केंद्र सरकार ने खालिस्तानी आतंकवाद पर कड़ा प्रहार करते हुए सिद्धू मूसेवाल का वह गीत प्रतिबंधित कर दिया है, जिसमें उसने सतलुज यमुना संपर्क नहर, हरियाणा-हिमाचल प्रदेश, प्रभुसत्ता और लाल किले पर विवादित झंडे फहराने की बातें कही हैं। विवादित पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के दो दिन पहले रिलीज हुए एसवाईएल गाने को बैन कर दिया है। गाने को मूसेवाला के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल से भी हटा दिया गया है। गाने में पंजाब और हरियाणा के बीच सतलुज-यमुना लिंक नहर के पानी को लेकर और बंदी सिख आतंकवादियों के मुद्दे पर लगातार विवाद हो रहा था। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने गाने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया।
बता दें कि सिद्धू मूसेवाला के इस गाने को महज दो ही दिन में 2.7 करोड़ व्यूज मिल गए थे। गाना नंबर एक पर ट्रेडिंग में था। गाने पर 3.3 करोड़ कमेंट भी आ चुके थे। सिद्धू की हत्या के 26 दिन बाद ट्रिब्यूट के तौर पर यह गाना रिलीज किया गया था। रिलीज होने के बाद से ही यह यूट्यूब पर ट्रेंड कर रहा था।
सिद्धू अपने इस आखिरी गाने के जरिए पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे एसवाईएल नहर के मुद्दे को हवा दे गए। गाने में सिद्धू ने कृषि कानूनों को लेकर शुरू हुए किसान आंदोलन और लाल किले का भी जिक्र किया है। 4 मिनट 9 सेकेंड के इस गाने के बोल पंजाब के पानी और उससे जुड़े दूसरे मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमते हैं। गाने के लिरिक्स देखें तो इसमें पंजाब-हरियाणा के बीच बहुचर्चित सतलुज-यमुना लिंक नहर को लेकर हुए विवाद का जिक्र किया गया है। सिद्धू के इस गाने के दौरान आम आदमी पार्टी के हरियाणा प्रभारी सुशील गुप्ता का बयान चल रहा है, जिसमें वह 2024 में पंजाब की तरह हरियाणा में भी अपनी पार्टी की सरकार बनने पर हरियाणा को एसवाईएल नहर का पानी दिलाने की बात कह रहे हैं। गाने में सिद्धू ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली कूच और लाल किले पर सिख समाज के प्रतीक निशान साहिब को लहराने की सराहना की है। सिख बंदियों की भी सराहना की गई है। किसान आंदोलन को सही बताया गया था।
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