मुजफ्फरनगर जिले में अपराधी पनप रहे हैं और पुलिस को भनक तक नहीं लग रही है। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में जिस गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने हत्या की जिम्मेदारी ली है। उसके गुर्गे मुजफ्फरनगर में छिपे हुए हैं। ये बात तब सामने आई जब उत्तराखंड बॉर्डर पर एसटीएफ ने शूटर गैंग को दबोचा था।
देहरादून बॉर्डर पर पकड़े गए लॉरेंस बिश्नोई के गैंग के सदस्यों से पूछताछ में सिद्धू मूसेवाला की हत्या में स्वचलित रशियन असॉल्ट राइफल एएन 94 का जिक्र आया है। पंजाब पुलिस को जानकारी मिली है कि इस राइफल को मुजफ्फरनगर जिले के रहने वाले सुंदर नाम के व्यक्ति ने उन्हे उपलब्ध करवाया था। ये राइफल फुल मोड में 1800 गोलियां एक मिनट में दाग सकती है। ये सुंदर नाम का व्यक्ति कौन है? कहां रहता है? क्या करता है? यूपी पुलिस को कोई जानकारी नहीं है, यानि जिले में इतना बड़ा हथियारों का कोई सौदागर है और मुजफ्फरनगर पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।
मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक यादव ने इस जानकारी के सामने आने के बाद अपनी एसआईटी का गठन किया और वो अब पंजाब पुलिस के साथ संपर्क में है। उधर पंजाब, हरियाणा और यूपी पुलिस ने मिलकर सोनीपत जेल में बंद बिश्नोई गैंग के सदस्यों संदीप कालाजठेडी को रिमांड में लेकर पूछताछ करने की बात कही जा रही है। इसके अलावा सनी काकरन और अतुल जाट को भी नजर में रखा जा रहा है। पंजाब पुलिस ने शूटर दीपक बॉक्सर को भी अपनी पूछताछ की लिस्ट में रखा है। दिल्ली पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया हुआ है। बिश्नोई के वकील ने पंजाब हाई कोर्ट में ये अर्जी भी लगाई है कि उसे पंजाब पुलिस के हवाले नहीं किया जाए क्योंकि उसे वहां एनकाउंटर का भय है।
जानकारी के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई का गैंग पश्चिम यूपी, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में सक्रिय है और ये लोग मोबाइल नहीं रखते फिर भी इनका नेटवर्क मजबूत है। बहरहाल सिद्धू मूसेवाला की हत्या के पीछे और कौन-कौन है ? क्या ये पंजाब के गैंगवार का नतीजा है या कुछ और एंगल है। इन सभी बातों का पुलिस को खुलासा करना है।
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