राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष शिक्षा वर्ग का समापन नागपुर के रेशमबाग मैदान में गुरुवार 2 जून को होगा। इस बार दो वर्ष की अवधि के उपरांत 9 मई को तृतीय वर्ष शिक्षा वर्ग का आयोजन किया गया। देश भर के 735 स्वयंसेवकों सहित कुल 900 कार्यकर्ता वर्ग में उपस्थित हैं। वर्ग में शिक्षार्थियों को शारीरिक, बौद्धिक, सेवा सहित विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया।
विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े स्वयंसेवक
देश के विभिन्न हिस्सों से आए 735 शिक्षार्थी विभिन्न व्यवसायों या क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। 163 शिक्षार्थी प्रचारक या विस्तारक और 57 प्रशिक्षार्थी छात्र हैं। इसके अलावा कर्मचारी (108), शिक्षक (103), किसान (47), लघु व्यवसायी (45), वकील (31), इंजीनियर (25), श्रमिक (23), प्रोफेसर (17), लघु उद्यमी (14), चिकित्सा विशेषज्ञ (5) भी मुख्य रूप से शामिल हैं।
2 जून को होगा समापन कार्यक्रम
आगामी 2 जून को शाम 6.30 बजे समापन कार्यक्रम निर्धारित है। भाग्यनगर स्थित श्रीरामचंद्र मिशन के अध्यक्ष कमलेश पटेल उपाख्य दाजी समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर सरसंघचालक श्री डॉ. मोहन भागवत भी मार्गदर्शन करेंगे। वर्ग के सर्वाधिकारी अशोक पाण्डेय एवं महानगर संघचालक राजेश लोया ने बताया कि समापन कार्यक्रम में शिक्षार्थी विभिन्न प्रकार के व्यायाम, योग, समता, नियुद्ध, दंडयुद्ध, घोष सहित कई प्रकार की शारीरिक प्रस्तुति देंगे।
कमलेश पटेल का परिचय
दाजी उपाख्य कमलेश पटेल युवाओं के लिए प्रकाश की किरण के रूप में जाने जाते हैं। श्री रामचंद्र मिशन उनके मार्गदर्शन में 137 देशों में कार्य करता है। कमलेशजी पटेल का जन्म 1956 में अहमदाबाद में हुआ था। फार्मेसी के छात्र के रूप में अध्ययन करते हुए उन्हें ध्यान और आध्यात्मिक उन्नति की प्रेरणा मिली। वह अपने मार्गदर्शक के रूप में शाहजहांपुर के श्री राम चंद्र (बाबूजी) से मिले। बाबूजी श्री रामचंद्र मिशन के संस्थापक और प्रथम अध्यक्ष थे। 1980 में स्नातक होने के बाद कमलेश अमेरिका चले गए और न्यूयॉर्क शहर में एक फार्मेसी व्यवसाय का आरंभ किया। साथ ही सहज मार्ग की राजयोग पद्धति को बड़ी श्रद्धा के साथ जारी रखा। इससे पहले उन्हें आध्यात्मिक गुरुओं के सदियों पुरानी धार्मिक परंपरा के उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया गया था।
बाबूजी की मृत्यु के पश्चात कमलेशजी ने श्री रामचंद्र मिशन के दूसरे अध्यक्ष पार्थसारथी राजगोपालाचारी (चारी जी) का अनुसरण करना जारी रखा और मिशन के विश्वव्यापी विकास का समर्थन करते हुए कई महत्त्वपूर्ण दायित्व निभाए। उन्हें अक्टूबर 2011 में चारी जी के उत्तराधिकारी घोषित किया गया था और अगस्त 2012 में, चारी जी के शारीरिक अस्वस्थता के कारण उन्हें अध्यक्ष के संपूर्ण अधिकारों के साथ उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 20 दिसंबर 2014 को चारी जी के निधन के बाद वे सहज मार्ग व्यवस्था के आध्यात्मिक मार्गदर्शक और श्री रामचंद्र मिशन के तृतीय अध्यक्ष बने। एक आधुनिक आध्यात्मिक गुरु के रूप में वे दुनिया भर के आध्यात्मिक साधकों का मार्गदर्शन करते हैं। युवाओं को आध्यात्मिक मार्गदर्शन देने में उन्होंने ध्यान केंद्रित किया है।
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