गत दिनों नई दिल्ली में पाञ्चजन्य द्वारा आयोजित मीडिया महामंथन में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने कहा था कि मदरसा शब्द को ही समाप्त कर देना चाहिए। बच्चों को ऐसी शिक्षा देनी चाहिए कि वे डॉक्टर, इंजीनियर बन सकें। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि बच्चों को मजहब की शिक्षा घर के अंदर देनी चाहिए।
उनके इस बयान का समर्थन बिहार के एक भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने किया है। हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा है कि बिहार में सभी मदरसों को बंद कर देना चाहिए, क्योंकि मदरसों से मौलवी और मौलाना बनते हैं, जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं। हरिभूषण ने यह भी कहा कि मदरसों में आतंकवाद की पढ़ाई की जाती है। इसलिए देश में एक शिक्षा होनी चाहिए और ऐसी शिक्षा दी जानी चाहिए जिससे बच्चे आईएएस, इंजीनियर, डॉक्टर और एक सभ्य नागरिक के रूप में देश की सेवा कर सकें।
हरिभूषण के इस बयान के बाद बिहार का राजनीतिक पारा चढ़ गया है। लालू यादव की पार्टी राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, ”भाजपा हमेशा से भारत को तोड़ने वाली ही बात करती है। देश संविधान और कानून से चलेगा या भाजपा नेताओं के बयान से! देश में जब शिक्षण संस्थान खोलने की संवैधानिक स्वतंत्रता है, तो फिर बंद करने की बात कैसे कर सकते हैं! यह विकृत मानसिकता वाले लोगों का बयान है।”
वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा, ”कभी मदरसों पर सवाल खड़ा किया जाता है, तो कभी सरस्वती शिशु विद्या मंदिरों पर निशाना साधा जाता है। एकाध घटनाएं किसी भी संस्थान के पूरे अस्तित्व को प्रभावित नहीं कर सकतीं। मदरसा और सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, दोनों ही छात्रों को शिक्षित करते हैं। इसलिए ऐसे बयान नहीं देने चाहिए, जो भड़काने वाले हों या अलगाव पैदा करते हों।”
इससे पहले जून, 2021 में भी हरिभूषण ठाकुर बचौल ने मदरसों को बंद करने की बात कही थी। दरअसल, उस समय बांका के एक मदरसे में बम विस्फोट हुआ था। उसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पता चला था कि मदरसे में बम बनाने के दौरान विस्फोट हुआ था। इस घटना को देखते हुए हरिभूषण ने कहा था, ”मदरसों में आतंकवादी गतिविधियां होती हैं। वहां बच्चों को यह सिखाया जाता है कि दूसरे मत—पंथ के लोग काटने योग्य हैं, जब तक वे इस्लाम न स्वीकार करें, उन्हें प्रताड़ित करो। इसलिए राज्य में मदरसों को बंद करा देना चाहिए।”
उनके इस बयान के बाद भी विपक्षी दलों ने हंगामा किया था। यही नहीं, भाजपा के सहयोगी जदयू ने भी बकौल के बयान की निंदा की थी। भले ही भाजपा विरोधी नेता बकौल के बयान का विरोध करते हों, लेकिन उनके पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि आखिर बिहार में आए दिन मदरसों और मस्जिदों में बम विस्फोट क्यों होते हैं!
उल्लेखनीय है कि बांका के बाद गोपालपुर, पूर्णिया, अररिया, भागलपुर, खगड़िया, कटिहार आदि जिलों के अनेक मदरसों और मस्जिदों में बम विस्फोट हुए हैं। ज्यादातर विस्फोट बम बनाते समय हुए हैं। इसके बावजूद भाजपा के अलावा और किसी भी पार्टी के नेताओं ने इन घटनाओं की जांच की मांग नहीं की है।
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