राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार सुबह करीब 10.00 बजे पत्नी के साथ मां वैष्णो देवी के पिंडी स्वरूपों को नमन किया। उन्होंने मां के दरबार में माथा टेककर देश के लिए सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना की। प्राकृतिक पिंडियों के समक्ष उन्होंने विशेष आरती भी की। इससे पहले वर्ष 2018 के अप्रैल माह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आये थे।
राष्ट्रपति शुक्रवार को सुबह पत्नी सविता कोविंद के साथ विशेष हेलीकॉप्टर से सांझी छत स्थित पंछी हैलीपैड पहुंचे। वहां से भवन तक डेढ़ किलोमीटर का सफर बैटरी कार से तय किया। कुछ समय लक्ष्मी भवन में स्थित वीवीआईपी रेस्ट हाउस में विश्राम करने के बाद 10.00 बजे वह प्राकृतिक पिंडियों के समक्ष पहुंचे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तथा उनकी धर्मपत्नी ने मां वैष्णो देवी के चरणों में हाजिरी लगाकर विशेष पूजा-अर्चना की और देश में सुख-समृद्धि की कामना की।
इसके बाद वैष्णो देवी भवन पर रोपवे यानी पैसेंजर केबल कार में सवार होकर भैरव घाटी रवाना हुए और बाबा भैरवनाथ के चरणों में हाजिरी लगाई। इसके बाद राष्ट्रपति वापस बैटरी कार मार्ग से पंछी हेलीपैड पहुंचे और जम्मू के लिए रवाना हो गए, जहां से वह दिल्ली रवाना हो जाएंगे। उनके साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, डिवीजनल कमिश्नर जम्मू रमेश कुमार, श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने मां वैष्णो देवी की विशेष चुनरी के साथ ही प्रसाद तथा मां वैष्णो देवी का चित्र भेंट किया। साथ ही राष्ट्रपति ने विजिटर बुक पर अपने अनुभव साझा किए। राष्ट्रपति जब मां के दरबार में दर्शन कर रहे थे तो कुछ समय के लिए आम यात्रियों के दर्शन का सिलसिला रोक दिया गया। दूसरी ओर राष्ट्रपति के आगमन को लेकर श्रद्धालुओं के लिए कटड़ा से जारी हेलीकॉप्टर सेवा को भी कुछ देर के लिए स्थगित रखा गया।
इससे पहले गुरुवार को राष्ट्रपति के जम्मू पहुंचने पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा व जेएमसी मेयर चंद्र मोहन गुप्ता ने जम्मू हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया था। इसके बाद वह राजभवन के लिए रवाना हो गए थे। शाम को राष्ट्रपति आईआईएम जम्मू के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, जिसमें 214 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गई। इसमें 77 लड़कियां शामिल थीं तथा तीन को गोल्ड मेडल भी प्रदान किए गए।
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