अयोध्या जनपद में तपस्वी छावनी के परमहंस दास ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को समाप्त करने की मांग की है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस के समय बने इस कानून को समाप्त कर दिया जाए और देश की जनता के हितों को ध्यान में रखते कानून बनाया जाए, जिससे समान आचार संहिता, गोरक्षा, जनसंख्या नियंत्रण आदि राष्ट्र हित के विषयों को कानूनी दायरे में लाया जा सके। परमहंस दास गत दिनों ताजमहल में प्रवेश न मिलने के कारण चर्चा में आए थे।
उल्लेखनीय है कि प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट वर्ष 1991 में लागू किया गया था। एक्ट के अनुसार 15 अगस्त 1947 से पहले पूजा स्थल की स्थिति में बदलाव नहीं किया जा सकेगा। इसका उल्लंघन करने पर जुर्माना और तीन साल तक के कारावास का प्रावधान है। यह एक्ट उस समय के प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव ने पारित कराया था। यह एक्ट इसलिए पारित कराया गया था क्योंकि उस समय राम जन्म भूमि का मुद्दा काफी गर्माया हुआ था।
बता दें कि 18 अगस्त 2021 को राखी सिंह समेत पांच महिलाओं ने न्यायालय में याचिका देकर श्रृंगार गौरी के नित्य दर्शन पूजन की मांग की थी। साथ ज्ञानवापी परिसर में विग्रहों की सुरक्षा की भी मांग की थी। जिसको लेकर जनवरी 2022 में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी द्वारा प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का हवाला देते हुए कहा गया कि मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है। इसी बिंदु पर वाद की पोषणीयता को लेकर वाराणसी जनपद में सुनवाई चल रही है। मुस्लिम पक्ष की ओर से यही दलील दी गई कि वहां कोई शिवलिंग नहीं है।
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