प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश भर के मुख्य सचिवों से कहा है कि दिल्ली के आपाधापी वाले माहौल से परे धौलाधार की शांत वादियों में विश्व के सबसे सुंदर क्रिकेट स्टेडियम में नए भारत की पटकथा लिखी जा रही है। धर्मशाला से ही नए भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।
तीन दिवसीय मुख्य सचिवों के सम्मेलन में अगले 25 वर्षों के नए भारत पर मंथन चल रहा है। सम्मेलन के दूसरे दिन धर्मशाला पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विशेष सत्र को संबोधित किया। इस सम्मेलन के जरिए प्रधानमंत्री ने अगले 25 वर्षों के नए भारत को लेकर अपना संबोधन दिया और मुख्य सचिवों को इस मार्ग को प्रशस्त करने का रास्ता भी दिखाया।
धर्मशाला में राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन के लिए देश की राजधानी से दूर हिमाचल के छोटे से शहर धर्मशाला को तव्वजो देना प्रधानमंत्री मोदी का हिमाचल के प्रति विशेष लगाव दर्शाता है। मोदी ने कई बार कहा कि हिमाचल भले ही छोटा राज्य हो लेकिन यहां पर बैठकर देश के हित के लिए बनाई जा रही नीतियां आने वाले भारत के भविष्य के लिए कारगर साबित होंगी।
धर्मशाला में चल रहे मुख्य सचिवों के सम्मेलन को सफल बनाने के लिए पिछले छह महीनों में 100 से अधिक बैठकों का दौर चल चुका है। सम्मेलन में मुख्य रूप से तीन विषयों राष्ट्रीय शिक्षा का कार्यन्वयन, शहरी शासन और फसल विविधिकरण तथा तिलहन एवं अन्य कृषि वस्तुओं में आत्मनिर्भता की पहचान की गई है। सम्मेलन में राष्ट्रीय शिक्षा के तहत स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों पर मंथन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री ने मुख्य सचिवों के साथ मंथन किया।
सम्मेलन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव: 2047 का रोड़ मैप’ विषय पर विशेष सत्र को संबोधित करते हुए अंतिम व्यक्ति तक केंद्र व राज्य की योजनाओं को पहुंचने की बात कही। तीन दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन के बाद सामने आने वाले परिणामों पर नीति आयोग की गर्वनिंग काउंसिल की बैठक में विचार विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन में सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री एवं प्रशासक मौजूद रहेंगे ताकि उच्चतम स्तर पर व्यापक सहमति के साथ कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा सके।
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