएगी। आज जालौन प्रदेश का पहला जिला बन गया है जहाँ शत प्रतिशत लोगों को घरौनी तैयार हो चुकी है।

मुख्यमंत्री योगी स्वामित्व योजना के तहत डिजिटली और भौतिक रूप घरौनी प्रमाण पत्र सौंपने के बाद संबोधित करते हुए कहा कि हम सब प्रधानमंत्री मोदी के आभारी हैं जिनके प्रयास से अप्रैल 2019 से यह कार्यक्रम शुरू हुआ। यह महज एक कार्यक्रम नहीं ,तकनीक है जो ग्रामीणों को उनकी पुश्तैनी आवासीय जमीन का मालिकाना हक देने वाला अभियान भी है। आज उत्तर प्रदेश के 34 लाख परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। घर का मालिकाना हक मिलने के बाद अब यह लोग कोई व्यवसाय करने के लिए बैंक से लोन भी ले सकते हैं।

उन्होंने कहा कि गांधी जी ने ग्राम स्वराज का सपना देखा था, प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर ग्राम का कार्य शुरू किया। आज 34 लाख से अधिक परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र का वितरण संपन्न हुआ है। यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास की महत्वपूर्ण घटना है। संयोग ही है कि आज इस देश ने आपातकाल के खिलाफ आवाज उठायी थी । 1975 को आज के दिन जब चोरी छिपे जबरन इस देश पर आपातकाल थोपा गया था। और उसके बाद देखते ही देखते लोकतंत्र को बचाने के लिए आंदोलन खड़ा हुआ था। लोकतंत्र की आज इस दृष्टि से भी विजय है कि 23 लाख परिवारों को घरौनी वितरण का कार्य संपन्न हो चुका है। 11 लाख परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र वितरण के लिए आज हर तहसील मुख्यालय पर आयोजन किया गया है। ऐसे लोग वर्षों से अपनी जमीन पर रह रहे थे, लेकिन छोटी छोटी बातों पर अक्सर विवाद होता था। घर गिरने पर अपना मकान बनाने से कहीं दबंग तो कहीं माफिया रोकता था । कहीं लेखपाल रोकता था, वसूली होती थी। आबादी की जमीन से दबंग गरीब को उजाड़ देते थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी से तैयार घरौनी प्रमाण पत्र के बाद इस पर विराम लग गया है। तकनीकी से आवासीय भूमि की पैमाइश होती है। द्रोण से सर्वे होता है। गाँव की खुली बैठक में सहमति और असहमति के कमेंट लिये जाते हैं। सबका समाधान होने के बाद घरौनी तैयार की जाती है। अब तक 34 लाख लोगों को इसका लाभ मिल चुका है। आज जालौन प्रदेश का पहला जिला बन गया है जहाँ के सौ फीसद ग्रामीणों को घरौनी मिल चुका होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवासीय प्रमाण पत्र के अभाव में एक फीट, दो फीट जमीन अथवा नाली को लेकर विवाद होते थे। कहीं आबादी की जमीन पर पशु बांधने पर विवाद शुरू हो जाता था। न्यायालय में न्याय के लिए पीढ़ी दर पीढ़ी बीत जाती थी। इस पर पैसा और समय दोनों बर्बाद होता था। डबल इंजन की सरकार ने इन सभी समस्याओं से मुक्त कर दिया है। देश में 2.5 करोड़ लोगों को घरौनी का वितरण हो चुका है।

प्रदेश सरकार इसे अभियान के रूप ले रही है। घरौनी से बैंक लोन लेने की क्षमता प्राप्त होगी और वह व्यवसाय भी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वृहद योजना तैयार की है। 2017 में सत्ता में आते ही हमने भू माफिया और राजनीतिक संरक्षण में गरीबों की जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ एंटी भू माफिया फोर्स गठित किया था। 64 हजार हेक्टेयर भूमि मुक्त करायी। मुसहर, चेरो, वनटांगिया, सहरिया, चेरो, कोल , जिनकी कोई आवाज़ नहीं सुनी जाती थी, उन्हें जमीन का टुकड़ा दिया, मकान दिया। आज कोई ग्रामीण अभाव की जिंदगी नहीं जी रहा है। सबको राशन कार्ड, फ्री में राशन, रसोई गैस, विद्युत कनेक्शन और अब हर घर को नल से पेयजल देने जा रहे हैं। एक संवेदनशील सरकार इसी तरह कार्य करती है। इसी तरह हर निराश्रित बुजुर्ग, महिला, दिव्यांग और कुष्ठ रोगी को पेंशन दे रहे हैं। इन लोगों को 2017 से पहले 300 रुपये पेंशन मिलती थी, जिसे बढ़ाकर एक हज़ार रुपये प्रति माह किया है।

भूमि विवाद को दूर करने को चुनौती के रूप में ले राजस्व परिषद

भूमि विवाद को कानून व्यवस्था की आधी जड़ बताते हुए सीएम योगी ने कहा कि जनता दर्शन में प्रायः सर्वाधिक मामले भूमि विवाद और पुलिस से जुड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि भूमि विवाद को खत्म करने के लिए चुनौती के रूप में लें और लैंड रिकॉर्ड को प्राथमिकता पर लेते हुए युद्ध स्तर पर कार्य करें । छह साल बाद खतौनी में नाम दर्ज करने की बजाय जमीन बेचते ही खतौनी में नाम जोड़ा जाए। क्योंकि कई बार एक ही जमीन को एक व्यक्ति बार-बार बेचता है। इससे विवाद बढ़ता है, लिहाजा इसे हर हाल में रोकना पड़ेगा। इसे समय सीमा के अंदर करना ही होगा। राजस्व परिषद और रजिस्ट्री विभाग को को यह देखना होगा कि बेचने वाले की जमीन है या नहीं। गलत करने वाले को पुलिस को सौंपे। यह व्यवस्था जोड़ी जाए तो आधी समस्या और विवाद का समाधान हो जाएगा। राजस्व विभाग और पुलिस विभाग को धोखाधड़ी से मुक्त करना होगा। वरासत के लंबित मामलों को देखते हुए सीएम योगी ने कहा कि इसके लिए लोगों को बार -बार चक्कर लगाना पड़ता है। ऐसे में वरासत दर्ज करने की एक समय सीमा निश्चित होनी चाहिए और लंबित मामले में जवाबदेही तय होनी चाहिए । इसी तरह पैमाइश की समस्या का समाधान करने के लिए समय निर्धारित होना चाहिए। समय से पैमाइश समस्या का समाधान होने से अपराध में कमी आएगी और प्रदेश का विकास होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आधुनिक तकनीकी से घरौनी का एक बड़ा कार्यक्रम शुरू किया है। इससे संपत्ति का विवाद खत्म होगा और व्यक्ति को मालिकाना हक मिलने से लोन आदि की सुविधा मिलेगी। आबादी का प्रारंभिक डाटा तैयार होने से योजनाओं का बेहतरीन क्रियान्वयन हो सकेगा। साथ ही गांव की वित्तीय सुदृढ़ता भी मजबूत होगी और गांव विकास के पथ पर अग्रसर होगा।

प्रदेश की तरह ही हर जिले की जीडीपी तैयार करें

उन्होंने कहा कि प्रदेश की जीडीपी की तरह हर जनपद का भी जीडीपी बनना चाहिए, ताकि आत्मनिर्भर भारत, आत्मनिर्भर प्रदेश की तरह जनपद भी आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भर गांव की आधारशिला का यह अभियान है, जो जागरूकता के साथ हर व्यक्ति को जोड़कर लाभ पहुंचाने का कार्य करेगा।

Topics: Home OwnershipDigitally Homeउत्तर प्रदेश समाचारUttar Pradesh Newsसीएम योगी समाचारCM Yogi Newsघर का मालिकाना हकडिजिटली घरौनी
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

CM Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश में जबरन कन्वर्जन पर सख्त योगी सरकार, दोषियों पर होगी कठोर कार्यवाही

आरोपी मौलाना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर

बलरामपुर: धर्म की भूमि पर जिहादी मंसूबों की हार

Maulana Hafiz

मौलाना हाफिज की गंदी करतूत बेनकाब, कितनी छात्राओं को बनाया हवस का शिकार?

शिक्षका ने प्राथमिक विद्यालय भवन पर उर्दू में लिखवाया नाम

बिजनौर: सरकारी स्कूल की दीवार पर उर्दू में नाम लिखने पर बवाल, मुस्लिम शिक्षकों की तस्वीरें वायरल

वीके बृजवासी फैमिली रेस्टोरेंट में शौचालय के अन्दर बर्तन साफ करता नाबालिग

होटल का नाम ब्रजवासी, संचालक शेर खान : शौचालय में बर्तन धुलवाकर श्रद्धालुओं को परोसते थे खाना

घूम घूम कर बेचते थे गोमांस, मोहम्मद आरिफ, अतिउल्लाह और भूटोली शाह, गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

माता वैष्णो देवी में सुरक्षा सेंध: बिना वैध दस्तावेजों के बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार

Britain NHS Job fund

ब्रिटेन में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट: एनएचएस पर क्यों मचा है बवाल?

कारगिल विजय यात्रा: पूर्व सैनिकों को श्रद्धांजलि और बदलते कश्मीर की तस्वीर

four appointed for Rajyasabha

उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला समेत चार हस्तियां राज्यसभा के लिए मनोनीत

Kerala BJP

केरल में भाजपा की दोस्तरीय रणनीति

Sawan 2025: भगवान शिव जी का आशीर्वाद पाने के लिए शिवलिंग पर जरूर चढ़ाएं ये 7 चीजें

CM Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश में जबरन कन्वर्जन पर सख्त योगी सरकार, दोषियों पर होगी कठोर कार्यवाही

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies