बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर 11 दिवसीय प्रदर्शनी के लिए भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को भारत से मंगोलिया ले जाया जाएगा। केन्द्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के नेतृत्व में 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पवित्र अवशेषों के साथ मंगोलिया जाएंगे।
शनिवार को प्रेसवार्ता में इस बारे में जानकारी देते हुए किरेन रिजिजू ने बताया कि यह यात्रा भारत-मंगोलिया संबंधों में एक और ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी। इससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी मंगोलिया की यात्रा करने वाले नरेन्द्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री ने उन देशों के साथ अपने संबंधों को पुनर्जीवित करने का काम किया जिनके साथ सदियों पहले हमारे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध रहे हैं। रिजिजू ने बताय़ा कि मंगोलिया और भारत एक दूसरे को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पड़ोसियों के रूप में देखते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षाएं आज के समय में भी प्रासंगिक हैं और मानवता को अधिक शांति, सद्भाव और समृद्धि की ओर ले जाने वाली है। भारत शांति और सद्भाव में विश्वास करता है और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के माध्यम से इस संदेश को दुनिया भर में पहुंचाना चाहता है।
इस मौके पर केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और डोनर मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि बुद्ध के पवित्र अवशेषों को उसी मठ में प्रदर्शित किए जाएंगे, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दौरा किया था। किशन रेड्डी ने बताया कि केन्द्र सरकार बौद्ध स्थलों और बौद्ध केंद्रों को विकसित करने के लिए कई परियोजनाओं पर काम कर रही है। हाल ही में कुशीनगर हवाईअड्डे का उद्घाटन ऐसा ही एक उदाहरण है।
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