दिल्ली पुलिस ने राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य दुर्गेश पाठक के ख़िलाफ़ बाल श्रम करवाने को लेकर एफआईआर दर्ज की है।
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दरअसल चुनाव प्रचार में बच्चों से काम कराने को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सेंट्रल पुलिस उपायुक्त को लिखे अपने पत्र में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके मामले की तत्काल जांच करने की अपील की थी और साथ ही तीन दिनों के भीतर एफआईआर की कॉपी के साथ एक्शन टेकेन रिपोर्ट साझा करने को कहा था।
क्या है पूरा मामला
बता दें की दिल्ली में राजेंद्र नगर सीट पर 23 जून को उपचुनाव के दौरान मतदान होगा। इसी चुनाव में प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी उम्मीदवार ने नाबालिग बच्चों को पैम्फलेट बांटने, पोस्टर चिपकाने, बैनर लटकाने और यहां तक कि चुनावी रैलियों में भाग लेने के लिए सस्ते श्रमिक के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ।
इस पूरे मामले की शिकायत दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने बाल आयोग को दर्ज कराई साथ ही सबूत के तौर पर वायरल हो रहे वीडियो भी उपलब्ध कराए। जिसका संज्ञान लेकर बाल आयोग ने दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो मुहैया कराया गया है, जिसमें दिखाया गया है कि नाबालिग बच्चों को पैम्फलेट बांटने, पोस्टर चिपकाने, बैनर लटकाने और यहां तक कि चुनावी रैलियों में भाग लेने के लिए सस्ते श्रमिक के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। कथित तौर पर बच्चों को प्रति दिन 100 रुपए देकर उनका शोषण किया जा रहा है और उन्हें राजेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी और दुर्गेश पाठक के पैम्फलेट देकर भटकने के लिए छोड़ दिया जाता है। चुनाव से जुड़ी गतिविधियों में बाल श्रम साफ तौर पर आचार संहिता का उल्लंघन है।
बता दें कि यह उपचुनाव 23 जून को होने जा रहा है और मतगणना 26 जून को होगी। आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा के मार्च में पंजाब से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। वह राजेंद्र नगर सीट से विधायक थे।
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