आरोग्य भारती द्वारा भोपाल में आयोजित ‘आरोग्य मंथन’ का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द ने कहा है कि प्राचीनकाल से ही भारत में ‘एक देश, एक स्वास्थ्य तंत्र’ की व्यवस्था रही है। महर्षि पतंजलि ने तत्कालीन चिकित्सा पद्धतियों का अध्ययन कर योग एवं स्वास्थ्य पर पुस्तकें लिखीं। चरक और सुश्रुत संहिताएं भी इसके प्रमाण हैं। प्राचीन चिकित्सा पद्धति अत्यंत उपयोगी है। आज वैश्विक स्तर पर योग की महत्ता सिद्ध हो गई है। योग सभी के लिए कल्याणकारी है, लेकिन इसे मजहब या धर्म से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए सर्वसमावेशी स्वास्थ्य अर्थात् सभी चिकित्सा प्रणालियों के समन्वय से चिकित्सा आवश्यक है। इस क्षेत्र में पिछले दो दर्शक में आरोग्य भारती ने सुविचारित एवं सुसंगठित रूप से सराहनीय कार्य किया है। इस अवसर पर आरोग्य भारती की मासिक पत्रिका ‘आरोग्य सम्पदा’ के ‘सर्वसमावेशी स्वास्थ्य विशेषांक’ का विमोचन भी किया गया।
मुख्य वक्ता और आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय ने कहा कि सभी चिकित्सा पद्धतियों की अपनी विशेषताएं एवं सीमाएं हैं। वे एक-दूसरे की पूरक हैं। आरोग्य भारती सभी को सम्मान के साथ देखती है। हर रोग की दवा नहीं होती। उचित जीवन-शैली, आहार-विहार और छोटे-छोटे प्रयासों से हम रोगों का उपचार और निदान कर सकते हैं। भारत में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सक एवं मरीजों का अनुपात अत्यंत कम है। चिकित्सकों की संख्या बढ़नी चाहिए। उपचार एवं स्थानीय जड़ी-बूटियों का उपयोग, उपचार की लागत कम करेगा। भारत में बच्चों में स्वर्णप्राशन संस्कार की व्यवस्था है, जिसके माध्यम से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ायी जा सकती है। ऐसे ही होम्योपैथी में भी नोसोड की व्यवस्था है। अतः एक देश – एक स्वास्थ्य तंत्र वर्तमान समय की आवश्यकता है।
आरोग्य भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश पंडित ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि राष्ट्र के स्वास्थ्य के लिए सभी चिकित्सा प्रणालियों का समन्वय आवश्यक है। स्वस्थ व्यक्ति, स्वस्थ परिवार, स्वस्थ ग्राम एवं स्वस्थ राष्ट्र आरोग्य भारती का लक्ष्य है। स्वस्थ रहना हमारा अधिकार है, स्वभाव है और कर्त्तव्य भी है। उचित आहार-विहार और जीवन-शैली अच्छे स्वास्थ्य का आधार है।
राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं भगवान धनवंतरि की प्रतिमा पर पुष्पार्पण कर किया। राष्ट्रपति श्री कोविंद का मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं आरोग्य भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश पंडित ने शॉल ओढ़ाकर एवं पौधा देकर स्वागत किया। राष्ट्रपति श्री कोविंद को मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं डॉ. राकेश पंडित ने स्मृति-चिन्ह भी भेंट किया। मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का भी शॉल ओढ़ाकर और पौधा देकर अभिवादन किया गया। सभी को आंवले के पौधे भेंट किए गए। प्रारंभ और अंत में पुलिस बैंड द्वारा राष्ट्र-गान की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में आयुष मंत्री श्री राम किशोर कांवरे भी उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन आरोग्य भारती के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. सुनील जोशी ने किया।
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