पिछले हफ्ते तेहरान में रिवोल्यूशनरी गार्ड के कर्नल की हत्या को लेकर इस्राएल ने उस शिया देश पर आरोप लगाया था और अब बेनेट ने अपना रवैया और सख्त कर लिया है
इस्राएल के प्रधानमंत्री नफताली बेनेट ने कहा है कि ईरान उनके देश के विरुद्ध अपरोक्ष युद्ध छेड़े हुए है। इसलिए अब समय आ गया है कि ईरान को उसके किए की सजा दी जाए। उल्लेखनीय है कि अभी पिछले हफ्ते तेहरान में रिवोल्यूशनरी गार्ड के कर्नल की हत्या को लेकर इस्राएल ने उस शिया देश पर आरोप लगाया था और अब बेनेट ने अपना रवैया और सख्त कर लिया है। इस्राएल की गुप्तचर एजेंसी मोसाद का नियंत्रण बेनेट के कार्यालय के पास है और उसने इस हत्या में किसी तरह का हाथ होने से इनकार कर दिया है।
कल एक टीवी संदेश में बेनेट ने ईरान पर अनेक बार इस्राएली हितों पर चोट करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कई दशकों से ईरानी हुकूमत इा्रसएल के विरुद्ध आतंकवाद को बढ़ावा देती आ रही है। ईरान उनके इलाके में परोक्ष हमले करता आ रहा है। लेकिन इसके बावजूद उसे अब तक ऐसे सब मामलों में अनदेखा किया जाता रहा है। ईरानी समाचार एजेंसी के अनुसार, तेहरान में हुई गोलीबारी के बाद उसमें इस्राएली गुप्तचर एजेंसी के लोगों को शामिल बताया जा रहा है। इतना ही नहीं, ईरान के सुरक्षा गार्डों ने कुछ लोगों को पकड़ा भी है।
पूरे यरुशलम में करीब तीन हजार इस्राएली पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। इस दिन यह मार्च इस्राएल द्वारा 1967 में मध्यपूर्व के युद्ध में यरुशलम के पूर्वी हिस्से पर कब्जा होने के जश्न के तौर पर निकाला जाता है
यहां बता दें कि पिछले हफ्ते दुनियाभर में इस्राएली नागरिकों की हत्या करने के लिए कुख्यात हसन सयद खोदाई की दो मोटर साइकिल सवारों ने कार में गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह हत्याकांड ईरान में पहले हुई परमाणु वैज्ञानिकों की हत्याओं की तर्ज पर हुआ बताया जा रहा है। तेहरान इन सभी हत्याओं का दोष इस्राएल की गुप्तचर एजेंसी मोसाद पर मढ़ता आ रहा है।
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार, कल शाम को यरुशलम के पुराने इलाके में सबसे संवेदनशील इलाके अल अक्सा मस्जिद परिसर में करीब दो हजार यहूदियों ने मार्च किया। इस परेड के दौरान अल अक्सा मस्जिद में अवरोधों के पीछे से फिलिस्तीनियों ने यहूदियों और इस्राएली पुलिस पर पत्थर बरसाकर अपना विरोध प्रकट किया था।
पुलिस को वहां किसी हंगामे की आशंका पहले से ही थी इसलिए पूरे यरुशलम में करीब तीन हजार इस्राएली पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। इस दिन यह मार्च इस्राएल द्वारा 1967 में मध्यपूर्व के युद्ध में यरुशलम के पूर्वी हिस्से पर कब्जा होने के जश्न के तौर पर निकाला जाता है।
टिप्पणियाँ