प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि ग्रह की चुनौतियों के बारे में सभी अवगत हैं, ऐसे में हमें सतत विकास को आगे बढ़ाने वाली मानव केंद्रित, सामूहिक प्रयास और मजबूत कार्रवाइयां करनी होंगी। उन्होंने कहा कि हमारा ग्रह एक है लेकिन हमारे प्रयास कई होने चाहिए यानी एक धरती, अनेक प्रयास।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वैश्विक पहल “पर्यावरण के लिए जीवनशैली अभियान” (लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट मूवमेंट) के लॉन्चिंग समारोह में भाग लिया। लॉन्चिंग से ‘लाइफ ग्लोबल कॉल फॉर पेपर्स’ की भी शुरुआत हुई। यह दुनियाभर में व्यक्तियों, समुदायों और संगठनों को पर्यावरण जागरूक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रभावित करने और उनसे अनुरोध करने के क्रम में शिक्षाविदों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों आदि से विचारों और सुझावों को आमंत्रित करेगा।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान मुख्य भाषण में भारतीय जीवन शैली का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल (कम उपयोग, पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण) हमारे जीवन में बुनी गई अवधारणाएं हैं। परिपत्र अर्थव्यवस्था हमारी संस्कृति और जीवनशैली का एक अभिन्न अंग रही है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ‘जीरो कार्बन’ लाइफस्टाइल की बात करते थे। अपने दैनिक जीवन विकल्पों में हमें भी कुछ स्थायी विकल्प चुनने चाहिए। हमारा ग्रह एक है लेकिन हमारे प्रयास कई होने चाहिए यानी एक धरती, अनेक प्रयास।
उत्सर्जन कम करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गैर-जीवाश्म-ईंधन आधारित स्रोतों से स्थापित विद्युत क्षमता के 40 प्रतिशत तक पहुंचने की हमारी प्रतिबद्धता निर्धारित समय से 9 साल पहले हासिल की गई है। हमने नवंबर 2022 के लक्ष्य से 5 महीने पहले पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण हासिल कर लिया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है। 2013-14 में सम्मिश्रण मुश्किल से 1.5 प्रतिशत और 2019-20 में 5 प्रतिशत था।
कार्यक्रम में माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने कहा कि वह इस वैश्विक पहल का नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देते हैं। हमारे वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में भारत का नेतृत्व महत्वपूर्ण है। ग्रीनहाउस गैसों को खत्म करने के लिए हमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों की भागीदारी सहित सभी के तकनीकी और अन्य सहयोग की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में बिल गेट्स, सह-अध्यक्ष बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन; लॉर्ड निकोलस स्टर्न, जलवायु अर्थशास्त्री; प्रो. कैस सनस्टीन, नज थ्योरी के लेखक; अनिरुद्ध दासगुप्ता, सीईओ और अध्यक्ष वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टिट्यूट; इंगर एंडरसन, यूएनईपी ग्लोबल हेड; अचिम स्टेनर, यूएनडीपी ग्लोबल हेड और डेविड मलपास, विश्व बैंक के अध्यक्ष व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
पिछले साल ग्लासगो में 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप26) के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा ‘लाइफ’ का विचार पेश किया गया था। यह विचार पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवनशैली को बढ़ावा देता है, जो बिना गंभीर विचार किये और विनाशकारी उपभोग” के बजाय “सोच-समझकर और विचार आधारित उपयोग’ पर केंद्रित है।
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