उत्तर प्रदेश में पिछले 5 वर्षों में, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) व इलेक्ट्रानिक्स, खाद्य व खाद्य प्रसंस्करण, और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में प्रदेश में बड़े स्तर पर निवेश हुआ है, और ऐसा करने वाली कंपनियों में वे भी शामिल हैं जो दुनिया के कई देशों में कार्यरत हैं. उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश को और ऊंचे स्तर पर ले जाने के लिए तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आगामी 3 जून को प्रस्तावित है जिसमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में 2000 से अधिक इकाइयों का भूमि पूजन किया जाएगा. इस अवसर पर देश के प्रतिष्ठित कॉर्पोरेट समूहों के 60 से अधिक उद्योगपति भी उपस्थित रहेंगे. इन इकाईयों पर लगभग 75 हजार करोड़ रूपये से अधिक का निवेश प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रतिष्ठित समारोह के आयोजन को सफलतापूर्वक सम्पन्न करने की दिशा में सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं और इसकी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. मुख्य समारोह 3 जून को लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित किया गया है. इसके बाद उत्तर प्रदेश , देश के प्रमुख औद्योगिक राज्य के रूप में स्थापित हो जाएगा.प्रस्तावित आयोजन देश-विदेश के औद्योगिक समूहों का उत्तर प्रदेश में विश्वास बढ़ने का प्रतीक है. पिछले 5 वर्षों में योगी सरकार ने प्रदेश में औद्योगीकरण और निवेश के लिए सरल व सहज वातावरण बनाया है।
मुख्यमंत्री योगी ने फरवरी 2018 में पहले इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुई पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 61,800 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को जमीन पर उतारा गया था. इसी प्रकार जुलाई 2019 में आयोजन में 67,000 करोड़ रुपए के 290 प्रस्तावों पर मुहर लगाईं गई थी।
3 जून के आयोजन में सर्वाधिक 474 प्रस्ताव खाद्य प्रसंस्करण विभाग के हैं, जिन पर रु 4118.39 का निवेश प्रस्तावित है. लेकिन निवेश की धनराशि की बात करें, तो सबसे अधिक निवेश रु 20,587.05 करोड़ का है जो आईटी व इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र में है, जबकि प्रोजेक्ट की संख्या केवल 14 है. यह इस बात का भी द्योतक है कि इस क्षेत्र में एक प्रोजेक्ट पर कितना अधिक निवेश किया जाता है. इस क्षेत्र में प्रस्तावित इकाईयां हैं – डाटा सेंटर की स्थापना, आईटी व आईटी-ईएस केंद्र की स्थापना तथा सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना. स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश इस क्षेत्र में विश्व की शीर्ष कंपनियों के लिए निवेश का पसंदीदा स्थान बन चुका है। यह पिछले पांच वर्षों में लगातार किये गए प्रयासों और प्रोत्साहन देने वाली नीतियों की वजह से ही संभव हुआ है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा संबंधित विभागों के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि औद्योगिक निवेश के लिए मार्ग सदैव प्रशस्त रखा जाए और ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनस’ की दिशा में लगातार काम होता रहे. इसमे कंपनियों का पंजीकरण, स्थापना, उनके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, अधिकारियों व कर्मचारियों की नियुक्ति में सहूलियत, और ऐसा वातावरण बनना शामिल है, जिसमे वे कर्मचारी सहज महसूस करें जो विदेशों और देश के बड़े शहरों में काम कर चुके हैं. इसी कारण मल्टीनैशनल और विदेशी कंपनियों की उप्र में लगातार रुचि बनी हुई है।
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