झामुमो और कांग्रेस गठबंधन में दरार, खतरे में सरकार

झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की मिली—जुली सरकार है। राज्यसभा चुनाव को लेकर इन दोनों दलों में मतभेद इस कदर बढ़ गए हैं कि राज्य सरकार के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।

Published by
रितेश कश्यप

झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की मिली—जुली सरकार है। राज्यसभा चुनाव को लेकर इन दोनों दलों में मतभेद इस कदर बढ़ गए हैं कि राज्य सरकार के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।

झारखंड में जब से झामुमो और कांग्रेस की सरकार बनी है, तब से दोनों दलों में हल्की-फुल्की मनमुटाव की खबरें आती रहती थीं, लेकिन इस बार झामुमो के एक निर्णय की वजह से कांग्रेस के विधायक काफी नाराज हैं। बता दें कि झामुमो ने महुआ माजी को राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया तो कांग्रेसी विधायक बेहद नाराज हुए। उनका कहना है कि झामुमो ने एकतरफा निर्णय लेकर गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया। इस कारण कई कांग्रेसी विधायक मांग कर रहे हैं कि  हैं कि राज्य सरकार से सभी कांग्रेसी मंत्री इस्तीफा दे दें, लेकिन सरकार गिरे नहीं, इसलिए कांग्रेस बाहर से समर्थन करे। ऐसे में लोग कह रहे हैं कि हेमंत सरकार ज्यादा दिन चलने वाली।

महगामा से कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे ने कहा, ”इस गठबंधन का क्या लाभ है, जबकि पर्दे के पीछे एक और गठबंधन काम कर रहा है। यह गठबंधन है भय और भ्रष्टाचार का। सरकार पर भ्रष्ट पदाधिकारी हावी होते जा रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, ”कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात करने के बाद भी झामुमो ने एकतरफा फैसला लिया है।”

ऐसा नहीं है कि ऐसी बात सिर्फ दीपिका पांडे की ओर से कही जा रही है। कांग्रेस के और कई विधायक ऐसी बातें कर रहे हैं। इसलिए कांग्रेस नेतृत्व अपने विधायकों को समझाने में लगा है। 31 मई को कांग्रेस के विधायक दल की बैठक थी, लेकिन विधायकों का आक्रोश देखते हुए प्रभारी ने बैठक रद्द कर दी और हर एक विधायक से अलग—अलग बात करना उचित समझा।
इसी बीच भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने चुटकी लेते हुए कहा कि क्या झारखंड के चारों मंत्री आज इस्तीफा देंगे?
बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास कांग्रेस के समर्थन के बगैर सरकार चलाने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है और न ही अपने उम्मीदवार को राज्यसभा तक पहुंचा पाने की ताकत है। इन सबके बाद भी झामुमो कांग्रेस की बातों की अनदेखी कर रहा है, जो अपने आप में चकित कर देने वाला है।

इसी बीच यह भी चर्चा है कि कांग्रेस के कुछ विधायक, जो पार्टी की नीतियों से नाराज हैं,  झारखंड मुक्ति मोर्चा के संपर्क में है। अगर यह सही है तो भविष्य में कांग्रेस को झामुमो के सामने नतमस्तक होने के अलावा कोई चारा नहीं दिखाई दे रहा है।

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