मोदी सरकार के आठ साल, विश्वगुरु बनता भारत
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

मोदी सरकार के आठ साल, विश्वगुरु बनता भारत

हम भारतवासी सौभाग्यशाली हैं कि हमें दुनिया के सबसे लोकप्रिय और जनप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का नेतृत्व प्राप्त हुआ है। इस कारण आज दुनिया में भारत को मान-सम्मान और गौरव प्राप्त हुआ है।

by WEB DESK
May 27, 2022, 03:32 pm IST
in भारत
क्वाड शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। यह चित्र बता रहा है कि आज दुनिया में भारत का कितना मान—सम्मान है।

क्वाड शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। यह चित्र बता रहा है कि आज दुनिया में भारत का कितना मान—सम्मान है।

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

– रघुवर दास

सशक्त, निडर और राष्ट्रभक्ति के प्रेरक नेतृत्व में कोई देश महान कैसे बनता है और दुनिया कैसे उस प्रेरक नेतृत्व के प्रति सिर झुकाती है, इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं। नरेन्द्र मोदी जी के महान व्यक्तित्व और भारत को दुनिया के सामने एक महान देश के रूप में प्रस्तुत करने की वीरता व भागीरथी प्रयास की चर्चा से पूर्व इतिहास की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं की विवेचना भी आवश्यक है। प्रसंग इंदिरा गांधी से जुड़ा हुआ है। इंदिरा गांधी 1971 में अमेरिका गई थीं और अमेरिका से वह मदद चाहती थीं। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति निक्सन ने एक लॉन में 45 मिनट तक उन्हें इंतजार कराया था। भारत के पूर्व विदेश सचिव और पद्मभूषण महाराजा कृष्ण रसगोत्रा इस अपमानजनक घटना के साक्षी थे। रसगोत्रा ने अपनी आत्मकथा में इस घटना का जिक्र करते हुए लिखा है कि भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश के प्रधानमंत्री के साथ इस तरह की कूटनीतिक अपमान की घटना अमेरिकी अहंकार की प्रतीक थी। दूसरा उदाहरण जवाहरलाल नेहरू के साथ जुड़ा हुआ है। चीन युद्ध के दौरान रूस ने नेहरू को धोखा दिया था। नेहरू रूस के धोखे से आक्रोशित थे। नेहरू ने अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति से बचाने की गुहार लगायी थी, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। तीसरा उदाहरण लालबहादुर शास्त्री के साथ जुड़ा है। 1965 के युद्ध में भारत ने महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा किया था और पाकिस्तान की अपमानजनक पराजय हुई थी। तत्कालीन सोवियत संघ दादागिरी पर उतर आया था। लालबहादुर शास्त्री जी के साथ उस समय जो हुआ वह पूरा देश जानता है।

उपरोक्त इन सभी उदाहरणों के पीछे कारण था कि उस समय भारत सशक्त नहीं था, भारत में जैसे को तैसे में जवाब देने के लिए साहस नहीं था। भारत एक तरह से बड़े देशों की सहायता और सुरक्षा पर निर्भर रहने की मानसिकता का गुलाम था।
आज दुनिया की महाशक्ति अमेरिका हो या फिर रूस, चीन हो या फिर यूरोपीय यूनियन के देश, क्या इन सबमें इतनी शक्ति है कि भारत की अनदेखी कर सके, भारत को आंख दिखा सके, भारत को अपमानित कर सके? दुनिया के किसी भी देश में इतनी ताकत नहीं है कि भारत को अपनी इच्छा के अनुसार हांक सके या फिर अंतर्राष्ट्रीय नियामकों में निर्णयों को प्रभावित करने के लिए भारत को झुका सके। कभी भारत सोवियत संघ के साथ था और हम सोवियत संघ के गुलाम की तरह थे। सोवियत संघ की इच्छाओं के अनुसार हमें अंतर्राष्ट्रीय व्यवहार करने के लिए मजबूर होना पड़ता था। इसके बदले में सोवियत संघ अपनी वीटो शक्ति से हमें अमेरिका और यूरोप की कुदृष्टि से बचाता था। आज हमारे साथ दुनिया का कोई भी वीटोधारी देश नहीं है। हम किसी भी वीटोधारी देश के गुलाम नहीं हैं, फिर भी हम संयुक्त राष्ट्रसंघ ही नहीं, बल्कि अन्य अंतर्राष्ट्रीय नियामकों व संस्थाओं में अपने हितों की रक्षा करने में सफल हैं।

इसका एक उदाहरण अनुच्छेद 370 है। अनुच्छेद 370 की समाप्ति हमारा सबसे बड़ा एजेंडा था। मोदी जी के जीवन की सबसे बड़ी इच्छा अनुच्छेद 370 को समाप्त करने की थी। मोदी जी ने अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति और देशभक्ति की शक्ति से अनुच्छेद 370 को समाप्त करने की वीरता दिखाई।। इसके उपरांत पाकिस्तान और चीन ने अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर किस तरह की पैंतरेबाजी की थी और भारत को झुकाने की कोशिश की थी, यह भी उल्लेखनीय है। पाकिस्तान के साथ वीटोधारी देश चीन खड़ा था। चीन हमारा स्थायी दुश्मन पड़ोसी है। चीन के सहयोग और समर्थन से पाकिस्तान ने बार-बार संयुक्त राष्ट्रसंघ में अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ प्रस्ताव लाने का काम किया था पर पाकिस्तान को बार-बार असफलता हाथ लगी। मोदी जी ने अंतर्राष्ट्रीय जगत को दृढ़ता और विश्वास के साथ समझा दिया कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और हम अपने देश में अपनी इच्छा के अनुसार कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
अभी-अभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीन दिवसीय यूरोप के दौरे में जिस तरह से भारत का डंका बजा है, जिस तरह से यूरोप में मोदी जी का गुनगान हुआ है उससे हर देशवासी का सिर ऊंचा हुआ है। यूरोप और अमेरिका के लोग कभी भारत को सांप—सपेरों का देश समझते थे और हम अमेरिका-यूरोप के प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों की अगवानी करने के लिए ललायित रहते थे। पर यूरोपीय दौरे के दौरान जिस तरह से मोदी जी को सम्मान मिला और जिस तरह से यूरोपीय देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने मोदी जी का स्वागत किया, उससे साफ हो जाता है कि अब यूरोप के लिए भारत की आर्थिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक शक्ति अनुकरणीय है। फ्रांस और जर्मनी के साथ महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं। फ्रांस से हम राफेल लड़ाकू विमान खरीद चुके हैं। राफेल के कारण ही चीन की कुदृष्टि थमी है, जबकि जर्मनी से मजबूत रिश्ते से हमें यूरोपीय यूनियन से टकराव के मुद्दों को हल करने में मदद मिलेगी।

सबसे बड़ी उपलब्धि नार्डिक देशों से मजबूत रिश्ते को लेकर मिली है। मोदी जी का दौरा सिर्फ डेनमार्क तक ही सीमित था। लेकिन अन्य नार्डिक देशों के शासनाध्यक्षों की भी इच्छा मोदी जी से मिलने की हुई। उन्होंने मोदी जी को अपने यहां आने का निमंत्रण दिया, पर मोदी जी ने यात्रा की निर्धारित व्यस्तता के कारण मना कर दिया। फिर नार्डिक देश फिनलैंड, आइसलैंड और नार्वे के शासनाध्यक्ष खुद डेनमार्क पहुंच गए और मोदी जी से मुलाकात की। डेनमार्क में ही भारत और नार्डिक विकास शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ। इन देशों से भारत का व्यापार करीब 15 अरब डॉलर का है, भारत और नार्डिक देश इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं। नार्डिक देशों ने ग्रीन एनर्जी में काफी निवेश किया है। भारत भी ग्रीन एनर्जी की सफलता को अपनाना चाहता है।

यूक्रेन के प्रश्न पर मोदी जा रूख अटल रहा है। भारत किसी का मोहरा नहीं बनेगा। भारत युद्ध का विरोधी रहा है। युद्ध और हिंसा का समाधान भी शांतिपूर्ण ढंग से करने के मोदी जी पक्षधर हैं। रूस से हमारा संबंध बेहतर है। अमेरिका और यूरोप यह चाहते थे कि यूकेन के प्रश्न पर भारत रूस के खिलाफ खड़ा होकर अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग करे। इसी उद्देश्य से अमेरिकी विदेश मंत्री से लेकर ब्रिटेन और कई यूरोपीय देशों के कूटनीतिजों ने भारत आकर मोदी जी को प्रभावित करने की कोशिश की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मोदी जी से बार-बार सहयोग की अपील की थी। फिर भी मोदी जी ने अपनी तटस्थता नहीं छोड़ी।
मानवाधिकार के प्रश्न पर अमेरिका ने आंख दिखाने की कोशिश की। इस पर भारत ने करारा जवाब देते हुए कहा कि अमेरिका हमें नसीहत न दे। अमेरिका को ऐसे कड़े जवाब की उम्मीद कतई नहीं थी। अमेरिका की धमकियों को नजरअंदाज कर मोदी जी ने रूस से तेल खरीदने का साहस दिखाया, इसका सुखद परिणाम देश को मिला। पेट्रोल आठ रुपए और डीजल छह रुपए सस्ता कर मोदी जी ने देशवासियों को बहुत बड़ी राहत दी है।
वसुधैव कुटुंबकम में विश्वास रखने के कारण कोरोना काल में भारत ने दुनिया को वैक्सीन देकर यह दिखा दिया कि भारत किसी भी संकट के दौर में दुनिया को न केवल मदद करने की शक्ति रखता है, बल्कि भारत एक मददगार के तौर पर भी खड़ा रहेगा। अगर भारत ने वैक्सीन नहीं दी होती, तो फिर दुनिया के कई छोटे-छोटे देश कोरोना की लड़ाई नहीं लड़ पाते। कोरोना के दौरान मोदी जी ने अपने नागरिकों की आर्थिक सहायता और भोजन की व्यवस्था कर महान कार्य किया है। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था का अनुमोदन किया है ।
कुछ कर्तव्य नागरिकों का भी होता है। अच्छे शासन और अच्छे शासक का हमेशा सहयोग और समर्थन किया जाना चाहिए। हमारे देश में नकारात्मक लोग अफवाह फैलाने और अच्छे शासन-शासक की छवि खराब करने की कोशिश करते हैं। हमें विखंडनकारी सोच वाले व्यक्तियों और पार्टियों से हमेशा सावधान रहना होगा।

(लेखक झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हैं)

Topics: Narendra Modiraghubar das
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

उत्तराखंड बना वेडिंग हब! : जहां हुआ शिव-पार्वती विवाह वहां पर संपन्न हुए 500+ विवाह, कई विदेशी जोड़ों पसंदीदा डेस्टिनेशन

‘जिन्ह मोहि मारा, ते मैं मारे’ : ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजनाथ सिंह ने कहा- नैतिकता बरकरार रखते हुए भारत ने आतंक को मारा

भारत में जो इन पिताओं ने बोला, उसकी गूंज हर पाकिस्‍तानी को सुनाई देनी चाहिए

उरी और बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भी कांग्रेस नेता ने मांगे मोदी सरकार से सबूत

भारत ने पहलगाम नरसंहार का ले लिया बदला : ऑपरेशन सिंदूर पर भाजपा

चारधाम यात्रा 2025 शुरू : CM धामी ने ऋषिकेश से रवाना की बसें, इस बार रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद!

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

ओटीटी पर पाकिस्तानी सीरीज बैन

OTT पर पाकिस्तानी कंटेंट पर स्ट्राइक, गाने- वेब सीरीज सब बैन

सुहाना ने इस्लाम त्याग हिंदू रीति-रिवाज से की शादी

घर वापसी: मुस्लिम लड़की ने इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, शिवम संग लिए सात फेरे

‘ऑपरेशन सिंदूर से रचा नया इतिहास’ : राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय सेनाओं ने दिया अद्भुत शौर्य और पराक्रम का परिचय

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies