सेना की अग्निवीर योजना का विरोध धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। अब तो मस्जिदों से भी एलान होने लगा कि युवा पत्थरबाज न बनें, उसकी जगह अग्निवीर बनकर देश की सेवा करें।
कानपुर हिंसा के बाद शुक्रवार को जुमे की नमाज भारी सुरक्षा के बीच अदा हुई। इस दौरान सेना की अग्निवीर योजना के फायदे मस्जिदों से बताये गये। युवाओं के लिए एलान किया गया कि आपको पत्थरबाज नहीं बनना है। सेना में अग्निवीर बनो और देश की सेवा करो। इस एलान की पहल ऑल इंडिया सुन्नी उलेमा काउंसिल के महामंत्री हाजी सलीश ने करी।
उन्होंने कहा हमें विवाद में नहीं पड़ना चाहिए। 17 से 23 साल के बेरोजगार नौजवानों को अग्निवीर बनकर अपनी ताकत और शौर्य का प्रदर्शन करना चाहिए। पत्थरबाज नहीं बनना है। सुन्नी उलमा काउंसिल ने सभी मस्जिदों के इमामों को पत्र भी लिखा है। उन्हें अग्निपथ योजना के लिए मुस्लिम युवाओं को जागरुक करने के लिए कहा है। सुन्नी उलमा काउंसिल के मुताबिक युवाओं को इससे रोजगार मिलेगा। देश में युवाओं की फौज तैयार होगी। युद्ध के हालात में अग्निवीर ही मददगार होंगे।
वहीं मुस्लिम प्रोफेशनल्स संस्था ने युवाओं से अग्निवीर के लिए आवेदन करने का आह्वान किया है। उन्हें प्रेरित करने के लिए मस्जिदों के इमामों का भी सहारा लिया जा रहा है। इमामों से संपर्क कर मुस्लिमों को प्रेरित करने का अनुरोध किया जा रहा है। संस्था के संरक्षक शाहिद कामरान ने कहा कि मुस्लिमों से अग्निवीर के लिए आवेदन कर देश सेवा के लिए अपील की गई है। नायब शहर काजी सगीर आलम हबीबी ने कहा कि देश की सेवा हर मुस्लिम का कर्तव्य है।
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