चीन ने बिना लाग-लपेट ताइवान को फिर से ‘अपना हिस्सा’ बताते हुए अमेरिका की तरफ आंखें तरेरी हैं और कहा है कि अगर ताइवान खुद को ‘स्वतंत्र’ बताने की हिमाकत करता है तो युद्ध छेड़ दिया जाएगा।
चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंघे ने अपने अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि चीन ‘ताइवान की आजादी की कैसी भी साजिश को मसलने’ में देरी नहीं करेगा।
उल्लेखनीय है कि कल यानी 10 जून से सिंगापुर में 19वां शंगरी-ला डायलॉग शुरू हुआ है, जो कल यानी 12 जून तक चलेगा। इसमें अनेक देश भाग ले रहे हैं। चीन के रक्षा मंत्री की ये धमकी इसी मौके पर तमाम देशों के प्रतिनिधियों के सामने आई है।
याद रहे कि पिछले दिनों भारत सहित चार देशों के क्वाड शिखर सम्मेलन के ठीक बाद, ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तीखी बहस छिड़ी थी जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साफ कहा था कि उनका देश ताइवान के साथ खड़ा है। अब शंगरी ला वार्ता के मौके पर चीन ने खुले तौर पर अमेरिका को धमकाते हुए कहा है कि ‘अगर ताइवान आजादी की घोषणा करता है तो इससे युद्ध छिड़ जाएगा’।
चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी वू कियान ने सिंगापुर में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ अपनी बातचीत के दौरान अपने रक्षा मंत्री वेई फेंघे को उद्धृत करते हुए कहा कि अगर किसी देश ने ताइवान को चीन से अलग करने की कोशिश की तो हम युद्ध शुरू करने में देर नहीं करेंगे, फिर उसकी भले कोई भी कीमत चुकानी पड़े।
वू कियान फिलहाल चीन के रक्षा मंत्रालय में सूचना ब्यूरो के निदेशक तथा प्रवक्ता हैं। उनकी और अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन के बीच ये बातचीत शंगरी ला वार्ता के दौरान हुई थी। साल में एक बार होने वाले इस सम्मेलन में चालीस से ज्यादा देशों के अधिकारी और अध्ययनकर्ता शामिल हुए हैं। इसी वार्ता में ऑस्टिन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि बीजिंग ताइवान को अस्थिर करने वाली गतिविधियों से बाज आए। यही वह बयान था जिसके जवाब में कियान ने अमेरिका को उक्त खुली धमकी दी है।
चीन क्वाड बैठक से वैसे भी नाराज चल रहा था क्योंकि उसे समझ आ गया था कि क्वाड के सदस्य देश उसे घेरने की रणनीति बना रहे हैं। क्वाड सम्मेलन में ही जापान के प्रधानमंत्री के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने चीन को परोक्ष रूप से ‘सैन्य कार्रवाई’ की चेतावनी दी थी। बाइडन का कहना था कि वे ‘वन चाइना’ नीति से असहमत नहीं हैं। उन्होंने इस नीति पर हस्ताक्षर किए हैं। लेकिन ताइवान को जबरन चीन में शामिल नहीं किया जा सकता। अगर चीन की ओर से ताइवान पर हमला किया गया तो अमेरिका सैन्य कार्रवाई करेगा। उस वक्त चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका के इस बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी और कहा था कि वे अपने देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में चीन ताइवान को लेकर और आक्रामक हो सकता है, ठीक वैसे ही जैसे अमेरिकी राष्ट्रपति के उक्त बयान के बाद उसने हेकड़ी दिखाते हुए ताइवान के हवाई क्षेत्र में अपने 30 लड़ाकू विमानों की घुसपैठ करा कर ताइवान को धमकाने की कोशिश की थी।
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