अवैध मजारों और रोहिंग्याओं पर बोले सीएम धामी - अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं, राष्ट्रविरोधी तत्वों को यहां नहीं रहने देंगे
Wednesday, March 22, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • G20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • Subscribe
होम भारत

अवैध मजारों और रोहिंग्याओं पर बोले सीएम धामी – अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं, राष्ट्रविरोधी तत्वों को यहां नहीं रहने देंगे

पांचजन्य-ऑर्गनाइजर मीडिया महामंथन 2022 में मुख्यमंत्री धामी ने रखे अपने विचार

by
May 23, 2022, 04:51 pm IST
in भारत
पांचजन्य-ऑर्गनाइजर मीडिया महामंथन में सवालों के जवाब देते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

पांचजन्य-ऑर्गनाइजर मीडिया महामंथन में सवालों के जवाब देते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

दिल्ली के द अशोक होटल में रविवार को पांचजन्य-ऑर्गनाइजर मीडिया महामंथन 2022 का आयोजन किया गया। इसमें सात राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। एक सत्र में पांचजन्य के संपादक हितेश शंकर ने उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ संवाद किया। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश-

सवाल : धामी जी, पहाड़ों में पलायन एक समस्या है। इसमें एक बड़ा कारण चकबंदी भी है, क्योंकि परिवार बढ़ गए हैं, उन्हें ये नहीं पता कि उनके हिस्से की ज़मीन कहां-कहां है? क्या आपकी सरकार इस चकबंदी के लिए काम करेगी?

जवाब : हमारी सरकार इस विषय पर गंभीर है और शासन को कहा है कि राज्य के भू-आलेख दुरुस्त किए जाएं। ये प्रक्रिया लंबी जरूर है, लेकिन हम इसे जरूर पूरा करेंगे और इसमें जनसहयोग भी बहुत जरूरी है।

सवाल : उत्तराखंड की सरकारी और रेलवे की जमीनों पर अतिक्रमण है। इंसान के अतिक्रमण ही नहीं, उत्तराखंड के जंगलों में मजार-कब्रें बना कर लोग कब्जे कर रह रहे है। एक नाम के कथित पीर की सात-आठ मजारें? मनीला के पास मजार बना दी गई? इस ओर आपका क्या विचार है?

जवाब : हमारे संज्ञान में ये विषय आया है। हमने अपना काम शुरू कर दिया है। जो जमीन सरकार की है, हम उसे अतिक्रमण से मुक्त करवाएंगे। इस बारे में सभी जिला अधिकारियों को भी सख्त हिदायत दे दी है। ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है। मैं इस विषय पर बेहद गंभीर हूं। मैं मीठा जरूर बोलता हूं, इसका मतलब ये नहीं कि है हम कुछ भी देखते रहेंगे। मेरा स्वभाव शांत जरूर है, लेकिन मैं उतना ही सख्त एक्शन भी लेता हूं।

सवाल : उत्तराखंड में गढ़वाल में तो चारधाम के लिए आल वेदर रोड बन गयी। धामों के शहरों की कायापलट हो रही है, इसकी तुलना में कुमाऊं के तीर्थस्थलों का विकास नहीं हो पाया। जागेश्वर है, ॐ पर्वत है, हाट कालिका है, बहुत से तीर्थस्थल ऐसे हैं जहां सड़क भी संकरी है। हालांकि मैंने सुना है कि उत्तराखंड में आपको लोग” धाम रक्षक धामी” कहकर बुलाते हैं, क्या इस ओर आपकी कोशिश है?

जवाब : ये हमारा सौभाग्य है कि पीएम मोदी जी के दिशानिर्देश पर चारधाम का कायापलट हो रहा है। एक नया केदार का रूप आपके सामने आ गया है। बदरीधाम में काम शुरू हो गया है, रेल प्रोजेक्ट रोपवे हमारे धामों तक पहुंच रहे हैं। दो हजार करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। अब हमने कुमाऊं के 17 तीर्थस्थलों का चयन किया है। हमने जागेश्वर, बागेश्वर, नैना देवी, पूर्णागिरी, दूनागिरी, बराही देवी आदि स्थानों पर स्थल विकास सड़कें सुविधाएं “मानसखंड सर्किट” के तहत “डेवलप” कर रहे हैं। कैंचीधाम जो बाबा नीब करोरी जी का धाम है। वहां हम स्थल विकास का काम शुरू कर रहे हैं। आप देखना जो भी देवभूमि के मंदिर, धाम, गुरुद्वारे हैं अगले दो सालों में तीर्थयात्रियों के लिए सुगम और सुविधाजनक हो जाएंगे।

सवाल- आपने चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता की बात कही। आपने कहा कि उत्तराखंड पहला राज्य होगा जहां से इस कानून के लागू करने की शुरुआत होगी? क्या इस पर आपकी योजना है?

जवाब : समान नागरिक संहिता को उत्तराखंड राज्य लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। हमने पिछले विधानसभा चुनाव में इसे एक विषय और मुद्दे के रूप में जनमानस के सामने रखा और सत्ता में लौटते ही इस बारे में हम अपनी पहली कैबिनेट में पहला प्रस्ताव भी पारित कर दिया है। गृह मंत्री जी ने भी इसे लागू करने की बात कही है। हम देश के सभी राज्यों से अपील करते हैं कि वे भी अपने राज्य में इसे लागू करें। एक देश है तो एक कानून भी होना चाहिए। हमने इस बारे में एक विशेषज्ञ समिति बनाने का काम पूरा कर लिया है।

सवाल : उत्तराखंड में एक समस्या ब्यूरोक्रेट्स की भी रही है कि ये जिसकी सरकार चाहे बना देते हैं, जिसका चाहे खेल बिगाड़ देते हैं? आपका क्या अनुभव है?

जवाब : ये धारणा अब बदल दीजिए, होता होगा कभी पहले। पिछले चुनाव में भी कुछ नौकरशाह इसमें लिप्त भी रहे हो सकते हैं। उनके स्वार्थ होंगे, लेकिन आपको मैंने पहले भी कहा कि मुझे लोग शांत स्वभाव का समझते हैं वह मेरा व्यवहार है, लेकिन किससे कैसे काम लेना है, सब मैं जानता हूं और अब उन्हें भी ये समझ आ गया है कि उत्तराखंड कि देवतुल्य जनता तय करती है कि किसकी सरकार वो बनाएगी किसकी नहीं !

सवाल : एक समस्या ये भी देखने, पढ़ने और सुनने में आयी है कि यूपी में जो बड़े अपराधी हैं उन पर जब-जब सख्ती हुई वे उत्तराखंड में आकर छुप जाते हैं। यूपी से लगे मैदानी जिलो में इनके ठिकाने बनते जा रहे हैं?

जवाब : हमने इस बारे में चौकसी बरती है। पुलिस को सख्त हिदायत है कि उत्तराखंड किसी भी अपराधी की शरणस्थली न बने। पुलिस ने पिछले दिनों बड़े अपराधियों को पकड़ कर जेल भी भेजा है। हमारी पुलिस पड़ोस के राज्यों के साथ तालमेल के साथ काम कर रही है। हम यहां अपराध को पनपने नहीं देंगे।

सवाल : एक बड़ा सवाल उत्तराखंड को लेकर उभरा है, वह यह कि यहां जनसंख्या अंसतुलन बढ़ रहा है। चार मैदानी जिलो में तो ये खास वर्ग की आबादी 30 से 40 फीसदी तक पहुंच गई है। रोहिंग्या-बांग्लादेशी भी यहां घुसपैठ कर रहे हैं, कैसे नियंत्रण पाएंगे आप या आपकी सरकार? क्योंकि ये बॉर्डर सेंसटिव स्टेट है।

जवाब : ये समस्या जरूर दिख रही है, हमने पुलिस विभाग के जरिए एक सत्यापन का अभियान शुरू किया है। हम इस बारे में सतर्क हैं और आप देखना कि इसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे। जो भी सामाजिक राष्ट्रविरोधी तत्व हैं, उन्हें उत्तराखंड में नहीं रहने देंगे। हमारी कोशिश है कि ऐसे विषय पर हम और भी अध्ययन करें।

सवाल : इसी से जुड़ा सवाल है कि उत्तराखंड के युवाओं ने सोशल मीडिया पर एक मुहिम चलाई थी कि ” उत्तराखंड मांगे सशक्त भू कानून” आपने वायदा भी किया था कि हम इस पर काम करेंगे, इस ओर क्या काम चल रहा है?

जवाब : हमने इसके लिए एक समिति बनाई हुई है और वो सभी जिलाधियारियों के साथ समाज के सम्मानित लोगों के साथ संवाद कर रहे हैं। हम आपको विश्वास दिलाना चाहते हैं कि जो भी ये समिति सिफारिश देगी हम उसे पूरी ईमानदारी से लागू करेंगे।

सवाल : माना जाता है कि उत्तराखंड पहले देवभूमि बनी, अंग्रेजों ने इसे शिक्षा का एक हब बनाया और उसके बाद ये पर्यटन केंद्र बना, आपको नहीं लगता कि शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में इस समय और काम करने की जरूरत है?

जवाब : स्थानीय लोगों को पर्यटन, शिक्षा-चिकित्सा से जोड़ना है। हम इस ओर तेजी से काम कर रहे हैं और पहाड़ों में निजी स्कूलों को खोलने, पर्यटन क्षेत्र में होम स्टे खोलने के लिए प्रोत्साहन देना जैसे विषय हमारी योजना में हैं और इसमें हम कामयाब भी हो रहे हैं। पहाड़ की बुनियादी जरूरतें पूरी होंगी तो हम हर क्षेत्र में आगे बढ़ते जाएंगे, शिक्षा क्षेत्र में भी हम एक व्यापक योजना जल्द ही आपके सामने रखेंगे।

सवाल : आपने चार धाम का जिक्र किया, लेकिन आपने मन में एक पांचवां धाम भी है। सैन्य धाम को आप पांचवें धाम के रूप में पहचान दिलाने की बात करते हैं? क्या दिल में है आपके?

जवाब : उत्तराखंड देवभूमि है लेकिन साथ ही साथ ये वीर भूमि भी है। हमारे देश की रक्षा करने में 1700 रणबांकुरों ने अपनी शहादत हमारे राज्य उत्तराखंड से दी है। हम उनका सम्मान हमेशा करना चाहते हैं। हमने पिछले दिनों एक कार्यक्रम किया था। उन सभी बलिदानी परिवारों के घर से, उन्हें आंगन की मिट्टी मंगवा कर, देहरादून में शहीद स्मारक बनवा रहे हैं। इसे हम पांचवां धाम घोषित करते हैं तो इसमें सबका गौरव बढ़ता है। हम चाहते हैं कि लोग वहां जाएं और इन बलिदानियों के प्रति आदर और कृतज्ञता प्रकट करें।

मीडिया महामंथन के सत्र में खुला सत्र भी हुआ और दर्शकों के बीच से सवाल आए और उनका उत्तर धामी ने दिया।

श्रीहेमकुंड साहिब:
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि श्री हेमकुंड साहिब के द्वार तक श्रद्धालु रोपवे से जाएं, ऐसी पीएम मोदी की इच्छा है और इस ओर काम शुरू हो गया है। बाबा जी की कृपा हो, ये काम शीघ्र हम पूरा कर सकें।

स्वास्थ्य :
पहाड़ों में चिकित्सा सुविधाएं ठीक करने की दिशा में निरंतर काम हो रहा है। धामी ने कहा कि पहाड़ों पर मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं और हमने एम्स की एक सैट्लाइट शाखा हॉस्पिटल स्थापित करने का काम किच्छा में शुरू कर दिया है।

चारधाम यात्रा:

धामी ने महत्वपूर्ण विषय सामने रखते हुए कहा कि दो साल बाद चारधाम यात्रा खुली है। हमारी क्षमता से ज्यादा श्रद्धालु आ रहे हैं। मेरा अनुरोध है कि आएं जरूर लेकिन पोर्टल पर बुकिंग जरूर देख लें, यदि आने के बाद किसी यात्री को कष्ट होता है तो ये व्यक्तिगत रूप से मुझे कष्ट होगा। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में चालीस लोगों की मृत्यु हुई। यहां ये भ्रम फैलाया गया कि अव्यवस्था की वजह से ऐसा हुआ, जबकि मृत्यु का कारण अव्यवस्था नहीं बल्कि यात्रियों का रोगी होना था। कुछ को हृदय रोग कुछ को अन्य रोग थे और यात्रा में आने से पहले श्रद्धालु ये जरूर सुनिश्चित कर लें कि वे उच्च क्षेत्रों में यात्रा कर सकते हैं या नहीं? और वो यात्रा से पहले पोर्टल, होटल, धर्मशाला आदि जरूर सुनिश्चित कर लें।

Topics: सीएम धामीCM Dhamiउत्तराखंड समाचारपुष्कर सिंह धामीरोहिंग्यापांचजन्य-ऑर्गनाइजर मीडिया महामंथन 2022Encroachment anti-national elementsउत्तराखंड में अवैध मजार राष्ट्रविरोधी तत्व
Share22TweetSendShareSend
Previous News

धार्मिक स्थलों से उतारे गए 18 लाउडस्पीकर विद्यालयों को सौंपे

Next News

ज्ञानवापी मामला – कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट उपलब्ध कराने की मांग

संबंधित समाचार

उत्तराखंड : आपदा प्रबंधन रेस्क्यू टीमों की हिमालय राज्यों में सबसे ज्यादा जरूरत – सीएम धामी

उत्तराखंड : आपदा प्रबंधन रेस्क्यू टीमों की हिमालय राज्यों में सबसे ज्यादा जरूरत – सीएम धामी

उत्तराखंड पछुवा देहरादून : ढकरानी में मस्जिद, मदरसे की इमारतें अवैध रूप से बनी?

उत्तराखंड पछुवा देहरादून : ढकरानी में मस्जिद, मदरसे की इमारतें अवैध रूप से बनी?

उत्तराखंड : देहरादून एयरपोर्ट का नाम होगा अटल बिहारी वाजपेई एयरपोर्ट

उत्तराखंड : देहरादून एयरपोर्ट का नाम होगा अटल बिहारी वाजपेई एयरपोर्ट

पछुवा देहरादून अतिक्रमण : सरकारी जमीन पर खड़े कर दिए मदरसे और मस्जिद, खुद हटाने के लिए प्रशासन ने दिया वक्त

पछुवा देहरादून अतिक्रमण : सरकारी जमीन पर खड़े कर दिए मदरसे और मस्जिद, खुद हटाने के लिए प्रशासन ने दिया वक्त

मजार जिहाद के खिलाफ अभियान, आसन बैराज फॉरेस्ट गेस्ट हाउस के पास बनी अवैध मजारों को किया गया ध्वस्त

मजार जिहाद के खिलाफ अभियान, आसन बैराज फॉरेस्ट गेस्ट हाउस के पास बनी अवैध मजारों को किया गया ध्वस्त

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में भारी वर्षा की संभावना के दृष्टिगत जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के दिये निर्देश

उत्तराखंड : चैत्र नवरात्रि पर देवी मंदिरों में उत्सव की तैयारी, धामी सरकार ने जारी किया बजट

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

एमबीए छोड़ ड्रैगन फ्रूट से चमकाई किस्मत

एमबीए छोड़ ड्रैगन फ्रूट से चमकाई किस्मत

जी-20 बैठक : नॉन प्राइज पॉलिसी पर जी समूह के देशों ने की चर्चा

जी-20 बैठक : नॉन प्राइज पॉलिसी पर जी समूह के देशों ने की चर्चा

दिल्ली NCR समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके, घरों से बाहर भागे लोग

दिल्ली NCR समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके, घरों से बाहर भागे लोग

चीन से कर्ज को लेकर सतर्क है बांग्लादेश : शेख हसीना

चीन से कर्ज को लेकर सतर्क है बांग्लादेश : शेख हसीना

चीन को दरकिनार कर शेख हसीना की पेशकश, कहा- चटगांव-सिलहट बंदरगाह का इस्तेमाल कर सकता है भारत

चीन को दरकिनार कर शेख हसीना की पेशकश, कहा- चटगांव-सिलहट बंदरगाह का इस्तेमाल कर सकता है भारत

लंदन में भारतीय उच्चायोग ने खालिस्तानियों को दिया करार जबाव, ब्रिटिश सांसद ने भी कड़ा जबाव देने को कहा

लंदन में भारतीय उच्चायोग ने खालिस्तानियों को दिया करार जबाव, ब्रिटिश सांसद ने भी कड़ा जबाव देने को कहा

अतीक के कार्यालय से पिस्टल और रुपयों के बंडल बरामद

अतीक के कार्यालय से पिस्टल और रुपयों के बंडल बरामद

प्रदूषण से मिलेगी निजात, पराली से बनेगी बिजली

प्रदूषण से मिलेगी निजात, पराली से बनेगी बिजली

हाईकोर्ट की सरकार को फटकार, कहा- कैसे भागा अमृतपाल, क्या कर रही थी पुलिस?

हाईकोर्ट की सरकार को फटकार, कहा- कैसे भागा अमृतपाल, क्या कर रही थी पुलिस?

जानिए कौन है अमृतपाल सिंह, जिसने सुलगाई खालिस्तान और अलगाववाद की आग?

भगौड़े अमृतपाल के खिलाफ एलओसी व गैर जमानती वारंट जारी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • Vocal4Local
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies