दुनिया में सौ करोड़ लोग किसी न किसी रूप में मानसिक विकार के शिकार हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के स्वास्थ्य संकाय विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक नये विश्लेषण में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। इस विश्लेषण के अनुसार दुनिया में मानसिक रोग के शिकार हर सात लोगों में एक किशोर शामिल है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ.टैड्रॉस एडहेनटम घेबरेयेसस ने बताया कि इक्कीसवीं सदी के प्रारंभ से अब तक, मानसिक स्वास्थ्य पर यह सबसे बड़ा विश्लेषण है। उन्होंने बताया कि दुनिया में 100 करोड़ से अधिक लोग मानसिक विकार के साथ जी रहे हैं। इनमें किशोरवय पीड़ितों का हिस्सा 14 प्रतिशत है, यानी मनोविकार के शिकार सात लोगों में एक किशोर शामिल है। इसकी बड़ी वजहों में बाल्यावस्था में यौन दुर्व्यवहार और अन्य किसी वजह से डराना-धमकाना शामिल है।
इस विश्लेषण के मुताबिक, विश्व भर में मनोविकार के कुल पीड़ितों में से 71 प्रतिशत को इलाज भी नहीं मिल पाता है। मनोविकार के शिकार 70 प्रतिशत लोग उच्च-आय वाले देशों में रहते हैं, जबकि निम्न-आय वाले देशों में रहने वाले सिर्फ 12 प्रतिशत लोगों को ही मानसिक स्वास्थ्य देखभाल हासिल हो पाती है। दिव्यांगता के बड़े कारणों में से एक मानसिक विकार है। वहीं सामान्य स्वस्थ लोगों की तुलना में मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों की मृत्यु भी दस से बीस साल पहले ही हो जाती है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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