महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार में शिवसेना के कद्दावर नेता और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे के तीस विधायकों के साथ बागी होने के आसार हैं। इस घटनाक्रम के कारण उद्धव ठाकरे सरकार गहरे संकट में है। एकनाथ शिंदे विधानपरिषद के मतगणना के बाद तुरन्त विधायकों के साथ गुजरात के सूरत चले गए हैं। बताया जा रहा है कि वे सूरत में एक पांच सितारा होटल में हैं। एकनाथ शिंदे के साथ ठाकरे सरकार के कुछ मंत्री भी हैं।
विधानपरिषद के चुनाव में सत्तापक्ष के 21 वोट तोड़कर भारतीय जनता पार्टी ने अपने एक ज्यादा प्रत्याशी को जीत दिलाई है। 288 की विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी को विधान परिषद में 133 विधायकों के वोट हासिल हुए। बहुमत के लिए अब केवल 11 विधायकों की आवश्यकता है। राज्यसभा और विधानपरिषद चुनाव मे लगातार भारतीय जनता पार्टी ने ज्यादा वोट हासिल करने से सत्तारूढ़ महाविकास आघाडी में दलों के अंदर एक-दूसरे को शक की नजर से देखा जा रहा है। विधानपरिषद में कांग्रेस के विधायक को हार का सामना करने पड़ने से कांग्रेस में भी शिवसेना के प्रति गुस्सा है।
एकनाथ शिंदे शिवसेना के कार्यकर्ता रह चुके हैं। महाविकास आघाडी की सरकार बनते समय मुख्यमंत्री पद के लिए एकनाथ शिंदे का नाम चर्चा में था, लेकिन उद्धव ठाकरे के स्वयं आगे आने से शिंदे का नाम पीछे हो गया था। उद्धव ठाकरे सरकार शिवसेना, जनता के लिए काम करने के बजाए ठाकरे परिवार के लिए काम कर रही है ऐसा आरोप है। इससे शिवसेना में नाराजगी है। एनसीपी के पास अर्थमंत्रालय होने से शिवसेना के विधायक के क्षेत्र में बजट का आवंटन नहीं किया जा रहा, इसलिए शिवसेना के विधायक कई दिनों से नाराज चल रहे हैं। विधानसभा बजट सेशन में शिवसेना के विधायक बहिष्कार करने की अनुमति मांग रहे थे।
विधानपरिषद चुनाव में परिणाम भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में आने से हड़कंप मच गया है। शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे के साथ गुजरात चले गए हैं। परिस्थिति का जायजा लेने और विधानपरिषद परिणाम की मिमांसा करने शिवसेना के विधायकों की बैठक मुख्यमंत्री ठाकरे ने बुलाई थी, लेकिन उसमें शिवसेना के मात्र 35 विधायक उपस्थित थे। कांग्रेस का प्रत्याशी विधानपरिषद में हार जाने से कांग्रेस आलाकमान ने महाराष्ट्र प्रभारी एचके पाटिल को मुंबई भेजा है और समीक्षा की जा रही है।
एकनाथ शिंदे के अपने समर्थक 30 विधायक समेत बागी होने से उद्धव ठाकरे सरकार गहरे संकट में पड़ गई है। अभी एकनाथ शिंदे ने अपनी भूमिका प्रकट नहीं की है। वे भाजपा में जाएंगे या अपना एक दल स्थापित कर भाजपा के साथ सरकार में भागीदारी करेंगे, इस बारें में अभी कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है। शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे और बागी विधायकों को संपर्क कर उन्हें मनाने की कोशिशें की जा रही हैं। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा है कि महाराष्ट्र में मध्यप्रदेश, राजस्थान का पैटर्न नहीं चलेगा, यह भाजपा को याद रखना चाहिए। ठाकरे सरकार गिराने की कोशिश सफल नहीं होगी। हम बागी विधायकों को मना कर शिवसेना में वापस लाएंगे।
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