उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल के मैट्रोपोल होटल की शत्रु संपत्ति में अतिक्रमण मामले में जनहित याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित करते हुए अतिक्रमणकारियों को नोटिस देने को कहा है।
वरिष्ठ न्यायमुर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खण्डपीठ ने सुनवाई के दौरान मुख्य स्थायी अधिवक्ता चन्द्र शेखर रावत से कहा कि जिला प्रशासन ने शत्रु सम्पति पर 128 अतिक्रमणकारियों को चिन्हित किया है। इनके पास कोई वैध कागजात नही है, जिस व्यक्ति ने जनहित याचिका दायर की है वह स्वयं अतिक्रमणकारी है। वह जनहित याचिका दायर नहीं कर सकता है। इसलिए जनहित याचिका को निरस्त किया जाय।
याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि अगर वे अतिक्रमणकारी पाए जाते हैं तो वे हटने को तैयार है, बशर्ते उन्हें नोटिस देकर सुना जाय। कुछ दिन पहले प्रसाशन ने बारापथर में बिना नोटिस और सूचना के अतिक्रमणकारियो को वहां से हटा दिया था। इसलिए उन्हें समय दिया जाय। मामले के अनुसार मेट्रोपोल होटल कम्पाउंड निवासी मोहम्मद फारूक ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि उन्हें प्रशासन और नगर पालिका बिना नोटिस देकर कभी भी हटा सकती है, जबकि वे यहाँ कई वर्षों से रह रहे हैं। अतः उनको बिना सुने नही हटाया जाए।
उल्लेखनीय है कि शत्रु संपत्ति पर गृह मन्त्रालय का स्वामित्व होता है और नैनीताल में शत्रु संपत्ति पर करीब दस हजार मुस्लिम लोगो ने अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है इनमे से कई लोगो रोहिंग्या और बंग्लादेशी भी बताए जाते रहे है।
टिप्पणियाँ