अफगानिस्तान में मजहबी कट्टरपंथी तालिबान ने एक मशहूर अफगानी यूट्यूबर को उसके तीन साथियों के साथ गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया है। उस पर यूट्यूब के लिए बनाए गए उसके वीडियो में कुरान और इस्लाम का अपमान करने का आरोप है।
इस घटना की जानकारी देते हुए गैर सरकारी संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बताया है कि काबुल के उस सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने पिछले हफ्ते अपने यूट्यूब चैनल पर ऐसा वीडियो डाला था जिसे कट्टरपंथियों के इस्लाम के अपमान के तौर पर लिया।
पकड़े गए यूट्यूबर का नाम है अजमल हकीकी जिसे उसके तीन साथियों के साथ तालिबान के आक्रोश का शिकार होना पड़ा है। तालिबान हुकूमत ने उसके डाले वीडियो पर आपत्ति जताते हुए उसे इस्लाम और कुरान का अनादर करने वाला बताया है। इस ‘जुर्म’ के लिए उसे गिरफ्तार किया गया है। बताया गया है कि उसने अपने यूट्यूब चैनल पर गत सप्ताह जो वीडियो पोस्ट किया था उसमें उसने और उसके तीन अन्य साथियों ने कुरान की आयतों को कथित तौर पर मजाकिया अंदाज में प्रस्तुत किया था।
वीडियो में उसका एक साथी मजाकिया अंदाज में अरबी में लिखी कुरान की आयतें पढ़ता है तो उस पर बाकी सब हंसते दिखते हैं। हालांकि बवाल मचने के बाद इस वीडियो को लेकर बाद में हकीकी ने एक और वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उसने पिछले वीडियो के लिए माफी मांगी थी।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के बताए ब्योरे के अनुसार, उसे और उनके तीन साथियों को तालिबान के गुप्तचर विभाग ने 7 जून को “इस्लाम के पवित्र मूल्यों का अपमान” करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 8 जून को एक बयान जारी किया था जिसमें कहा गया था कि तालिबान को फौरन बिना शर्त यूट्यबूर हकीकी और उसके साथियों को छोड़ देना चाहिए। इतना ही नहीं, इस गैर सरकारी संगठन ने ऐसे लोगों पर लगाई गई सेंसरशिप को खत्म करने की भी अपील की है जो अपने विचारों को खुलकर व्यक्त करना चाहते हैं।
उल्लेखनीय है कि तालिबान कला और संस्कृति के घोर शत्रु हैं और इस बार कुर्सी कब्जाने के साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान के कई कलाकारों को न सिर्फ हिंसा का शिकार बनाया था बल्कि कइयों को तो जान से मार डाला था। गीत—संगीत और कला से जुड़े संस्थानों को तहस—नहस कर दिया गया था।
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