उत्तराखंड में तीर्थ और पर्यटन स्थलों के लिए बनाए जाने वाले रोपवे प्रोजेक्ट्स में ढीले रुख पर आज मुख्यसचिव ने अधिकारियों के पेंच कसे। उन्होंने कहा कि दो हफ्ते में सभी प्रोजेक्ट्स की डीपीआर बनाकर उन्हें भेजी जाए। मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय में उत्तराखंड में रोपवे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी प्रोजेक्ट्स की प्रगति की जानकारी ली।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को सभी प्रोजेक्ट्स के लिए टाइम लाइन निर्धारित किए जाने का निर्देश दिया। उन्होंने प्रत्येक स्टेप के लिए प्रत्येक स्तर पर टाइम लाइन निर्धारित किए जाने की बात कही। सभी प्रोजेक्ट्स की डीपीआर और फॉरेस्ट और अन्य प्रकार की क्लियरेंस की कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश दिए। सभी प्रोजेक्ट्स में जो कार्य एक साथ शुरू किए जा सकते हैं वे किए जाएं, इससे कार्यों में तेजी आएगी। उन्होंने सभी प्रोजेक्ट्स की लगातार समीक्षा कर आ रही समस्याओं को दूर किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कोई ढिलाई बर्दाश्त नही की जाएगी।
बैठक में पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि सोनप्रयाग – गौरीकुंड – केदारनाथ रोपवे और गोविंदघाट – घांघरिया – हेमकुंड साहिब रोपवे की डीपीआर को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जबकि पंचकोटी से बौराड़ी, बलाती बैंड से खलिया टॉप, ऋषिकेश से नीलकंठ, औली से गोरसों और रानीबाग से हनुमान टेंपल रोपवे प्रोजेक्ट्स की डीपीआर हेतु कंसल्टेंट नियुक्त कर दिया गया है। इस अवसर पर सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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