बुरहान वानी जब कश्मीर में मारा गया, तब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में प्रदर्शन किया गया था। डॉ. कफील गोरखपुर में गिरफ्तार हुआ, तब भी एएमयू में नारेबाजी हुई। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर एएमयू के कुलपति ने जब श्रद्धांजलि दी तो कुलपति के विरोध में पोस्टर लगाए गए और जब प्रयागराज में हिंसा के मुख्य अभियुक्त जावेद उर्फ़ पम्प का घर गिराया गया तो इस पर भी विरोध प्रदर्शन किया गया। सिर्फ इसलिए कि जावेद की बेटी आफरीन फातिमा एएमयू की पूर्व छात्रा रही हैं।
बता दें कि प्रयागराज जनपद में जुमे की नमाज के बाद हिंसा हुई थी। इस हिंसा के मास्टर माइंड जावेद मोहम्मद उर्फ पंप को गिरफ्तार किया गया। गत रविवार को जावेद उर्फ़ पम्प का घर गिरा दिया गया। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में गत रविवार को आफरीन फातिमा के प्रयागराज स्थित आवास को तोड़े जाने के विरोध में छात्रों ने प्रोटेस्ट मार्च निकाला। इस दौरान छात्रों ने जमकर नारेबाजी भी की।
छात्र नेता जैद ने कहा कि आफरीन का यहां पर ग्रेजुएशन कंप्लीट हुआ है और वीमेंस कॉलेज की प्रेसिडेंट रही थीं। आफरीन फातिमा के घर को जमींदोज कर दिया गया है। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं। सरकार ने बहुत गलत किया है और हम लोग यह चाहते हैं कि उसके घर को जो बर्बाद किया है सरकार उसकी भरपाई करे।
उल्लेखनीय है कि कश्मीर में जब आतंकी बुरहान वानी मारा गया था तब भी एएमयू में नारेबाजी हुई थी। वर्ष 2020 के अक्टूबर माह में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ नारे लगाये गए थे- ‘मैक्रों तेरी कब्र खुदेगी – एएमयू की धरती पर, फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करो, बहिष्कार करो’ फ्रांस की जनता इस्लामिक कट्टरवाद से जूझ रही है। मगर फ्रांस के कट्टर मुसलमानों के समर्थन में एएमयू में प्रदर्शन हो रहा था।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में डॉ. कफील को बुलाया गया था। 12 दिसंबर 2019 को कफील ने अलीगढ़ में कहा कि ‘जब मैं गोरखपुर में गिरफ्तार किया गया था, तब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बंद हुआ था। यहां पर विरोध हुआ था। मैं कैसे न आता। हर हाल में यहां पर पहुंचना, मेरा फर्ज बनता था।’
कफील ने कहा था कि ‘तुम्हारी औकात नहीं है जो हमसे हमारा हक छीन सको, तुम्हारी औकात नहीं है कि तुम हमें डरा सको, तुम्हारी औकात नहीं है कि तुम हमें हटा सको, हम 25 करोड़ हैं, न तुम हमें ‘मॉब लिंचिंग’ से डरा सकते हो, न तुम हमें ये छोटे–छोटे कानून बना कर डरा सकते हो, हम एक साथ रहेंगे। हम एक साथ दीवार बन कर खड़े रहेंगे। हम तुम्हे बताएंगे कि ये देश कैसे चलाया जाता है।’ इसके बाद अलीगढ़ जनपद में कफील के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने एवं माहौल खराब करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह के निधन पर जब एएमयू के वाइस चांसलर की तरफ से श्रद्धांजलि दी गई थी तो वहां के छात्रों ने विरोध किया था। यूनिवर्सिटी कैम्पस में रातों रात कुलपति के विरोध में पोस्टर लगा दिए गए थे। इनमें वाइस चांसलर तारिक मंसूर की आलोचना के साथ स्वर्गीय कल्याण को दी गई श्रद्धांजलि को गलत ठहराया गया था। उस समय भाजपा के पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा था, ‘कुछ लोग एएमयू की छवि को दागदार बना रहे हैं। इनका न तो देश की गंगा-जमुनी तहजीब से कोई सरोकार है, न ही इस्लाम और अपने पैगम्बर से। ऐसे लोग मानसिकता से ही अलगाववादी हैं। ऐसे लोगों से मेरा सवाल है कि क्या एक पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करना गुनाह है? ऐसा करने वाला किस मजहब में जालिम कहा जाता है? ऐसा सिर्फ देश तोड़ने और सौहार्द बिगाड़ने वाली ताकते ही कह सकती हैं।’
सिद्धार्थनाथ ने कहा था, ‘जिन लोगों को आतंकवादी अफजल गुरु और बुरहान वानी जैसे देश के दुश्मनों के मरने पर दुख होता है। कैंपस में नमाजे जनाजा पढ़ते हैं उनसे मेरा यह भी सवाल है कि एक पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यपाल जिन्होंने जीवन भर प्रदेश की तरक्की की फिक्र की। अलीगढ़ जिले को उन्नति की नई राह दी, उनके दुनिया से चले जाने पर क्यों दुख नहीं होता ? एएमयू के वाइस चांसलर ने उनको श्रद्धांजलि देकर कौन सा गुनाह कर दिया कि उनके खिलाफ पोस्टर लगे और उनको जालिम तक कहा गया।’
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