ढाका से मिले एक समाचार के अनुसार, पड़ोसी देश में चीन की शरारतें जारी हैं। वहां कई चीनी कंपनियां निर्माण और दवा के क्षेत्र में प्रतिबंधित चीजों के कारोबार में लिप्त पाई गई हैं। ऐसी कुछ चीनी कंपनियों पर रिपोर्ट दर्ज करके आगे कार्रवाई की जा रही है।
बांग्लादेश लाइव न्यूज पोर्टल पर प्रकाशित समाचार के अनुसार, उस देश में चीन की कई कंपनियां गैरकानूनी कामों में शामिल पाई गई हैं। इस रिपोर्ट से साफ होता है कि विशेष तौर पर निर्माण क्षेत्र और नकली दस्तावेजों की छपाई में चीनी कंपनियों का अनैतिक दखल तो है ही, इसके साथ ही प्रतिबंधित चीजों के कारोबार में चीनी कंपनियों के काले कारनामे भी सामने आए हैं।
अभी पिछले महीने मई में चीन की कंपनी हांग्जू यूनियन बायोटेक्नोलॉजी लिमिटेड के विरुद्ध भी एक केस दर्ज किया गया। कंपनी ने ढाका में मौजूद एक सहयोगी कंपनी को सोडा ऐश लाइट की खेप भेजने की बात की थी, लेकिन उसके पास से सोडियम साइक्लामेट के पैकेट बरामद किए गए जो कुल 19 टन वजनी थे। सोडियम साइक्लामेट बांग्लादेश में गैरकानूनी और प्रतिबंधित वस्तुओं में दर्ज है। इसके पीछे वजह है इसका कैंसर जैसा रोग फैलाने का अंदेशा। इसलिए इस देश में इसका आयात-निर्यात या उत्पादन तक दंडनीय है।
चीन की एक और कंपनी चाइना हार्बर इंजीनियरिंग के एक अधिकारी को भी दंडित किया गया है। बताया गया कि ये गैरकानूनी तरीके से रेत बेच रही थी। इस चीनी अधिकारी को अभी 4 जून को ही तीन महीने की जेल की सजा दी गई है। इससे पहले दिसंबर, 2021 में चाइना रोड एंड ब्रिज कंस्ट्रक्शन कंपनी की बांग्लादेश की सरकारी योजनाओं के लिए निर्माण की चीजों के आयात के दौरान चोरी में मिलीभगत पाई गई थी।
इसी तरह जनवरी, 2022 में चीन की कंपनी ‘डिजी’ नकली बैंडरोल की आपूर्ति में 250 करोड़ टका के फर्जीवाड़े में शामिल पाई गई थी। चीन की एक और कंपनी कॉमफ्लाई आउटडोर लिमिटेड की सहायक कंपनी थ्यानये आउटडोर का लगभग 21 करोड़ टका के टैक्स की चोरी और फर्जीवाड़े में नाम आया था।
ढाका और चटगांव के बीच रेलवे पटरियों के निर्माण के लिए बांग्लादेश रेलवे की ‘फीसिबिलिटी स्टडी’ पूरी के बाद से ही, इसमें हाथ डालने के लिए चीन की हाई-स्पीड रेल नेटवर्क कंपनियां तैयार बैठी हैं। बांग्लादेश के अंग्रेजी दैनिक द डेली स्टार की रिपोर्ट है कि अभी पिछले ही दिनों चीन ने बांग्लादेश सरकार के सामने इस परियोजना पर काम करने का प्रस्ताव दिया है। बांग्लादेश में चीन के राजदूत ली जिमिंग ने उस देश के रेल मंत्री नूरुल इस्लाम को भी लिखा है कि वे एमओयू पर हस्ताक्षर करें।
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