अलगाव, हिंसा, घृणा व कट्टरता से बाज आएं मुस्लिम नेता : डॉ सुरेन्द्र जैन
Wednesday, July 6, 2022
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • Subscribe
होम भारत

अलगाव, हिंसा, घृणा व कट्टरता से बाज आएं मुस्लिम नेता : डॉ सुरेन्द्र जैन

विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने कहा है कि कुछ कट्टरवादी नेता उकसाने वाली बातें कर मुसलमानों को भड़का रहे हैं

WEB DESK by WEB DESK
May 30, 2022, 05:45 pm IST
in भारत, दिल्ली
डॉ सुरेन्द्र जैन

डॉ सुरेन्द्र जैन

Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

विश्व हिन्दू परिषद ने 30 मई को कहा है कि कट्टरपंथी इस्लाम के गढ़ देवबंद में आयोजित मुस्लिम सम्मेलन में महमूद असद मदनी और बदरुद्दीन अजमल जैसे कट्टरपंथी नेताओं ने “भारत में मुसलमान पीड़ित हैं” का नारा लगाकर मुस्लिम समाज को एक बार फिर भड़काने का प्रयास किया है। पर्सनल लॉ बोर्ड और कश्मीर से लेकर केरल तक के सभी कट्टरपंथी नेताओं ने एक साथ भारतीय संविधान, न्यायपालिका और हिंदू समाज को चुनौती देते हुए अपने अलगाववादी एजेंडे को लागू करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाए हैं। विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महा-मंत्री डॉ सुरेन्द्र जैन ने कहा कि ऐसा लगता है कि इस्लामी कट्टरपंथ का दशानन अलग-अलग मुंह से एक ही भाषा का प्रयोग कर रहा है। यह भाषा इन नेताओं की बौखलाहट का ही परिणाम है। मोपलाओं के द्वारा 20,000 हिंदुओं का नरसंहार करने के लिए प्रेरित करने वाले खिलाफत आंदोलन और जमीयत उलेमा_ए_हिंद का जन्म 1919 में ही हुआ है। उन्होंने चेतवानी दी कि मुस्लिम नेता अलगाव, हिंसा, घृणा व कट्टरता से बाज आएं।
उन्होंने कहा कि यह मात्र संयोग नहीं है। यह भारत का दुर्भाग्य है कि तब से लेकर कुछ साल पहले तक मुस्लिम तुष्टीकरण भारत की राजनीति का केंद्र बिंदु रहा है। कट्टरपंथी नेता भारतीय राजनेताओं को ब्लैकमेल करके अपनी नाजायज मांगें मनवाते रहे हैं। भारत विभाजन के लिए कांग्रेसी नेताओं की सहमति इसी ब्लैकमेल की राजनीति का परिणाम थी। परंतु कुछ वर्षों से भारतीय राजनीति का केंद्र मुस्लिम वोट बैंक या शरीयत नहीं भारत का संविधान है। इसलिए वे मुसलमानों पर अत्याचारों की झूठी कहानियां फैला कर देश में सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा कर रहे हैं।
डॉ जैन ने कहा कि इस पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए कि भारत में मुस्लिम समाज पीड़ित है या अत्याचारी है। 50 से अधिक राम-नवमी, महावीर जयंती आदि की शोभायात्राओं पर हमले, ईद के दिन भी हिंदू समाज पर हिंसक हमले, बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, मेवात आदि कई क्षेत्रों में हिंदुओं की निर्मम हत्याएं, लव जिहाद पीड़ित हिंदू लड़कियों पर अमानवीय अत्याचार, जबरन कन्वर्जन की घटनाएं, डरे हुए समाज की नहीं डराने वाले समाज की प्रतीक हैं। अब तो इन नेताओं के भड़काने पर न्यायपालिका तक को सीधे चुनौती दी जा रही है। सीएए, हिजाब, ज्ञानवापी, अयोध्या, मथुरा आदि मामलों में न्यायपालिका के आदेशों को सड़कों पर हिंसा के द्वारा चुनौती दी जा रही है! क्या ये नेता अपने समाज को मध्ययुगीन बर्बर परंपरा की ओर ले जा रहे हैं जहां हिंसक भीड़ का ही आदेश सर्वोपरि था और सत्य-असत्य का निर्णय दानवी ताकत के आधार पर होता था?
विहिप के संयुक्त महामंत्री ने यह भी कहा कि मदनी ने जिन्ना की भाषा बोलते हुए साफ कह दिया है कि हमारी संस्कृति बाकी देश से अलग है। इसके बावजूद, वे भारत से अपने प्यार को दिखाने के लिए बार-बार कहते हैं कि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और भारत से प्यार के कारण पाकिस्तान नहीं गए। विहिप का मानना है इन दोनों दुष्प्रचारों पर खुली चर्चा होनी चाहिए। मौलाना अबुल कलाम आजाद ने अपनी पुस्तक “इंडिया विंस फ्रीडम” में स्पष्ट लिखा है कि भारत के अधिकांश मुस्लिम समाज ने स्वतंत्रता संग्राम से अपनी दूरी बना रखी थी। 1946 के चुनाव में क्यों भारत के 90% मुसलमानों ने भारत विभाजन के लिए भारत को बर्बाद करने वाली मुस्लिम लीग का साथ दिया था? विभाजन का समर्थन करने वालों में से 40% मुस्लिम भारत में रह गए तो क्या वे भारत से प्यार के कारण रह गए थे? 1947 के बाद ओवैसी, अब्दुल्ला, मुफ्ती परिवार व अन्य कट्टरपंथी नेताओं के व्यवहार व वक्तव्य से तो यह नहीं दिखाई देता।
देवबंद में मुस्लिम नेताओं के भाषणों से साफ दिखाई देता है कि वे भारत के संविधान और न्यायपालिका तो क्या अपने समाज की महिलाओं को भी सम्मान नहीं देना चाहते। इसीलिए स्पष्ट रूप से भड़काया गया कि तीन तलाक संबंधी न्यायपालिका के आदेश को न मानकर वे अपनी पत्नियों को तीन बार बोलकर तलाक दें। महिलाओ को सम्मान दिलाने वाली समान नागरिक संहिता को लागू करने की संवैधानिक व न्याय व्यवस्था को ठुकरा कर शरीयत को मानने का आह्वान किया गया। मुस्लिम समाज संविधान नहीं शरीयत को मानेगा, ज्ञानवापी, मथुरा आदि मामलों पर न्यायपालिकाओं की नहीं मानी जाएगी, आदि घोषणाओं के माध्यम से वे मुस्लिम समाज को विद्रोह के लिए भड़काना चाहते हैं। अब वे विभाजन नहीं विद्रोह की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं।
विहिप स्पष्ट करना चाहती है कि यह 1946 का भारत नहीं है। विद्रोह की स्थिति भी स्वयं उनके पक्ष में नहीं रहेगी। हमारी अपील है कि अलगाव, हिंसा, घृणा आदि विकास नहीं, विनाश का मार्ग है। मुस्लिम नेताओं को शरीयत थोपने की जिद छोड़ कर न्यायपालिका व संविधान को मानने के मार्ग पर समाज को ले जाना चाहिए। उन्हें विदेशी आक्रमणकारियों के कुकृत्यों व अवशेषों के साथ लगाव को छोड़कर देश की जड़ों के साथ जोड़ना चाहिए, यही सह-अस्तित्व का मार्ग है जो सबके विकास के लिए आवश्यक है।

Download Panchjanya App
Topics: surendrajainvhpसुरेन्द्रजैन
ShareTweetSendShareSend
Previous News

झारखंड में वेतन के लिए पैसे नहीं, पर मुख्यमंत्री के लिए खरीदी जा रही है महंगी गाड़ी

Next News

केरल की आदिला ने वीडियो जारी करके बताया, उसकी समलैंगिक साथी फातिमा की जान को खतरा

संबंधित समाचार

देश में बढ़ रहे इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ विहिप ने किया प्रदर्शन,  मदरसों को बंद करने की मांग

देश में बढ़ रहे इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ विहिप ने किया प्रदर्शन, मदरसों को बंद करने की मांग

तालिबानी राज की ओर बढ़ता राजस्थान, विहिप ने कहा- जिहादियों की चुनौती स्वीकार

तालिबानी राज की ओर बढ़ता राजस्थान, विहिप ने कहा- जिहादियों की चुनौती स्वीकार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ब्रिटेन में गहराया राजनीतिक संकट, दो दिन में छह मंत्रियों ने दिया इस्तीफा

ब्रिटेन में गहराया राजनीतिक संकट, दो दिन में छह मंत्रियों ने दिया इस्तीफा

तालिबान ने 21 साल बाद जमीन से खोद कर निकाली मुल्ला उमर की कार

तालिबान ने 21 साल बाद जमीन से खोद कर निकाली मुल्ला उमर की कार

कंगाल-बेहाल पाकिस्तान में ‘पीओके’ के ‘सुल्तान’ करोड़ों लुटा रहे आलीशान कारों पर

कंगाल-बेहाल पाकिस्तान में ‘पीओके’ के ‘सुल्तान’ करोड़ों लुटा रहे आलीशान कारों पर

असम : काबुल, मिठ्ठू, नजीर और रिपन खान ने तोड़ा बांध, बाढ़ में तबाह हुआ सिलचर शहर, कईयों की मौत

असम : काबुल, मिठ्ठू, नजीर और रिपन खान ने तोड़ा बांध, बाढ़ में तबाह हुआ सिलचर शहर, कईयों की मौत

जस्टिस सूर्यकांत और पारदीवाला पर महाभियोग चलाने के लिए ऑनलाइन कैंपेन शुरू, हर घंटे जुड़ रहे सैकड़ों लोग

जस्टिस सूर्यकांत और पारदीवाला पर महाभियोग चलाने के लिए ऑनलाइन कैंपेन शुरू, हर घंटे जुड़ रहे सैकड़ों लोग

मदरसा शिक्षकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से हाई कोर्ट का इंकार

मदरसा शिक्षकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से हाई कोर्ट का इंकार

उत्तराखंड में आइडिया ग्रेट चैलेंज में भागीदारी करें युवा : धामी

उत्तराखंड में आइडिया ग्रेट चैलेंज में भागीदारी करें युवा : धामी

‘मां काली’ पर दिए बयान के बाद TMC सांसद महुआ मोइत्रा की गिरफ्तारी की उठी मांग, भोपाल में मामला दर्ज

‘मां काली’ पर दिए बयान के बाद TMC सांसद महुआ मोइत्रा की गिरफ्तारी की उठी मांग, भोपाल में मामला दर्ज

महुआ मोइत्रा की गिरफ्तारी के लिए सड़कों पर उतरी भाजपा महिला मोर्चा, 57 शिकायतें दर्ज

महुआ मोइत्रा की गिरफ्तारी के लिए सड़कों पर उतरी भाजपा महिला मोर्चा, 57 शिकायतें दर्ज

लक्ष्मीबाई केलकर : नारी जागरण की अग्रदूत

लक्ष्मीबाई केलकर : नारी जागरण की अग्रदूत

  • Privacy Policy
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping
  • Terms

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies